350% टैरिफ... भारत नहीं, US लगाता है ज्‍यादा Tariff, सच बता रही WTO की ये रिपोर्ट!

19 hours ago 1

संयुक्त राज्य अमेरिका कुछ खास चीजों के आयात पर दुनिया में सबसे ज्‍यादा टैरिफ लगाता है, जिसमें डेयरी, तंबाकू और फूड प्रोडक्‍ट्स हैं. अमेरिका अपने घरेलू कारोबार के संरक्षण के मद्देनजर ये टैरिफ अन्‍य देशों पर लागू करता है. जबकि भारत का साधारण औसत टैरिफ 17% है.

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भारत से ज्‍यादा अमेरिका लगाता है टैरिफ. (Photo: AP)

अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप (Donald Trump) ने भारत पर 25 फीसदी टैरिफ और जुर्माने का ऐलान कर दिया, जो 1 अगस्‍त से लागू होगा. भारत पर जुर्माना- रूस से तेल और डिफेंस एक्‍सपोर्ट के कारण लगाया जा रहा है. ट्रंप ने भारत पर टैरिफ लगाते हुए कहा कि India दुनिया में सबसे ज्‍यादा टैरिफ लगाता है, लेकिन शायद अमेरिकी राष्‍ट्रपति को फैक्‍ट्स की जानकारी थोड़ी कम है. विश्‍व व्‍यापार संगठन (WTO) की रिपोर्ट में टैरिफ को लेकर कुछ अलग ही सच सामने आता है. 

बिजनेस टुडे पर छपी WTO की रिपोर्ट के मुताबिक, संयुक्त राज्य अमेरिका कुछ खास चीजों के आयात पर दुनिया में सबसे ज्‍यादा टैरिफ लगाता है, जिसमें डेयरी, तंबाकू और फूड प्रोडक्‍ट्स हैं. अमेरिका अपने घरेलू कारोबार के संरक्षण के मद्देनजर ये टैरिफ अन्‍य देशों पर लागू करता है. जबकि भारत का साधारण औसत टैरिफ 17% है, जो ट्रंप के आरोप से काफी कम है. 

350 फीसदी तक टैरिफ लगाता है अमेरिका
विश्व व्यापार संगठन (WTO) की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका तम्बाकू पर 350%, डेयरी पर 200% और फलों, सब्जियों और अनाज पर 130% से अधिक टैरिफ लगाता है. वहीं भारत व्हिस्की और वाइन पर 150% या कुछ ऑटोमोबाइल पर 125% का टैरिफ लगाता है. वहीं जापान चावल पर 400 फीसदी और कोरिया कुछ उत्‍पादों 887% तक टैरिफ लगाता है.  

आयात को लेकर सामने आया सच
व्यापार आंकड़ों में कुछ विसंगतियां भी सामने आई हैं. अमेरिकी आंकड़े लगातार भारत से आयात को भारत के निर्यात रिकॉर्ड से ज्‍यादा दिखाते हैं. 2024 में अमेरिका ने भारतीय आयात में 87.4 अरब डॉलर का आयात की जानकारी दी थी, जबकि भारत ने केवल 80.7 अरब डॉलर का आयात किया था. यानी 6.7 अरब डॉलर का अंतर दोनों देशों के आंकड़ों में दिखाई दिया. 2023 में भी 8 अरब डॉलर का ऐसा ही अंतर दर्ज किया गया था. 

भारत के वाणिज्य और राजस्व विभाग इन विसंगतियों को दूर करने के लिए काम कर रहे हैं. इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट में एक अधिकारी ने बताया कि वैश्विक डेटाबेस भारत के रिपोर्ट किए गए टैरिफ आंकड़ों पर निर्भर करते हैं, जबकि अमेरिकी आंकड़े आमतौर पर विश्व व्यापार संगठन के रिकॉर्ड से लिए जाते हैं. ऐसे में आयात को लेकर दो अलग-अलग आंकड़े सामने आ रहे हैं. 

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