केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को बर्लिन में जर्मन CEOs के साथ मुलाकात की और विभिन्न व्यापारिक नेताओं के साथ औद्योगिक सहयोग को गहरा करने तथा भारत-जर्मनी व्यापार संबंधों को मजबूत करने के प्रयासों पर चर्चा की. इस दौरान उन्होंने एयरबस के चेयरमैन रेने ओबरमैन से भी मुलाकात की. उन्होंने बताया कि ओबरमैन ने भारत की ग्रोथ स्टोरी और तकनीकी क्षमताओं में मजबूत विश्वास व्यक्त किया है.
पीयूष गोयल ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर एयरबस के चेयरमैन रेने ओबरमैन के साथ अपनी बैठक को शानदार बताया. उन्होंने कहा कि ओबरमैन का भारत की ग्रोथ स्टोरी पर भरोसा सुनकर खुशी हुई. दोनों के बीच इस बात पर चर्चा हुई कि एयरबस भारत की इंजीनियरिंग और तकनीकी प्रतिभा, दूरदर्शी नीतिगत पहल और सुधरे हुए ईज ऑफ डूइंग बिजनेस का लाभ उठाकर अपनी साझेदारी को कैसे मजबूत कर सकता है.
जर्मन CEOs से मुलाकात
गोयल ने बर्लिन में बिजनेस लीडर्स के गोलमेज सम्मेलन में जर्मन CEOs से मुलाकात की. उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर बताया कि उन्होंने जर्मन CEOs को भारत के मजबूत सुधार एजेंडे, विशाल अवसरों और सभी क्षेत्रों में भविष्य की क्षमता के बारे में बताया. उन्होंने दोहराया कि भारत का समर्थक नीति पारिस्थितिकी तंत्र, नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देते हुए, देश को वैश्विक स्तर पर सबसे आकर्षक निवेश स्थल में से एक बनाता है.
Wonderful meeting with René Obermann, Chairman of the Board of Directors, @Airbus.
Delighted to hear his confidence in India's growth story. We discussed how Airbus plans to further strengthen its partnership with India by leveraging the country's remarkable engineering and… pic.twitter.com/nFTAcUkdCw
ट्रेड एंड अलायंस पर चर्चा
केंद्रीय मंत्री ने बर्लिन ग्लोबल डायलॉग में 'ग्रोइंग टुगेदर: ट्रेड एंड अलायंस इन ए चेंजिंग वर्ल्ड' शीर्षक वाले पैनल डिस्कशन में भाग लिया. उन्होंने कहा कि उन्हें इस चर्चा में भाग लेकर खुशी हुई. गोयल ने इस बात पर जोर दिया कि भारत अपनी व्यापार साझेदारी को दीर्घकालिक पारस्परिक विकास के परिदृश्य से कैसे देखता है. उन्होंने वैश्विक कंपनियों के लिए देश में खुल रहे विशाल अवसरों पर भी प्रकाश डाला.
जल्दबाजी में नहीं होगा कोई व्यापार सौदा
गोयल ने साफ किया कि भारत किसी भी व्यापार समझौते पर 'जल्दबाजी' में हस्ताक्षर नहीं करेगा. उन्होंने जोर दिया कि नई दिल्ली व्यापार समझौतों को गहरा विश्वास और साझेदारी बनाने के अवसर के रूप में देखती है. उन्होंने कहा, "भारत कभी भी जल्दबाजी में या उस क्षण के दबाव में फैसले नहीं लेता है." उन्होंने माना कि टैरिफ उन पर हैं, और वे इससे उबरने के तरीकों पर विचार कर रहे हैं.
मंत्री ने कहा कि भारत नए बाजारों की तलाश कर रहा है और देश के अंदर 'मजबूत मांग प्रोत्साहन' पर ध्यान केंद्रित कर रहा है. गोयल ने पैनल डिस्कशन के दौरान अमेरिकी टैरिफ का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि हम ये देख रहे हैं कि टैरिफ को कैसे दूर किया जाए और हम नए बाजारों की तलाश कर रहे हैं, साथ ही भारतीय अर्थव्यवस्था के अंदर मजबूत मांग प्रोत्साहन पर भी ध्यान दे रहे हैं.
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