1 महीने में 5 शूटआउट और लॉरेंस गैंग का कहर... कनाडा में अरबपति कारोबारी के कत्ल की Inside Story

2 days ago 1

हिंदुस्तान से करीब 11 हजार किलोमीटर दूर कनाडा की जमीन पर हिंदुस्तानी निशाने पर हैं. कोई शूटर उनके घर के बाहर गोलियां बरसा रहा है, तो किसी के घर पर गोलियों की आतिशबाजी हो रही है. कनाडा में कपिल शर्मा के कैप्स कैफे पर फायरिंग की तीसरी घटना को अभी पंद्रह दिन भी नहीं हुए थे कि अब एक और वारदात ने सबको हिला दिया है. इस बार गैंगस्टरों ने घात लगाकर भारतीय मूल के अरबपति कारोबारी दर्शन सिंह साहसी का कत्ल कर दिया.

कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया इलाके के एबोट्सफोर्ड से सामने आई सीसीटीवी की तस्वीरें 27 अक्टूबर की हैं. सुबह के 9 बजकर 22 मिनट का वक्त था. रिहायशी इलाके की सड़क पर गाड़ियां खड़ी थीं. लेकिन उन्हीं गाड़ियों के बीच एक ऐसी कार भी थी जो सड़क के बीचोबीच खड़ी दिखाई देती है. ये कोई आम कार नहीं थी, बल्कि गैंगस्टरों की वेटिंग कार थी, जिसमें शूटर अपने टारगेट का इंतजार कर रहे थे. चंद सेकेंड बाद सामने वाले मकान से एक शख्स बाहर निकलता है. 

वो अपनी मिनी ट्रक की पिछली सीट पर कुछ रखता है और गाड़ी में बैठता है. तभी अचानक बीच सड़क पर खड़ी कार की पिछली सीट से एक नकाबपोश बाहर निकलता है. सीधे मिनी ट्रक के पास जाकर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाने लगता है. एक, दो, तीन, चार, पांच, छह... गोलियों की पूरी मैग्जीन खाली कर दी जाती है. मिनी ट्रक के अंदर बैठा शख्स वहीं ढेर हो जाता है. नकाबपोश कुछ सेकेंड में अपना काम पूरा करता है, कार की फ्रंट सीट पर लौटता है.

Lawrence Bishnoi Gang Shootout

कार यू-टर्न लेकर उसी दिशा में फरार हो जाती है, जहां से आई थी. यह शिकार भारतीय मूल के अरबपति कारोबारी दर्शन सिंह साहसी का था. कनाडा में जन्मे, लेकिन हिंदुस्तान की जड़ों से जुड़े साहसी को लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने खुलेआम बीच सड़क पर गोलियों से छलनी कर दिया. उनके कत्ल के महज 24 घंटे बाद, 28 अक्टूबर की रात को ब्रिटिश कोलंबिया के एक और रिहायशी इलाके से गोलियों की गूंज सुनाई दी. रात का वक्त था, सड़कें सुनसान थीं. 

एक कार आकर एक इमारत के बाहर रुकती है. उसके अंदर बैठे लोग बैठे-बैठे ही गोलियों की झड़ी लगा देते हैं. गन से निकलती चिंगारियां दूर से आतिशबाजी जैसी दिखती हैं, लेकिन ये खुशी की नहीं बल्कि खौफ की फायरिंग थी. गनीमत रही कि इस बार कोई जान नहीं गई, लेकिन डर पूरे इलाके में फैल गया. जिस मकान को निशाना बनाया गया, वो मशहूर पंजाबी सिंगर चन्नी नट्टन का घर था. ठीक पहले कत्ल की तरह, इसके पीछे भी लॉरेंस गैंग का ही हाथ था.

दरअसल, भारतीय मूल के कारोबारी दर्शन सिंह साहसी ने गैंग की रंगदारी की मांग को अनदेखा कर दिया था. उन्होंने लॉरेंस गैंग के गुर्गों के कॉल उठाने बंद कर दिए थे. इसी बात से बौखलाकर गोल्डी ढिल्लों, जो बिश्नोई गैंग का विदेश में बैठा सदस्य है, ने इस शूटआउट की जिम्मेदारी खुद ली. उसने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डालकर न सिर्फ साहसी के कत्ल की जिम्मेदारी ली बल्कि खुलेआम धमकी दी कि जो भी हमारे गैंग की बात नहीं मानेगा, उसका यही हाल होगा.

Lawrence Bishnoi Gang Shootout

पोस्ट के आखिर में उसने लिखा #BossEurope. इसके साथ में लगाया शेर का इमोजी, जो शायद ये इशारा था कि अब लॉरेंस गैंग सिर्फ कनाडा ही नहीं, यूरोप में भी पैर पसारने की कोशिश कर रहा है. 68 साल के दर्शन सिंह साहसी का जन्म पंजाब के खन्ना जिले के राजगढ़ गांव में हुआ था. 40 साल पहले वे कनाडा गए. वहां अपने दम पर एक विशाल कारोबार खड़ा किया. वो कैनम इंटरनेशनल नामक कंपनी के मालिक थे, जो रीसाइकिल्ड क्लोथ की बड़ी कंपनियों में से एक है.

दर्शन सिंह साहसी अपने सामाजिक कामों के लिए भी जाने जाते थे. कनाडा से लेकर हिंदुस्तान तक जरूरतमंदों की मदद करने वाले साहसी के कत्ल की खबर से उनके पैतृक गांव में शोक की लहर दौड़ गई. उनके कत्ल के बाद गोल्डी ढिल्लों ने एक और पोस्ट डाली. इस बार उसने एक और पंजाबी सिंगर सरदार खेहरा की तस्वीर लगाई. उस पर एक क्रॉस मार्क बनाते हुए लिखा कि खेहरा ने गैंग की बातों की अनदेखी की है. उसने आगे लिखा कि अब उसका भी नंबर आएगा. 

Lawrence Bishnoi Gang Shootout

यही नहीं ढिल्लों ने खेहरा से जुड़े लोगों को भी चेतावनी दी कि वे दूरी बना लें, वरना अंजाम भुगतना पड़ेगा. चन्नी नट्टन के घर पर हुई फायरिंग भी इसी दुश्मनी का नतीजा बताई जा रही है. इन दोनों शूटआउट ने साफ कर दिया है कि लॉरेंस बिश्नोई गैंग अब कनाडा में अपना वर्चस्व जमाने की कोशिश कर रहा है. चौंकाने वाली बात ये है कि गोलियों के निशाने पर भारतीय हैं और ट्रिगर दबाने वाले भी भारत के ही हैं. यह अपराध भारत और कनाडा के बीच पनप रहे गैंग का नतीजा है.

कनाडा की सरकार ने हाल ही में लॉरेंस बिश्नोई गैंग को आतंकवादी संगठन घोषित किया है. लेकिन इस टैग और पाबंदी के बावजूद गैंग के हौसले कम नहीं हुए हैं. भारत की एजेंसियां भी इस नेटवर्क पर शिकंजा कसने में जुटी हैं. एनआईए ने लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ को पहले ही आतंकी करार दे रखा है. हाल ही में भारत की विदेश और गृह मंत्रालय की मदद से सीबीआई ने लॉरेंस गैंग के कुख्यात सदस्य लखविंदर कुमार उर्फ लाखा को अमेरिका से डिपोर्ट करवा कर लाया है.

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