बिना कोचिंग हर परीक्षा में अव्वल रही हैं शिमला की दामिनी, IIT एग्जाम में पाई AIR-1

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IIT Success Story: माचल में यूं तो टेलेंट की कोई कमी नहीं है, बीते कुछ सालों से देख जा रहा है कि 10वीं, 12वीं, स्नातक हो या फिर कोई भी मुश्किल प्रवेश परीक्षा, बेटियों ने हर चुनौती को अवसर बना दिया. उत्कृष्ट शिक्षा के नए आयाम स्थापित किए हैं. शिमला की बेटी दामिनी सिंह बराड़ ने भारत की मुश्किल परीक्षाओं में से एक IIT पीएचडी एंट्रेंस एग्जाम में अखिल भारतीय रैंक (AIR) 1 हासिल कर इतिहास रच दिया है. वे अब आईआईटी कानपुर से मनोविज्ञान में पीएचडी करेंगी.

दामिनी सिंह बराड़ ने आईआईटी कानपुर में लिखित परीक्षा और साक्षात्कार दोनों दौर में शीर्ष स्थान हासिल किया है, जहां वह अब अपनी डॉक्टरेट की पढ़ाई जारी रखेंगी. इसके साथ ही दामिनी सिंह बराड़ ने भारत के शीर्ष संस्थानों से शैक्षणिक गलियारों तक एक असाधारण यात्रा तय की है. इसके अलावा दामिनी ने मानसिक स्वास्थ्य और तंत्रिका विज्ञान के लिए भारत के सबसे प्रतिष्ठित संस्थानों में से एक बेंगलुरु के NIMHANS में प्रवेश परीक्षा भी पास की, लिखित दौर में सफल होने के बाद उन्हें साक्षात्कार के लिए आमंत्रित किया गया. 

बिना कोचिंग 12वीं टॉपर, DU-TISS से की पढ़ाई
उन्होंने बीते दिसंबर 2024 में अपने पहले ही प्रयास में मनोविज्ञान में UGC-NET पास कर लिया था. उन्होंने टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (TISS), मुंबई से एप्लाइड साइकोलॉजी में मास्टर डिग्री प्राप्त की है, जिसे भारत के अग्रणी सामाजिक विज्ञान संस्थानों में से एक माना जाता है. उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्री राम कॉलेज फॉर विमेन से अंग्रेजी ऑनर्स में ग्रेजुएशन किया है. इससे पहले शिमला में कक्षा 12वीं की बोर्ड टॉपर थीं. दामिनी सिंह बराड़ ने बताया कि इन सभी परीक्षाओं के लिए उन्होंने कभी किसी तरह की कोई गाइडेंस, कोचिंग या ट्यूशन नहीं लिया. 

सिर्फ 2-4 घंटे पढ़ाई करती थीं दामिनी
दामिनी ने बताया कि वो पूरा दिन पढ़ाई नहीं कर सकती थीं, सिर्फ एक सोच के जरिए रोजाना 2 से 4 घंटे की घर पर ही पढ़ाई करके यहां तक का सफर तय किया है. पढ़ाई के लिए कंसंट्रेशन बनाए रखने के लिए वो रोजाना योगा, दोस्तों के साथ घूमना, वॉक पर जाना जैसे काम किया करती थीं. 

पिता सेनेटरी इंस्पेक्टर, मां गृहणी हैं
दामिनी सिंह बराड़ का कहना है कि दृढ़ इच्छा शक्ति और आत्मविश्वास हो तो दुनिया आपके कदमों में होती है. कोई भी काम मुश्किल नहीं है. उन्होंने अपनी प्रेरणा स्त्रोत किसी एक व्यक्ति को नहीं बताया. वो कहती हैं कि हर व्यक्ति ने उन्हें मुश्किल से मुश्किल दौर में मदद की और नई प्रेरणा देने का काम किया. उनका परिवार एक साधारण परिवार है, पिता नगर निगम में सफाई निरीक्षक (सेनेटरी इंस्पेक्टर) के पद पर सेवाएं दे रहे हैं, जबकि दामिनी की मां मीरा बराड़ एक गृहणी हैं.

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