ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अपने 25 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है. यह सूची पार्टी की बिहार इकाई ने राष्ट्रीय नेतृत्व से विचार-विमर्श के बाद तैयार की है. पार्टी ने कहा है कि उसका उद्देश्य "बिहार के सबसे कमजोर और उपेक्षित लोगों की आवाज बनना" है.
राज्य इकाई के अध्यक्ष अख्तरुल इमान ने इस अवसर पर कहा कि यह गठबंधन "धर्मनिरपेक्ष दलों के साथ मिलकर सांप्रदायिक ताकतों को रोकने की दिशा में एक कदम" है. उन्होंने बताया कि इस गठबंधन के तहत एआईएमआईएम 35 विधानसभा सीटों पर, आजाद समाज पार्टी 25 सीटों पर और अपनी जनता पार्टी 4 सीटों पर चुनाव लड़ेगी.
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पार्टी ने अपने आधिकारिक बयान में कहा, "हमें खुशी है कि हम बिहार विधानसभा चुनावों के लिए एआईएमआईएम उम्मीदवारों की सूची जारी कर रहे हैं. इन उम्मीदवारों का चयन बिहार यूनिट और राष्ट्रीय नेतृत्व के परामर्श से किया गया है. इंशाअल्लाह, हम बिहार के सबसे कमजोर और उपेक्षित लोगों की आवाज बनेंगे."
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बिहार विधानसभा चुनाव के AIMIM प्रत्याशियों के नाम कुछ इस तरह हैं। इंशाअल्लाह उम्मीद है कि हम बिहार के सबसे मज़लूम लोगों की आवाज़ बनेंगे। यह सूची AIMIM बिहार यूनिट ने तैयार की है और इस सिलसिले में पार्टी की क़ौमी कियादत से भी मशविरा किया गया है।
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2020 में AIMIM ने पांच सीटें जीती थी
एआईएमआईएम ने पिछले विधानसभा चुनावों में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी. 2020 के चुनावों में पार्टी ने पांच सीटों पर जीत हासिल की थी और कई क्षेत्रों में राजद, कांग्रेस और वाम दलों के गठबंधन को प्रभावित किया था. हालांकि, चुनाव के बाद पार्टी के चार विधायक आरजेडी में शामिल हो गए थे, जिससे अख्तरुल इमान विधानसभा में एआईएमआईएम के एकमात्र विधायक रह गए.
पिछले चुनाव अलग गठबंधन में AIMIM ने लड़ा चुनाव
2020 के चुनाव में एआईएमआईएम ने मायावती की बहुजन समाज पार्टी (BSP) और अब अस्तित्व में न रह चुकी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था. तब से बिहार की राजनीतिक तस्वीर काफी बदल चुकी है, क्योंकि कुछ पूर्व सहयोगी अब एनडीए खेमे में शामिल हो चुके हैं.
इस बार एआईएमआईएम नए गठबंधन और नए मुद्दों के साथ मैदान में उतर रही है, और उसका फोकस सामाजिक न्याय, शिक्षा और अल्पसंख्यक अधिकारों पर होगा.
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