संजय यादव अब तक लालू परिवार के निशाने पर हुआ करते थे, लेकिन अब पार्टी नेता के निशाने पर भी आ गए हैं. और, खास बात है कि आरजेडी नेता मदन शाह ने संजय यादव पर विधानसभा चुनाव के लिए टिकट के एवज में भारी रकम लेने जैसा संगीन इल्जाम लगाया है.
वाकया पटना के 10, सर्कुलर रोड आवास का है. ये बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी का आवास है. मदन शाह टिकट लेने पहुंचे थे, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने अंदर जाने से रोक दिया था. कुछ देर बाद एक कार अंदर जा रही थी, और मदन शाह उसके पीछे दौड़ पड़े. सुरक्षाकर्मियों ने पकड़ लिया और वहां से हटाकर दूसरी तरफ ले गए.
एंट्री का कोई रास्ता न देख, मदन शाह जोर जोर से रोने और चिल्लाने लगे. अपना कुर्ता भी फाड़ लिया, और जमीन पर लोट लोट कर रोने लगे. रोते-चिल्लाते हुई हुए ही मदन शाह कह रहे थे, 'मेरे साथ धोखा हुआ है… टिकट बिक गया.'
और, फिर मदन शाह ने आरजेडी के राज्य सभा सांसद संजय यादव पर टिकट बेच डालने का भी आरोप लगा डाला. संजय यादव को आरजेडी में तेजस्वी यादव का आंख-कान समझा जाता है. वो उनके सबसे बड़े सलाहकार तो हैं ही, सोशल मीडिया या आईटी सेल जो भी कहें, निगरानी वही करते हैं.
संजय यादव काफी दिनों से लालू परिवार के सदस्यों के निशाने पर देखे गए हैं, किसी आरजेडी नेता ने सरेआम उनको इस तरीके से पहली बार टार्गेट किया है.
संजय यादव फिर निशाने पर
टिकट के एवज में पैसे लिए जाने के आरोप पहले भी लगते रहे हैं. बिहार चुनाव में ये कुछ ज्यादा ही सुनने को मिल रहा है. कुछ तो ऑडियो क्लिप भी वायरल हुई है, जिसमें कांग्रेस नेताओं की बातचीत बताई जा रही है. और, वे फोन पर पप्पू यादव का भी नाम ले रहे हैं, लेकिन मदन शाह ने खुलेआम ये आरोप लगाया है. हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान भी कांग्रेस नेता एक दूसरे के ऊपर ऐसे आरोप लगा रहे थे.
लेटेस्ट मामले की बात करें, तो मदन शाह रोते बिलखते बोले जा रहे थे, ‘बाप रे बाप! जा रहे हैं, मर जाएंगे. लालू यादव बोले थे हमको टिकट देने के लिए… 2020 में दो हजार वोट से हमको हराया गया... लालू यादव बोले बउआ तू लड़ियो इलेक्शन... बेटा-बेटी की शादी हम नहीं किए, लेकिन दलाल ने टिकट बेच दिया.’
मीडिया के पूछने पर मदन शाह कहने लगे, '2020 में, लालू जी ने मुझे रांची बुलाया... तेली समुदाय की जनसंख्या के संबंध में एक सर्वे करवाया था... और कहा था मदन शाह मधुबन से रणधीर सिंह को हराएंगे... लालू जी बोले कि तुम ही उसको हराएगा... मीसा बोलीं कि भइया आप ही वहां से चुनाव लड़िएगा... मैं 90 के दशक से पार्टी के लिए काम कर रहा हूं.'
मदन शाह का दावा है, 'भाजपा के एजेंट संतोष कुशवाहा को टिकट दे दिया... वो बीजेपी का दलाल है... ई सब संजय यादव कर रहा है... एक और आदमी है, इंजीनियर सुनील, वो भी इन सबमें शामिल है.'
