मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में 150 कैरेट के 'नायाब कथित हीरे' को लेकर मचा हड़कंप अब शांत हो गया है. यह पत्थर, जिसे खदान संचालक जय बहादुर सिंह और उनके पार्टनर को मिला था, जांच में असली हीरा नहीं, बल्कि क्वाजस नाम का चमकदार पत्थर निकला है. इस पत्थर का वजन 137.14 कैरेट आंका गया है.
दरअसल, यह पूरा विवाद 5 सितंबर को कृष्णा कल्याणपुर पट्टी की हीरा खदान में शुरू हुआ. खदान संचालक जय बहादुर सिंह के अनुसार, खदान में 150 कैरेट की चमकीली चीज मिली थी. और उनके पार्टनर ने दावा किया कि यह हीरा है. इसके बाद खदान में झगड़ा हुआ और पार्टनर दयाराम पटेल ने यह चमचमाता पत्थर पुलिस थाने में जमा करवा दिया. सभी के मन में यह था कि यह हीरा है और इसकी अनुमानित कीमत 50 करोड़ रुपये से अधिक हो सकती है.
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हीरा कार्यालय में खनिज अधिकारी रवि पटेल, हीरा पारखी अनुपम सिंह और कई व्यापारियों की मौजूदगी में जब इसकी जांच की गई, तो सच्चाई सामने आ गई. रवि पटेल ने पुष्टि की कि यह हीरा नहीं है, बल्कि क्वाजस स्टोन है. उन्होंने बताया कि अब नियमानुसार जांच रिपोर्ट तैयार की जाएगी और पत्थर को सील कर पुलिस को सौंप दिया जाएगा.
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इस मामले को लेकर पन्ना हीरा कार्यालय में छुट्टी के दिन भी गहमागहमी रही. अगर यह पत्थर हीरा निकलता, तो इसकी अनुमानित कीमत 50 करोड़ से अधिक होती. हालांकि क्वाजस निकलने के बाद यह सस्पेंस खत्म हो गया. क्वाजस एक चमकदार और मूल्यवान पत्थर है, लेकिन हीरे की तरह बेहद दुर्लभ और महंगा नहीं माना जाता. विशेषज्ञों के अनुसार, इस तरह के पत्थरों में अक्सर चमक और आभा होने के कारण उन्हें असली हीरा समझ लिया जाता है.
खनन संचालक जय बहादुर सिंह ने कहा कि हीरा मिलने के बारे में पता चला था. हमारे पार्टनर ने इसकी पुष्टि की, बाद में वह इस मामले को दबा गया. इसके कारण हमें सख्ती करनी पड़ी. हीरा अधिकारी रवि पटेल ने कहा कि यह हीरा नहीं है. अब नियमानुसार रिपोर्ट तैयार कर पत्थर को सील कर पुलिस को सौंप दिया जाएगा. अगर यह हीरा होता तो इसकी कीमत 50 करोड़ से अधिक होती.
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