खालिस्तानी ग्रुप से दिलजीत को मिली धमकी, सिंगर ने दिया जवाब?

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दिलजीत दोसांझ हाल ही में विवादों में आ थे. एक खालिस्तानी संगठन ने उन्हें दिग्गज एक्टर अमिताभ बच्चन के प्रति सम्मान दिखाने के लिए धमकी दी. यह घटना गेम शो 'कौन बनेगा करोड़पति' सीजन 17 के एक प्रोमोशनल क्लिप के रिलीज होने के बाद हुई. 31 अक्टूबर को प्रसारित हुए इस एपिसोड के प्रसारण से एक दिन पहले प्रतिबंधित खालिस्तानी समूह सिख्स फॉर जस्टिस (SFJ) ने दोसांझ को एक निशाना बनाया. इस वीडियो में उन्हें अमिताभ बच्चन के पैर छूते देखा गया था.

SFJ प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू ने बाद में सिंगर दिलजीत दोसांझ को चेतावनी दी थी. साथ ही 1 नवंबर को ऑस्ट्रेलिया में होने वाले उनके कॉन्सर्ट को रोकने की धमकी भी दी थी. विवाद के बीच दिलजीत दोसांझ ने इंस्टाग्राम पर एक क्रिप्टिक पोस्ट शेयर की है. माना जा रहा है कि ये उनका जवाब है. धमकियों पर सीधे कमेंट की बिना उन्होंने लिखा कि केबीसी में उनकी भागीदारी खुद के प्रचार के बजाय सामाजिक चिंताओं से प्रेरित थी.

अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर पंजाबी में दिलजीत दोसांझ ने लिखा, 'न मैं किसी फिल्म के प्रमोशन के लिए गया था, न किसी गाने के प्रमोशन के लिये. पंजाब की बाढ़ के लिए गया था... कि नेशनल लेवल पर बात हो... और लोग डोनेट कर सकें.' अमिताभ बच्चन के शो 'कौन बनेगा करोड़पति 17' पर दोसांझ का परफॉरमेंस पंजाब में बाढ़ राहत पर ध्यान आकर्षित करने के लिए था.

दिलजीत दोसांझ की इंस्टा स्टोरी (Photo: Screengrab)

क्या है पूरा मामला?

खालिस्तानी आतंकी संगठन सिख्स फॉर जस्टिस (SFJ) ने पंजाबी सिंगर दिलजीत दोसांझ के 1 नवंबर को ऑस्ट्रेलिया में होने वाले कॉन्सर्ट को बंद करवाने की धमकी दी थी. इस दिन को अकाल तख्त साहिब ने 'सिख नरसंहार स्मरण दिवस' घोषित किया. यह कार्रवाई दिलजीत दोसांझ के अमिताभ बच्चन के पैर छूने के बाद की गई थी. अमिताभ के गेम शो 'कौन बनेगा करोड़पति' सीजन 17 में दिलजीत दोसांझ ने शिरकत की थी. शो के प्रोमो में उन्हें बच्चन के पैर छूते और उन्हें गले लगाते देखा गया.

आतंकी संगठन के मुताबिक, अमिताभ बच्चन वो बॉलीवुड एक्टर हैं, जिन्होंने 31 अक्टूबर 1984 को 'खून का बदला खून' के नारे के साथ हिंदुस्तानी भीड़ को उकसाया था, जिसके बाद हिंसक दस्तों ने नरसंहार किया. इसमें भारतभर में 30,000 से अधिक सिख पुरुष, महिलाएं और बच्चे मारे गए थे.

SFJ के जनरल काउंसल गुरपतवंत सिंह पन्नू ने कहा था, 'अमिताभ बच्चन, जिनके शब्दों ने नरसंहार को उकसाया, उनके पैर छूकर दिलजीत दोसांझ ने 1984 के सिख नरसंहार के हर पीड़ित, हर विधवा और हर अनाथ का अपमान किया है. यह अज्ञानता नहीं बल्कि विश्वासघात है. जिन सिखों को जिंदा जलाया गया, जिन महिलाओं के साथ बलात्कार हुआ, जिन बच्चों को काट डाला गया, उनकी राख अभी ठंडी नहीं हुई है. कोई भी सिख, जिसे अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनाई दे, 1 नवंबर, स्मरण दिवस पर प्रदर्शन या उत्सव नहीं मना सकता.'

बिग बी के पैर छूने से दोसांझ पर नाराज

सिख्स फॉर जस्टिस का कहना था कि 41 सालों से सिखों की हत्या को उकसाने वाले किसी भी भारतीय नेता या सेलिब्रिटी को जवाबदेह नहीं ठहराया गया है. इसके बजाय इन लोगों को पुरस्कृत, सम्मानित और सफेदपोश किया गया है. अब जब दुनिया में इस नरसंहार को याद किया जाता है, तब दिलजीत दोसांझ, जो कि एक ग्लोबल पंजाबी आइकन हैं, इस शोक के महीने को व्यावसायिक बना रहे हैं. अमिताभ बच्चन के नरसंहारकारी आह्वान की छाया में कॉन्सर्ट कर रहे हैं.

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