टॉप ऑर्डर फ्लॉप, प्रैक्टिस की कमी... AUS के खिलाफ पहले वनडे में कहां चूक गई टीम इंडिया, ये रहे हार के कारण

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भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन मैचों की वनडे सीरीज के पहले मुकाबले में सात विकेट से हार का सामना करना पड़ा. पर्थ के ऑप्टस स्टेडियम में रविवार (19 अक्टूबर) को आयोजित इस मुकाबले में ऑस्ट्रेलियाई टीम को डीएलएस नियम के तहत जीत के लिए 131 रनों का टारगेट मिला था, जिसे उसने 29 गेंद बाकी रहते हासिल कर लिया. अब वनडे सीरीज का दूसरा मुकाबला 23 अक्टूबर (गुरुवार) को एडिलेड ओवल में खेला जाना है.

भारतीय टीम का टॉप आर्डर इस मैच में धराशायी हो गया. भारतीय टीम के चार विकेट 50 रनों के अंदर ही गिर गए. विराट कोहली अपना खाता नहीं खोल सके, वहीं रोहित शर्मा केवल 8 रन बना सके. शुभमन गिल (10 रन) और श्रेयस अय्यर (11 रन) भी क्रीज पर ज्यादा देर नहीं टिक पाए. टॉप बल्लेबाजों के आउट होने का प्रेशर बाकी बैटर्स पर भी दिखा. हालांकि केएल राहुल और अक्षर पटेल ने बाद में जाकर कुछ अच्छी बैटिंग की, लेकिन भारत विपक्षी टीम के सामने बड़ा टारगेट सेट नहीं कर पाया.

विराट कोहली और रोहित शर्मा चैम्पियंस ट्रॉफी के बाद अपना पहला इंटरनेशनल मुकाबला खेलने उतरे थे. ये दोनों दिग्गज इतने लंबे ब्रेक के बाद सीधे ऑस्ट्रेलिया पहुंचे. यदि इन्होंने भारत-ए के लिए कुछ प्रैक्टिस मैच खेले होते, तो जरूर फायदा होता. यानी प्रैक्टिस की कमी भी देखने को मिली. भारतीय टीम तीन दिन पहले ही ऑस्ट्रेलिया पहुंची थी, ऐसे में खिलाड़ी यहां की परिस्थिति से भी पूरी तरह वाकिफ नहीं हो पाए थे.

बाउंसी पिच ने भी किया परेशान
भारतीय बल्लेबाजों की परेशानी पेस एवं बाउंसी विकेट पर कई बार सामने आती है. पर्थ के ऑप्टस स्टेडियम में भी ऐसा ही कुछ देखने को मिला. मिचेल स्टार्क, नाथन एलिस और जोश हेजलवुड की पेस तिकड़ी ने पर्थ की पिच का फायदा उठाया और शॉर्ट पिच गेंदबाजी की. इसका फायदा इन तीनों ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को भी मिला.

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मुकाबले में बारिश का खलल बार-बार पड़ा, इसके चलते भी भारतीय बल्लेबाजों को परेशानी हुई. अगर मुकाबला 50-50 ओवर्स का होता तो भारतीय टीम उस हिसाब से अपनी इनिंग्स को आगे बढ़ा सकती थी. ओवर्स में कटौती के चलते भारत को अपनी रणनीति में बदलाव करना पड़ा

इस मुकाबले में टॉस भी अहम फैक्टर साबित हुआ. शुभमन गिल ने बतौर कप्तान 7 में से छह टेस्ट मैचों में टॉस गंवाए. अब वो पर्थ वनडे मैच में भी टॉस नहीं जीत सके. बारिश से प्रभावित मुकाबले में टॉस जीतकर पहले फील्डिंग करने वाली टीम फायदे में रहती है. यहां पर भी ऐसा ही देखने को मिला.

गेंदबाजी में भी नहीं दिखा पैनापन
भारतीय टीम की गेंदबाजी भी उतनी सटीक नहीं रही. भारत को ट्रेविस हेड का विकेट जल्द मिल गया था, लेकिन उसके बाद गेंदबाजों के प्रदर्शन में निरंतरता देखने को नहीं मिली. ऑस्ट्रेलियाई कप्तान मिचेल मार्श का विकेट यदि भारत को मिल जाता तो शायद मैच में भारत की वापसी हो जाती, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. जोश फिलिप और मैथ्यू रेनशॉ ने भी मार्श का अच्छा साथ देकर अपनी टीम की जीत आसान कर दी.

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