31 अक्टूबर 2025 की शाम पटना के 10 सर्कुलर रोड वाले राबड़ी आवास में कुछ ऐसा हुआ जो आरजेडी की सियासत को 72 घंटे में घुटने पर ला सकता है. दरअसल उस दिन लालू प्रसाद यादव व्हीलचेयर पर नहीं बैठे थे. वे अपने नाती-पोतों (तेजस्वी की बेटी कात्यायनी, रोहिणी के बेटे इराज, मीसा की बेटी आदि) के साथ कैमरे के सामने बच्चों को डराने की ठिठौली कर रहे थे. बच्चे भूत-प्रेत के मास्क में थे, कद्दू की लालटेन हाथ में, Trick or Treat चिल्ला रहे थे. लालू चॉकलेट बांट रहे थे और बच्चों को गोद में उठा रहे थे. बेटी रोहिणी आचार्य ने 18 सेकंड का वीडियो X पर डाला- Happy Halloween to everyone. लालू परिवार के समर्थकों ने इसे 24 घंटे में 2.7 करोड़ व्यूज, 1.8 लाख रीट्वीट कर अपना अपरोक्ष समर्थन भी दिया है. लेकिन, उनकी इसी सोशल मीडिया पोस्ट ने एक बहस को भी जन्म दिया, जिसे प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में लपक लिया. आरोप लगाया कि अब ये परिवार देसी के बजाय विदशी त्योहारों की तरफ आकर्षित हो गया है.
कभी लालू परिवार द्वारा मनाया जाने वाला छठ पर्व मीडिया में आकर्षण का विषय रहता था. लेकिन, पिछले कुछ वर्षों में उसके दृश्य आने बंद हो गए. संभवत: एक बड़ा कारण तो लालू यादव का जेल चले जाना और फिर लंबी बीमारी से ग्रसित रहना रहा. लेकिन, यदि इतना ही होता तो शायद बात खत्म हो जाती. प्रयागराज महाकुंभ के दौरान लालू यादव ने एक आपत्तिजनक बयान दे डाला था. जिसमें वह कुंभ को फालतू कह रहे थे. पिछले दिनों दिल्ली में छठ के आयोजन पर भी राजद नेताओं ने मजाकिया टिप्पणी की थी. और भाजपा के आयोजन को ढोंग बताया था. लेकिन, जब लालू यादव हैलोविन मनाते दिखाई दिए तो सवाल उठना लाजिमी था, कि आखिर महाकुंभ को हेय बताने वाला परिवार हैलोविन मनाने को लेकर इतना उत्साहित क्यों है? प्रधानमंत्री मोदी ने सहरसा की रैली में इस मुद्दे को लपक लिया.
लालू परिवार पर छठ पूजा बनाम हैलोविन सेलेब्रेशन
2021 में तेजस्वी की शादी रेचल गोडिन्हो से हुई. लोग सोशल मीडिया पर लिख रहे हैं कि जब से ईसाई बहू आई, छठ गई- हैलोवीन आया. पहले राबड़ी देवी खुद व्रत रखतीं, घाट पर अर्घ्य देतीं और लालू यादव फोटो खिंचवाते.अब पिछले 5 साल से परिवार उलार सूर्य मंदिर (पटना) जाता है. 2024 में लालू ने मीडिया को बताया कि स्वास्थ्य खराब है इसलिए उलार जा रहे हैं. 2025 में भी यही प्लान, लेकिन हैलोवीन वीडियो ने सवाल खड़ा कर दिया है.
इस बीच लालू यादव का इसी साल प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान दिया गया बयान भी वायरल हो रहा है. जिसमें वो कहते दिख रहे हैं कि कुंभ का कोई मतलब नहीं, फालतू है. भाजपा ने स्क्रीनशॉट वायरल किया है कि जो कुंभ को फालतू कहे, वो हैलोविन मनाए.
