बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण की विधानसभा सीटों के लिए नामांकन की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद अब चुनाव प्रचार जोरों पर है. वहीं, विपक्षी महागठबंधन की अगुवाई कर रहे राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और कांग्रेस के बीच तल्खी बढ़ गई है. सूबे की 12 विधानसभा सीटों पर महागठबंधन के घटक दलों के उम्मीदवार आमने-सामने हैं. इनमें से छह सीटें ऐसी हैं, जहां कांग्रेस और आरजेडी उम्मीदवार आमने-सामने हैं.
सीट बंटवारे की इस रार से चुनाव प्रचार और साझा घोषणापत्र, इन दोनों को लेकर भी सस्पेंस गहरा गया था. कांग्रेस ने अब बिहार में महागठबंधन की गांठ सुलझाने के लिए ऐन वक्त पर पार्टी के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को मैदान में उतार दिया है. अशोक गहलोत बुधवार को पटना पहुंचे और बिहार कांग्रेस के प्रभारी कृष्णा अल्लावरु के साथ बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के आवास पर पहुंचकर उनसे मुलाकात की.
अशोक गहलोत और कृष्णा अल्लावरु की तेजस्वी के साथ मीटिंग घंटेभर से ज्यादा चली. मैराथन बैठक के बाद बाहर आए गहलोत ने दावा किया कि महागठबंधन में कोई रार नहीं है. उन्होंने कहा कि बिहार में 243 विधानसभा सीटें हैं. 5-10 सीटों पर फ्रेंडली फाइट हो सकती है, इसमें कोई इश्यू नहीं है. गहलोत ने दावा किया कि कई राज्यों में ऐसी स्थिति देखने को मिली है. सीटों की घोषणा में देरी कोई नई बात नहीं है.
उन्होंने दावा किया कि महागठबंधन पूरी तरह से एकजुट है और एक-दो दिन के अंदर ही सारे कन्फ्यूजन खत्म कर लिया जाएगा. अशोक गहलोत ने कहा कि सभी दल बिना किसी मतभेद के चुनाव में जा रहे हैं. मुकेश सहनी को भी कोई दिक्कत नहीं है, गठबंधन में थोड़ा बहुत मतभेद तो होता ही रहता है. उन्होंने सीएम फेस को लेकर सस्पेंस पर कहा कि इस पर फैसला कांग्रेस हाईकमान तय करेगा. देशहित में महागठबंधन की सरकार बनना जरूरी है, बिहार में सत्ता परिवर्तन आवश्यक है. यहां की राजनीति पूरे देश की राजनीति को प्रभावित करती है.
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वहीं, बिहार कांग्रेस के प्रभारी कृष्णा अल्लावरु ने फ्रेंडली फाइट के सवाल पर कहा कि 243 सीटों पर एनडीए के साथ फाइट है. यह फाइट एनडीए के साथ है, जो बिहार के भविष्य के लिए है. उन्होंने महागठबंधन की एकजुटता का दावा किया और कहा कि यह संघर्ष बिहार के लोगों के लिए है. यही बिहार को महागठबंधन बर्बादी से बचाएगा और उनका भविष्य बनाएगा.
सवाल टाल गए तेजस्वी
तेजस्वी यादव ने पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उनसे महागठबंधन में खींचतान, रार को लेकर भी सवाल हुए. तेजस्वी यादव महागठबंधन में विवाद का सवाल टाल गए. उन्होंने कहा कि कहीं कोई विवाद नहीं है. तेजस्वी यादव ने कहा कि कल (22 अक्टूबर को) हम मीडिया से बात करेंगे.
राहुल की अगुवाई में लड़ने की जरूरत- पप्पू
पूर्णिया के निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने कहा कि हम चाहते हैं कि बिहार में इंडिया ब्लॉक रहे. उन्होंने यह भी कहा कि मैं बहुत स्पष्ट हूं, बिहार में हर हाल में हमें राहुल गांधी के नेतृत्व में चुनाव लड़ने की जरूरत है. पप्पू यादव ने कहा कि इस बार नीतीश कुमार सीएम फेस नहीं हैं. एक तरफ राहुल गांधी हैं, दूसरी तरफ नरेंद्र मोदी.
वहीं, कांग्रेस नेता राकेश सिन्हा ने उम्मीद जताई की साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस तक जो भी मसले हैं, वो सुलझा लिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि जेएमएम प्रेस कॉन्फ्रेंस में नहीं होगी, लेकिन हमें यह उम्मीद है कि उनके मुख्यमंत्री महागठबंधन के पक्ष में चुनाव प्रचार करने आएंगे.
मृत्युंजय तिवारी बोल- ऑल इज वेल
आरजेडी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा है कि महागठबंधन में ऑल इज वेल है. सीट शेयरिंग हो गई है. उन्होंने एनडीए को नेगेटिव डिफेक्टिव अलायंस बताया और कहा कि महागठबंधन जनता का गठबंधन है. एनडीए चुनाव में जमानत तक नहीं बचा पाएगा. महागठबंधन में जारी खींचतान पर तंज करते हुए बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि कांग्रेस और आरजेडी एक-दूसरे को हराने में व्यस्त हैं. एनडीए एकजुट है.
(शुभम निराला के इनपुट के साथ)
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