बातों बातों में संजय यादव का नाम लेकर मदन शाह कहते हैं कि मधुबन से टिकट के बदले ₹2.70 करोड़ मांगे थे, रकम नहीं दी तो टिकट किसी और को दे दिया. मदन शाह का मामला अभी तो खत्म ही लगता है. जैसे गंभीर से गंभीर सवाल भुला दिए जाते हैं. बेशक सवाल कभी खत्म नहीं होते, लेकिन असर जरूर कम कर दिया जाता है. और, बेअसर होने का मतलब भी तो यही होता है.
जब परिवार के निशाने पर थे संजय यादव
मदन शाह गुस्से में तेजस्वी पर भी बरस पड़ते हैं, लेकिन उसमें भी संजय यादव की भी भूमिका बताते हैं. कहते हैं, 'वो कभी सरकार नहीं बना पाएंगे... तेजस्वी बहुत घमंडी है, लोगों से मिलते नहीं... वो टिकट बांट रहे हैं, और ये सब संजय यादव कर रहे हैं.
1. संजय यादव को लेकर तेजस्वी यादव की बिहार अधिकार यात्रा के दौरान भी खूब बवाल हुआ था. विवाद संजय यादव के बस की फ्रंट सीट पर बैठ जाने को लेकर हुआ था. मालूम चला था कि तेजस्वी यादव वहां नहीं थे, तो संजय यादव सीट पर थोड़ी देर के लिए बैठ गए. ऐसा पहले भी होता रहा होगा, लेकिन जब निगरानी रखी जा रही हो तो विवाद तय होता है.
लालू यादव की बेटी रोहिणी यादव ने संजय यादव के फ्रंट सीट पर बैठने को लेकर कड़ी नाराजगी जताई थी, और तेज प्रताप यादव ने भी उनका साथ दिया. हालांकि, परिवार और पार्टी से बेदखल तेज प्रताप के साथ देने का कोई मतलब नहीं रह गया था.
रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया पर लिखा, 'फ्रंट सीट सदैव शीर्ष नेता के लिए होती है... और उनकी अनुपस्थिति में किसी को भी उस सीट पर नहीं बैठना चाहिए... वैसे अगर कोई अपनेआप को शीर्ष नेतृत्व से भी ऊपर समझ रहा है, तो अलग बात है.'
विवाद के बीच तेज प्रताप यादव ने मीडिया के जरिए प्रतिक्रिया दी थी, 'गीता की कसम खाता हूं... अब चाहे जितने बुलावे आएं, मैं आरजेडी में वापस नहीं जाऊंगा... मेरी बहन, रोहिणी की गोद में हम खेले हैं... उनका जो भी अपमान करेगा, उस पर सुदर्शन चक्र चलेगा.' रोहिणी आचार्य ने सिंगापुर के अस्पताल में हुए ट्रांसप्लांट में लालू प्रसाद को अपनी एक किडनी दी थी - और बिहार की सारण लोकसभा सीट से 2024 में चुनाव भी लड़ चुकी हैं.
2. संजय यादव बहुत पहले से तेज प्रताप यादव के निशाने पर रहे हैं. वो संजय यादव को एनआरआई भी कह चुके हैं. परिवार और पार्टी से निकाले जाने के बाद तेज प्रताप यादव बार बार 'जयचंद' नाम ले रहे थे, निशाने पर संजय यादव ही थे.
3. एक बार तेजप्रताप यादव ने कहा था, एक हरियाणवी स्क्रिप्ट राइटर है, जो परिवार को हाइजैक कर रहा है.
4. 2021 में संजय यादव पर तेज प्रताप यादव ने ये आरोप भी लगाया था कि वो उनके भाई तेजस्वी यादव से मिलने नहीं देते. ऐसे आरोप आरजेडी कार्यकर्ता भी लगाते रहे हैं. कहते हैं, अगर तेजस्वी यादव से मिलना हो तो पहले संजय यादव की परमिशन लेनी पड़ती है.
5. आरजेडी नेता और कार्यकर्ता इस बात से भी नाराज रहते हैं कि तेजस्वी यादव कभी लालू यादव की तरह मिलते नहीं. एक कार्यकर्ता का कहना था, तेजस्वी यादव तक पहुंचना तो मुश्किल है ही, संजय यादव के कड़े इम्तिहान पास करना और भी मुश्किल होता है.
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