इन तमाम बातों का आपस में कोई संबंध हो या ना हो. वे पूरी तरह मनगढ़त ही क्यों न हों. ईसाई बहू वाली बात की तमाम तरह से भर्त्सना की जा सकती है. लेकिन, चुनाव के ऐन मौके पर ऐसी बातें लालू परिवार और राजद के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है.
पीएम मोदी का सहरसा में तंज
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विधानसभा चुनावों के प्रचार के लिए सोमवार को सहरसा में थे. उन्होंने रैली में आए कम से कम 2 लाख लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस का नामदार परिवार विदेशी त्योहार मनाता है, लेकिन छठ को ड्रामा कहता है. RJD वाले इंटरनेशनल फेस्टिवल में बिजी, छठी मैया का अपमान करते हैं. लालू जी ने कुंभ को फालतू कहा, अब पोते-पोतियों के साथ हैलोवीन मना रहे हैं. बिहार की माताएं-बहनें बर्दाश्त करेंगी.पहले जंगलराज में अपहरण, अब आस्था पर अपहरण!.
RJD का डैमेज कंट्रोल
आरजेडी शायद इसे डैमेज मानती ही नहीं है. इसलिए डैमेज कंट्रोल की कोई कोशिश नहीं हुई है. तेजस्वी यादव ने चुप रहना ही बेहतर समझा है.तेजस्वी की बहन रोहिणी आचार्य का कहना है कि बच्चे विदेश में पढ़ते हैं इसलिए ये उनका त्योहार हो गया है. मीसा भारती कहती हैं कि भाजपा छोटी सोच वाली पार्टी है हम सेक्युलर हैं.
पर बीजेपी के लिए यह एक बहुत बड़ा मौका है. हैलोविन के एक 18 सेकंड के वीडियो जिसमें लालू यादव दादाजी बने मस्ती कर रहे हैं पर पीएम मोदी ने 3 मिनट के स्पीच में सांस्कृतिक युद्ध बना दिया है. छठ 25-28 अक्टूबर को खत्म हुई, लेकिन हैलोवीन 31 अक्टूबर को शुरू हुआ है. मोदी लगातार अपनी हर सभा में छठ पर्व का अपमान होने की बात कर रहे हैं. जाहिर है कि बीजेपी इसका लाभ उठाएगी.
तेजस्वी के एक पुराने ट्वीट से शुरू हुआ विवाद
सबसे पहले विवाद तेजस्वी यादव के एक पुराने ट्वीट से शुरू हुआ. 2017 में उन्होंने बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी पर हमला करते हुए पूछा था कि उनकी ईसाई पत्नी छठ पर्व मनाती हैं या नहीं. तेजस्वी ने सुशील मोदी को चैलेंज किया था कि वो अपनी पत्ती के साथ छठ पूजा करें. लेकिन अब, जब खुद तेजस्वी यादव की पत्नी ईसाई हैं.
छठ पर्व के पूर्व तमाम बीजेपी समर्थक हैंडल उसी ट्वीट को वायरल करते हुए तेजस्वी के अंदाज में उन्हें चैलेंज कर रहे थे. जाहिर है कि इस तरह के सवाल सोशल मीडिया पर तेजस्वी के लिए असहज स्थिति बना रहे थे. क्योंकि बिहार में छठ सिर्फ एक पर्व नहीं बल्कि आस्था और अस्मिता का प्रतीक है.
इसी बीच, राहुल गांधी ने भी कुछ ऐसा कहा जिसका अर्थ ये निकाला गया कि वे छठ पर्व पर दिखाई जाने वाली श्रद्धा को नौटंकी बता रहे हैं. बीजेपी ने दावा किया कि उन्होंने अपने एक बयान में छठ पर्व का मज़ाक उड़ाया है. पीएम मोदी लगातार अपने भाषणों में छठ पर्व का मजाक बनाने वालों को सबक सिखाने की बिहार की जनता से अपील कर रहे हैं. हालांकि कांग्रेस ने इन आरोपों को भ्रामक बताया और कहा कि राहुल ने केवल भारतीय संस्कृति की विविधता की बात की थी.
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