घी-मक्खन से AC-TV, फ्रीज तक... बस एक दिन का इंतजार, GST छूट लाएगा बहार, सस्‍ती हो जाएंगी ये 175 चीजें!

6 days ago 1

जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक आज से शुरू हो चुकी है और कल इस बैठक के तहत लिए गए फैसले का ऐलान होगा, जिसका ब्रेसब्री से इंतजार कंपनियों से लेकर आम आदमी तक को है. क्‍योंकि 15 अगस्‍त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से एक बड़ा ऐलान करते हुए दिवाली पर नए GST रिफॉर्म लाने की बात कही थी. इस ऐलान के बाद जीएसटी परिषद (GST Council) की यह पहली बैठक है. 

जीएसटी काउंसिल की इस बैठक में कई बड़े ऐलान हो सकते हैं. साथ ही दिवाली पर लागू होने वाले नए GST Reform के तहत दो टैक्‍स स्‍लैब और आम आदमी से जुड़ी चीजें सस्‍ती करने पर मुहर लग सकती है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी कहा है कि दो दिन चलने वाले इस बैठक में दरों को युक्तिसंगत बनाने के मुद्दे पर चर्चा होने की उम्‍मीद है, जिसमें डेली यूज के साथ-साथ महंगी वस्‍तुएं भी सस्‍ती होंगी. 

2 स्‍लैब करने पर होगी चर्चा 
केंद्र के प्रस्ताव के अनुसार, अब सिर्फ दो जीएसटी स्लैब हो सकते हैं. इसमें 28 प्रतिशत वाले स्लैब में आने वाली सभी वस्तुएं, हानिकारक वस्तुओं को छोड़कर, 18 प्रतिशत वाले स्लैब में शामिल हो सकती हैं और 12 प्रतिशत वाले स्लैब की वस्‍तुएं 5 प्रतिशत वाले स्लैब में आ सकती हैं. 40 प्रतिशत का एक और स्लैब होगा, जो 6-7 वस्तुओं पर लगाया जाएगा, जिनमें से ज्‍यादातर हानिकारक और लग्‍जरी वस्‍तुएं होंगी. 

GST Council Meet

175 वस्‍तुएं हो सकती हैं सस्‍ती 
मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक, आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि करीब 175 वस्तुओं पर जीएसटी दरों में कटौती हो सकती है, जिनमें खाद्य पदार्थ, बादाम, स्नैक्स, रेडी-टू-ईट आइटम, जैम, घी, मक्खन, अचार, मुरब्बा, चटनी, ऑटोमोबाइल, ट्रैक्टर, इलेक्ट्रॉनिक्स, AC, रेफ्रिजरेटर आदि चीजें शामिल हैं. 

सूत्रों का कहना है कि अगर मंत्रिसमूह (जीओएम) के रेट कटौती प्रस्‍ताव को जीएसटी काउंसिल स्वीकार कर लेती है तो सभी वस्तुओं पर औसत जीएसटी दर, जो वर्तमान में लगभग 11.5 प्रतिशत है, घटकर 10 प्रतिशत से नीचे आ जाएगी.

GST Rate Cut

12-28% स्‍लैब में आने वाली कुछ खास वस्‍तुएं

  • घी
  • मक्खन
  • चीज
  • पैक्ड फ्रोजन सब्जि‍यां
  • फ्रूट जूस (अधिकतर, नॉन-एरेटेड)
  • छाता 
  • सोलर वॉटर हीटर
  • कृषि उपकरण 
  • एयर कंडीशनर
  • सीमेंट 
  • कार/एसयूवी

हेल्‍थ और इंश्‍योरेंस को जीएसटी से छूट 
मंत्रियों के समूहों का प्रस्‍ताव है कि स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम को जीएसटी दायरे से अलग रखना चाहिए. यानी इसपर टैक्‍स नहीं लगाया जाना चाहिए. हालांकि इससे राजस्‍व में गिरावट आएगी. तेलंगाना के उपमुख्यमंत्री मल्लू भट्टी विक्रमार्क के अनुसार, व्यक्तियों के लिए स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर पूरी छूट से अनुमानित रूप से सालाना 9,700 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान होगा. 

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