स्थानीय निकाय चुनावों से पहले केरल की वामपंथी सरकार ने जनता को राहत देने के लिए कई बड़े कल्याणकारी कदमों की घोषणा की है. मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने बुधवार को कैबिनेट बैठक के बाद कहा कि राज्य में सामाजिक सुरक्षा और कल्याण पेंशन को 1,600 रुपये से बढ़ाकर 2,000 रुपये किया जाएगा. इसके अलावा, आशा वर्कर्स के मासिक मानदेय में 1,000 रुपये की बढ़ोतरी की जाएगी.
मुख्यमंत्री ने बताया कि ये सभी योजनाएं 1 नवंबर से लागू होंगी, जो केरल के गठन दिवस 'केरल पिरवी' के रूप में मनाया जाता है. विजयन ने कहा कि केंद्र सरकार की वित्तीय पाबंदियों और विपक्षी दलों की झूठी प्रचार मुहिम के बावजूद राज्य सरकार अपने वादों को निभा रही है.
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विजयन ने कहा कि सरकार हर साल 13,000 करोड़ रुपये सामाजिक सुरक्षा पेंशन पर खर्च करती है, जिससे राज्य के करीब 62 लाख लाभार्थियों को सहायता मिलती है. आशा वर्कर्स की बढ़ी हुई राशि से सरकार पर सालाना 250 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ आएगा. इन कर्मचारियों ने पिछले 250 दिनों से सचिवालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे.
कर्मचारियों के वेतन में भी की गई बढ़ोतरी
इसके अलावा, आंगनवाड़ी वर्कर्स, सहायिकाओं, रसोइयों, प्री-प्राइमरी शिक्षकों और अतिथि कर्मचारियों के वेतन में भी बढ़ोतरी की गई है. सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा और आर्थिक सशक्तिकरण के लिए नई "महिला सुरक्षा योजना" की घोषणा की है.
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इसके तहत 35 से 60 वर्ष की उम्र की गरीबी रेखा के नीचे आने वाली महिलाओं को, जिन्हें कोई अन्य सामाजिक पेंशन नहीं मिल रही, 1,000 रुपये मासिक सुरक्षा पेंशन दी जाएगी. लगभग 31.34 लाख महिलाओं को इसका लाभ मिलेगा, जिसके लिए 3,800 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
रबर पर न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ा
कैबिनेट ने रबर के न्यूनतम समर्थन मूल्य को भी 180 रुपये से बढ़ाकर 200 रुपये प्रति किलो करने का निर्णय लिया है. साथ ही युवाओं के रोजगार के लिए "कनेक्ट टू वर्क स्कॉलरशिप" और कुदुम्बश्री समितियों को मासिक अनुदान देने का भी फैसला लिया गया है.
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