‘अब 12 राज्यों में वोट चोरी का खेल होगा’, कांग्रेस का चुनाव आयोग पर बड़ा आरोप

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कांग्रेस ने सोमवार को चुनाव आयोग (ECI) और मोदी सरकार पर मिलकर वोट चोरी का खेल खेलने का आरोप लगाया है. पार्टी ने दावा किया कि बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के दौरान 69 लाख मतदाताओं के नाम हटाए गए, और अब यही प्रक्रिया 12 राज्यों में दोहराई जा रही है.

कांग्रेस ने X (ट्विटर) पर एक तीखा पोस्ट करते हुए लिखा, 'चुनाव आयोग अब 12 राज्यों में ‘वोट चोरी’ का खेल खेलने जा रहा है. बिहार में SIR के तहत 69 लाख वोट काटे गए, अब 12 राज्यों में करोड़ों वोट हटाए जाएंगे. यह खुली मतदाता चोरी है, जो नरेंद्र मोदी और चुनाव आयोग मिलकर कर रहे हैं.'

कांग्रेस के आरोप उस वक्त आए जब मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सोमवार को 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में SIR के अगले चरण की घोषणा की. उन्होंने कहा था कि बिहार चरण जीरो अपील के साथ पूरा हुआ, यानी किसी ने औपचारिक आपत्ति दर्ज नहीं की.

‘सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित, फिर इतनी जल्दबाज़ी क्यों?’

कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि पार्टी को चुनाव आयोग के इस फैसले पर तीन प्रमुख आपत्तियां हैं.

जब मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है, तो चुनाव आयोग इतनी जल्दबाज़ी क्यों दिखा रहा है? उन्होंने कहा कि ECI ने अवैध प्रवासियों (illegal migrants) के मुद्दे पर कोई पारदर्शिता नहीं दिखाई.उन्होंने कहा, 'बिहार में बीजेपी ने इसे राजनीतिक मुद्दा बनाया, लेकिन आयोग ने कोई डेटा साझा नहीं किया. अगर अवैध प्रवासी मुद्दा इतना अहम है, तो फिर असम में SIR क्यों नहीं हुआ? यह केंद्र सरकार की नाकामी है.'  

‘बिहार SIR ने BJP और ECI की मंशा उजागर की’

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि बिहार का SIR अभियान पहले ही चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल खड़े कर चुका है. खेड़ा ने कहा, 'आयोग ने 12 राज्यों में SIR की घोषणा कर दी, लेकिन बिहार में क्या हुआ, इसका जवाब आज तक नहीं मिला. मामला इतना गंभीर था कि सुप्रीम कोर्ट को हस्तक्षेप करना पड़ा.'

उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार की पूरी प्रक्रिया ने BJP और ECI दोनों की नीयत पर सवाल खड़े किए. खेड़ा ने राहुल गांधी के उस आरोप का भी जिक्र किया जिसमें उन्होंने अलंद विधानसभा क्षेत्र में मतदाता सूची में हेराफेरी की बात कही थी. SIT जांच में यह पाया गया कि मतदाता सूची से नाम हटाने के लिए एक संगठित तंत्र काम कर रहा था. अब जब SIR को पूरे देश में बढ़ाया जा रहा है, तो संदेह स्वाभाविक है. यह फैसला पारदर्शी नहीं दिखता.'

‘जांच के बजाय खेल में शामिल हो गया आयोग’

कांग्रेस ने कहा कि बिहार अभियान के दौरान उठे सवालों की चुनाव आयोग ने जांच नहीं की, बल्कि खुद उस खेल का हिस्सा बन गया.

पार्टी ने कहा, 'SIR में अधिकारी हर घर जाकर नए वोटर जोड़ते हैं और कुछ नाम हटाते हैं. इसी प्रक्रिया में मतदाता हेराफेरी के कई मामले सामने आए. आयोग को इन शिकायतों की जांच करनी चाहिए थी, लेकिन उसने खुद इस अभियान का विस्तार कर दिया.'

ECI का पक्ष

वहीं, चुनाव आयोग का कहना है कि SIR उसकी नियमित मतदाता सूची पुनरीक्षण प्रक्रिया का हिस्सा है, ताकि मतदाता सूची को सही और अपडेट रखा जा सके. आयोग के अनुसार, बिहार चरण के दौरान कोई औपचारिक आपत्ति या अपील दर्ज नहीं हुई.

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