दीपों की जगमगाहट के अगले दिन बुधवार को गुजराती नववर्ष विक्रम संवत 2082 (बेसतू वर्ष) का शुभारंभ हो गया है. नववर्ष के पहले दिन राज्य के प्रमुख मंदिरों में सुबह से ही भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. इस अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने भी प्रमुख मंदिरों में शीश नवाकर नववर्ष का आशीर्वाद लिया.
गुजरात में नववर्ष के अवसर पर अंबाजी मंदिर भक्तों से खचाखच भरा नजर आया. देश के सबसे बड़े शक्तिपीठों में से एक अंबा मंदिर में सुबह 6 बजे मंगला आरती की गई, जिसमें भक्तों की लंबी कतारें देखी गईं. नए साल पर माताजी के एक भक्त ने 100 ग्राम सोना भेंट किया, जिसकी कीमत लगभग 13 लाख रुपए है.
नववर्ष के दिन माताजी को 56 भोगों का अन्नकूट लगाया गया, जिसमें तमाम प्रकार की मिठाइयां शामिल थीं. दोपहर में माताजी को लगभग 10 किलो की सोने की थाली में राजभोग परोसा गया.
नववर्ष पर अंबाजी मंदिर में सुबह मंगला आरती, दोपहर अन्नकूट आरती और शाम को सायं आरती की जाती हैं, जिनमें भारी भीड़ देखी गई.
CM भूपेंद्र पटेल ने किए नगरदेवी के दर्शन
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने भी नववर्ष के मौके पर मंदिरों में दर्शन कर आशीर्वाद लिया. मुख्यमंत्री सुबह पहले गांधीनगर स्थित पंचदेव मंदिर पहुंचे, फिर अदालज स्थित त्रिमंदिर गए. इसके बाद उन्होंने राज्यपाल से मुलाकात कर नववर्ष की शुभकामनाओं का आदान-प्रदान किया. सुबह 10:30 बजे मुख्यमंत्री अहमदाबाद की नगरदेवी मां भद्रकाली मंदिर पहुंचे और माता के सामने शीश झुकाया.
'बेसतू वर्ष' की परंपरा
गुजरात में लोग नववर्ष पर सुबह जल्दी उठकर मंदिरों में दर्शन करते हैं, बड़ों-बुजुर्गों का आशीर्वाद लेते हैं और एक-दूसरे के घर जाकर शुभकामनाओं का आदान-प्रदान करते हैं. इस दौरान बाजार लाभ पंचमी तक बंद रहते हैं. लाभ पंचमी से बाजार फिर से खुलते हैं और सड़कों पर वाहनों की भीड़ देखने को मिलती है.
(इनपुट: शक्ति सिंह परमार, जगत सिंह)
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