'राजनीति में झाल बजाने नहीं आए हैं', लालू-तेजस्वी पर आगबबूला हो गए शरद यादव के बेट शांतनु

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बिहार विधानसभा चुनाव में पहले चरण की वोटिंग के लिए नामांकन का वक्त खत्म हो चुका है लेकिन महागठबंधन के बीच शीट शेयरिंग का विवाद अब तक पूरी तरह नहीं सुलझ पाया है. इस बीच तेजस्वी यादव की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनता दल में अपनी पार्टी का विलय करने वाले पूर्व कद्दावर नेता शरद यादव के बेटे ने उन पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. 

राजनीति में झाल बजाने नहीं आए:  शांतनु यादव

पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव के बेटे शांतनु यादव ने आरजेडी पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है. शांतनु ने कहा कि उनके पिता ने जननायक जनता दल का राजद में विलय कर दिया था, लेकिन अब वादे के बावजूद टिकट किसी और को दे दिया गया. उन्होंने कहा, 'हम राजनीति में झाल बजाने नहीं आए हैं, पिता की विरासत को आगे बढ़ाएंगे.'
 
जननायक जनता दल के संस्थापक और वरिष्ठ दिवंगत नेता शरद यादव के बेटे शांतनु यादव ने खुलकर पार्टी नेतृत्व पर हमला बोला है. शांतनु ने कहा कि उनके पिता ने राजद में अपनी पार्टी का विलय इस भरोसे पर किया था कि उन्हें मधेपुरा लोकसभा सीट से मौका दिया जाएगा, लेकिन वादे के बावजूद उन्हें टिकट नहीं दिया गया.

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— Shantanu Yadav (@shantanu_yadav1) October 18, 2025

मधेपुरा से टिकट नहीं मिलने पर भड़के शांतनु यादव

शांतनु यादव ने कहा, 'मेरे पिता ने राजद (आरजेडी) में अपनी पार्टी मर्ज की थी. उस समय वादा किया गया था कि मुझे मधेपुरा से लोकसभा चुनाव लड़ने का मौका मिलेगा. लेकिन बाद में लालू जी और तेजस्वी जी ने कहा कि आप विधानसभा चुनाव लड़िए. हमने उन्हें अभिभावक मानते हुए सहमति दे दी. अब आख़िरी वक्त में टिकट किसी और को दे दिया गया.'

शांतनु निर्दलीय लड़ सकते हैं चुनाव

शांतनु ने इशारों में संकेत दिया कि वह अपने समर्थकों और क्षेत्र के लोगों से चर्चा कर आगे की रणनीति तय करेंगे. राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, शांतनु यादव का यह बयान मधेपुरा सीट पर राजद के समीकरणों को प्रभावित कर सकता है. यह इलाका यादव राजनीति का गढ़ माना जाता है और शरद यादव ने यहां से कई बार सांसद रहकर मजबूत जनाधार बनाया था.

आरजेडी ने इस बार टिकट संतुलन साधने के लिए दूसरे चेहरे को मौका दिया है, जिससे यादव परिवार के कुछ समर्थकों में नाराज़गी है. हालांकि, पार्टी की ओर से अब तक शांतनु यादव के आरोपों पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है. अगर आने वाले दिनों में शांतनु यादव कोई बड़ा कदम उठाते हैं या अलग रास्ता अपनाते हैं, तो यह मधेपुरा और कोसी क्षेत्र में आरजेडी के वोट बैंक पर असर डाल सकता है.

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