देश के भ्रष्टाचार-रोधी शीर्ष संगठन लोकपाल को बुधवार को विपक्ष की कड़ी आलोचना झेलनी पड़ी. वजह ये थी कि लोकपाल ने सात महंगी BMW कारें खरीदने के लिए टेंडर जारी किया. इस पर विपक्षी नेताओं ने तंज कसते हुए कहा कि अब ईमानदारी के पहरेदार भी लग्जरी और आराम के शौकीन बन गए हैं.
'अब लोकपाल नहीं, ‘शौकपाल’ बन गया'
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने लोकपाल पर तीखा हमला करते हुए कहा कि अब यह संस्था लोकपाल नहीं बल्कि शौकपाल बन गई है यानी भ्रष्टाचार पर निगरानी के बजाय अपने निजी शौक पूरे करने में लगी है. उन्होंने लोकपाल के जांच रिकॉर्ड पर भी सवाल उठाते हुए पूछा कि अब तक इस संस्था ने कौन-सी बड़ी जांच या गिरफ्तारी की है.
जयराम रमेश ने कहा कि अन्ना हजारे, अरविंद केजरीवाल, इंडिया अगेंस्ट करप्शन और आरएसएस ने मिलकर मनमोहन सिंह सरकार के खिलाफ जो झूठा माहौल बनाया था, अब उसी आंदोलन से निकले लोकपाल की असलियत जनता के सामने है. उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि अब लोकपाल 'शॉकपाल', 'शोकपाल' और 'शौकपाल' तीनों बन चुका है.
जजों के लिए साधारण गाड़ी और...
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट के जजों को सामान्य सेडान गाड़ियां दी जाती हैं, तो फिर लोकपाल के चेयरमैन और छह सदस्यों को BMW जैसी लग्जरी गाड़ियां क्यों चाहिएं? लोकपाल को सार्वजनिक धन से ये गाड़ियां खरीदने की क्या जरूरत है? उम्मीद है कि कम से कम एक-दो सदस्य तो इन गाड़ियों को लेने से इनकार करेंगे.
‘ईमानदारी के पहरेदार अब विलासिता के दीवाने’
कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने भी लोकपाल की आलोचना करते हुए कहा कि मैं लोकपाल पर संसदीय समिति का चेयरमैन रहा हूं. डॉ. एल.एम. सिंघवी ने 1960 के दशक में लोकपाल की अवधारणा दी थी. अब वही संस्था अपने सदस्यों के लिए BMW कारें खरीद रही है, ये सच्चाई बेहद विडंबनापूर्ण है.
उन्होंने X (ट्विटर) पर लिखा कि 8,703 शिकायतें, सिर्फ 24 जांचें, 6 अभियोजन की मंजूरी... और अब हर सदस्य के लिए 70 लाख की BMW. अगर यही हमारा भ्रष्टाचार-रोधी प्रहरी है, तो ये पैंथर नहीं, पूडल बन चुका है.
'अब लोकपाल खुद जांच के दायरे में आए'
टीएमसी सांसद साकेत गोखले ने X पर लिखा कि लोकपाल का वार्षिक बजट 44.32 करोड़ रुपये है और अब वे करीब 5 करोड़ रुपये की 7 BMW गाड़ियां खरीद रहे हैं. यानी कुल बजट का लगभग 10 प्रतिशत सिर्फ कारों पर खर्च किया जा रहा है. उन्होंने सवाल उठाया कि जब लोकपाल ही भ्रष्टाचार-विरोधी संस्था है तो अब भ्रष्ट लोकपाल की जांच कौन करेगा?.
प्रियंका चतुर्वेदी का तंज, ‘गजब का जोकपाल!’
शिवसेना (UBT) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी लोकपाल पर कटाक्ष किया और लिखा कि भारतीय टैक्सपेयर्स के पैसे पर ‘गजब का जोकपाल’ और वैसे, सरकार का ‘स्वदेशी’ नारा कहां गया? उन्होंने आगे कहा कि लोकपाल का मकसद था पारदर्शिता और जवाबदेही लाना लेकिन खुद यह संस्था नैतिक रूप से भ्रष्ट होती जा रही है. महुआ मोइत्रा की लिपस्टिक और स्कार्फ तक की जांच से लेकर अब BMW खरीदने की चाह इसीलिए मैं इसे ‘जोकपाल’ या ‘LOLपाल’ कहती हूं.
क्या है पूरा मामला?
लोकपाल ने हाल ही में एक टेंडर जारी किया है जिसमें सात BMW 3 Series 330Li 'M Sport' मॉडल की कारें खरीदने की बात कही गई है. इन गाड़ियों की कीमत करीब 69.5 लाख रुपये प्रति यूनिट बताई गई है, जो कुल मिलाकर लगभग 5 करोड़ रुपये बैठती है. ये गाड़ियां चेयरमैन जस्टिस (रिटायर्ड) ए.एम. खानविलकर और संस्थान के छह अन्य सदस्यों के लिए खरीदी जानी हैं.
ड्राइवरों के लिए BMW ट्रेनिंग भी अनिवार्य
टेंडर के मुताबिक गाड़ियां सप्लाई करने वाली एजेंसी को सात दिन की ट्रेनिंग देनी होगी जिसमें ड्राइवरों और स्टाफ को कार की फीचर्स, सेफ्टी सिस्टम, इमरजेंसी हैंडलिंग और 50 से 100 किलोमीटर की ऑन-रोड प्रैक्टिस कराई जाएगी. ये ट्रेनिंग पूरी तरह सप्लायर कंपनी के खर्च पर होगी और इसे गाड़ियों की डिलीवरी के 15 दिनों के अंदर पूरा करना होगा.
टेंडर की शर्तें और टाइमलाइन
बता दें कि टेंडर 16 अक्टूबर को जारी हुआ. इसमें बोली जमा करने की आखिरी तारीख 6 नवंबर है. बोली लगाने वालों को 10 लाख रुपये की सिक्योरिटी डिपॉजिट (EMD) देनी होगी. गाड़ियां ऑर्डर मिलने के बाद दो हफ्तों के भीतर (अधिकतम 30 दिन में) डिलीवर करनी होंगी.
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