कल या परसों कब है दिवाली? अभी नोट कर लें लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त

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हर साल कार्तिक अमावस्या को दिवाली का त्योहार मनाया जाता है. दीपावली की अंधेरी रात को महानिशा भी कहते हैं. ऐसी मान्यताएं हैं कि दिवाली की रात धन की देवी मां लक्ष्मी पृथ्वी लोक पर भ्रमण करती हैं. जो भी व्यक्ति दिवाली की रात मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करता है, उसकी प्रार्थना अवश्य स्वीकृत होती है और धनधान्य में वृद्धि होती है. इस दिन मां लक्ष्मी के स्वागत के लिए घर के आंगन और मुख्य द्वार पर दीपक भी जलाए जाते हैं. हालांकि इस बार दिवाली की तारीख को लेकर लोगों में बहुत कन्फ्यूजन है. कोई 20 अक्टूबर तो कोई 21 अक्टूबर को दिवाली बता रहा है. आइए आपको दिवाली की सही तारीख बताते हैं.

20 या 21 अक्टूबर कब है दिवाली? (Diwali 2025 Date)
इस बार कार्तिक अमावस्या तिथि दो दिन पड़ रही है. 20 और 21 अक्टूबर दोनों दिन कार्तिक अमावस्या रहेगी. कार्तिक अमावस्या 20 अक्टूबर को दोपहर 3 बजकर 44 मिनट पर होगी और तिथि का समापन 21 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 55 मिनट पर होगा. हालांकि दीवाली पर प्रदोष और निशीत काल अनिवार्य होता है. ऐसे में ज्योतिषविदों का कहना है कि दिवाली सोमवार, 20 अक्टूबर को मनाना ही उचित होगा.

दिवाली पर पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है? (Diwali 2025 Shubh Muhurt)
दीपावली के दिन लक्ष्मी-गणेश की संयुक्त पूजा के लिए तीन शुभ मुहूर्त रहने वाले हैं. पहला शुभ मुहूर्त प्रदोष काल शाम 05 बजकर 46 मिनट से रात 08 बजकर 18 मिनट तक रहेगा. आप चाहें तो शाम 7 बजकर 08 मिनट से लेकर रात 9 बजकर 03 मिनट के बीच वृषभ काल में भी पूजा कर सकते हैं. यह घड़ी भी पूजा के लिए बहुत शुभ मानी जाती है.

दिवाली पर देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा का सर्वोत्तम मुहूर्त यानी सबसे अच्छा मुहूर्त शाम 07 बजकर 08 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 18 मिनट के बीच का रहेगा. इस दौरान आपको लक्ष्मी-गणेश की पूजा के लिए करीब 1 घंटा 11 मिनट का समय मिलेगा.

कैसे करें दीपावली की पूजा? (Diwali 2025 Puja Vidhi)
दिवाली की शाम पूजा के लिए पूर्व दिशा या ईशान कोण में एक चौकी रखें. चौकी पर लाल या गुलाबी वस्त्र बिछाएं. इस पर पहले भगवान गणेश और फिर उनके दाहिनी ओर मां लक्ष्मी जी की मूर्ति रखें. चौकी के चारों और गंगाजल छिड़कें और फिर पूजा का संकल्प लें. सबसे पहले लक्ष्मी-गणेश के सामने एकमुखी घी का दीपक जलाएं. फिर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश को फूल, फल और मिठाई अर्पित करें. इस दिन लक्ष्मी जी को खील-बताशे अर्पित करना भी शुभ माना जाता है. इसके बाद माता लक्ष्मी और भगवान गणेश के मंत्रों का जाप करें. उनकी आरती उतारें. अंत में शंख ध्वनि करें.

पूजा के दौरान घर के अलग-अलग हिस्सों में दीपक रखने के लिए भी जला लें. पूजन स्थल के अलावा, नल के पास, छत, मुख्य द्वार, उत्तर दिशा में दीपक जरूर जलाएं. ध्यान रहे कि दीपावली का पूजन लाल, पीले और चमकदार रंग के वस्त्र धारण करके करें. काले या सफेद वस्त्र न पहलें

दीपावली पर क्या रखें सावधानियां? (Diwali 2025 Precautions)
दीपावली की पूजा और सजावट में मिट्टी के दीपों का अधिक से अधिक प्रयोग करें. इस दिन मुख्य द्वार को सूना न रखें. वहां आम के पत्तों का वंदनवार लगाना न भूलें. भगवान गणेश और लक्ष्मी जी की अलग-अलग प्रतिमा ही स्थापित करें. इस दिन घर में शुद्धता और सात्विकता का विशेष ख्याल रखें. घर में बनाया गया भोजन पूरी तरह से सात्विक होना चाहिए. पहले भगवान को भोग लगाएं और फिर सभी मिलकर भोजन करें.

कई जगहों पर लोग दिवाली पर जुआ लॉटरी खेलते हैं. ऐसी गलती बिल्कुल न करें, क्योंकि ये एक गलती दरिद्रता लेकर आ सकती है. घर की महिलाओं के साथ सौहार्द्रपूर्ण व्यवहार रखें. मांस-मदिरा का सेवन बिल्कुल न करें. दीपावली की रात मां लक्ष्मी के सामने जलने वाला दीपक पूरी रात प्रज्वलित रहने दें. इसे बुझने न दें.

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