सरफराज खान.... वो भारतीय क्रिकेटर जिनका बल्ला घरेलू क्रिकेट में जमकर बोला है, लेकिन अब तक चयनकर्ताओं की नजरों में पूरी तरह जगह नहीं बना पाए. सरफराज 22 अक्टूबर (बुधवार) को 28 साल के हो गए. सरफराज आखिरी बार ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भारतीय टीम का पार्ट थे, जहां उन्हें एक भी मुकाबले में खेलने का मौका नहीं मिला था. उसके बाद उन्हें टीम से ड्रॉप कर दिया गया. अब तो इंडिया-ए टीम में भी उन्हें जगह नहीं मिली है, जिसे साउथ अफ्रीका-ए के खिलाफ दो चार दिवसीय मुकाबले खेलने हैं. इसकी कोई साफ वजह नहीं बताई गई.
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सरफराज खान ने लंबे इंतजार के बाद फरवरी 2024 में इंग्लैंड के खिलाफ राजकोट में अपना टेस्ट डेब्यू किया था. अपनी डेब्यू टेस्ट सीरीज में सरफराज ने तीन टेस्ट मैच खेले, जिसमें उन्होंने 50 की औसत और 3 अर्धशतकों की मदद से 200 रन बनाए. पिछले ही साल अक्टूबर-नवंबर में उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ तीन टेस्ट मैच खेले. बेंगलुरु में तो उन्होंने अपने टेस्ट करियर का पहला शतक (150 रन) भी जड़ा था. उस न्यूजीलैंड सीरीज के बाद से सरफराज भारतीय टीम के लिए एक भी मुकाबला नहीं खेल पाए हैं.
ऐसा लगता है कि चयनकर्ताओं को उनके टैलेंट पर भरोसा ही नहीं है. सरफराज खान को लेकर कहा गया कि वो विदेशी धरती पर स्विंग या सीम बॉलिंग को झेल नहीं पाएंगे. लेकिन इसी साल इंग्लैंड दौरे पर इंडिया-ए की ओर से इंग्लैंड लॉयन्स के खिलाफ 92 रन बनाए. फिर इन्ट्रा-स्क्वॉड मैच में बुमराह, सिराज और आकाश दीप जैसे गेंदबाजों का सामना करते हुए नाबाद 102 रन बनाए. हालांकि इस शानदार प्रदर्शन के बीच वह पांच मैचों की टेस्ट सीरीज के लिए सीनियर टीम में जगह नहीं बना सके थे. चीफ सेलेक्टर अजीत अगरकर ने कहा था कि ये निर्णय टीम मैनेजमेंट का था और 18 खिलाड़ियों को ही चुनने का विकल्प था. बता दें कि इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज के लिए करुण नायर को सरफराज खान पर तवज्जो दी गई थी.
फिटनेस और फॉर्म तो अब कोई मुद्दा नहीं
पहले यह दलील दी जाती थी सरफराज खान ओवरवेट हैं, लेकिन अब तो वो काफी फिट हो चुके हैं. सरफराज ने करीब 17 किलो वजन घटाया है और अपनी बल्लेबाजी को और निखारा. फिटनेस और फॉर्म का बहाना तो समाप्त हो चुका है. कहा जा रहा है कि सरफराज ने ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान ड्रेसिंग रूम की बातें मीडिया में लीक की थीं, जिसके कारण टीम मैनेजमेंट और भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (BCCI) उनसे नाराज हो गया. इंडिया-ए के इंग्लैंड दौरे के लिए भी उन्हें आखिरी पलों में टीम में जोड़ा गया था. तब उन्हें ना सेलेक्ट किया जाता तो बवाल खड़ा हो सकता था क्योंकि वो बीसीसीआई की सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट लिस्ट का हिस्सा हैं.
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जब वेस्टइंडीज के खिलाफ दो मैचों की घरेलू टेस्ट सीरीज के लिए भारतीय टीम चुनी गई, तो कहा गया कि सरफराज खान पूरी तरह फिट नहीं हैं और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (COE) से उन्हें क्लियरेंस नहीं मिला. अब कहा जा रहा है कि उन्हें मुंबई के लिए टॉप-4 में खेलना चाहिए, तभी भारत के लिए दोबारा मौका मिलेगा. कुछ का तर्क है कि उन्हें इंडिया-ए की जगह अब रणजी ट्रॉफी पर ही फोकस करना चाहिए. सरफराज सिर्फ रेड-बॉल क्रिकेट खेलते हैं, इसलिए यह तर्क भी कमजोर लगता है.
ओवैसी भी बीसीसीआई से हुए नाराज
सरफराज खान ने रणजी ट्रॉफी 2025-26 में मुंबई के लिए पहले मैच में भाग लिया, जहां उन्होंने 42 & 32 रन बनाए थे. एक बात तो साफ है कि सरफराज पूरी तरह फिट हैं और फॉर्म में भी रहे हैं, ऐसे में इंडिया-ए टीम में चुना नहीं जाना थोड़ा हास्यास्पद लगता है. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (AIMIM) के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने भी बीसीसीआई के फैसले पर सवाल उठाए हैं. ओवैसी ने पूछा है कि सरफराज खान को इंडिया ए के लिए भी क्यों नहीं चुना गया?
सरफराज खान फर्स्ट-क्लास क्रिकेट में लगातार शानदार प्रदर्शन करते रहे हैं. उन्होंने 56 फस्ट क्लास मैचों में 65.19 की बेहतरीन औसत से 4759 रन बनाए हैं, जिसमें 16 शतक और 15 अर्धशतक शामिल रहे. भारतीय टीम के लिए सरफराज ने 6 टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें उनके नाम पर 37.10 की औसत से 371 रन दर्ज हैं. सरफराज ने फिटनेस, प्रदर्शन और धैर्य- तीनों में खुद को साबित किया है. लेकिन चयन में स्पष्टता की कमी, बदलते मानदंड और अन्य वजहों ने उनके इंटरनेशनल करियर पर ब्रेक लगा दिया है.
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