बिहार में मोहनिया विधानसभा क्षेत्र से महागठबंधन की उम्मीदवार श्वेता सुमन का नामांकन रद्द हो गया है. कहा जा रहा है कि वह यूपी की मूल निवासी हैं. वहीं वाल्मिकीनगर सीट से शिक्षक की नौकरी छोड़ जन सुराज से उम्मीदवारी के लिए पर्जा दाखिल करने वाले शख्स का भी नामांकन रद्द हो चुका है.
वहीं सुगौली विधानसभा सीट से राजद विधायक शशि भूषण सिंह ने वीआईपी के टिकट पर नॉमिनेशन किया था. एक छोटी सी गलती के कारण शशि भूषण सिंह का नॉमिनेशन भी रद्द कर दिया गया है. ऐसे में जानते हैं नामांकन रद्द न हो इसके लिए क्या सावधानी बरतनी चाहिए . क्या चुनाव लड़ने के लिए उस राज्य का नागरिक होना जरूरी है, क्या वोटर लिस्ट में नाम होना जरूरी है? जानते हैं इससे जुड़े क्या नियम हैं और क्या सतर्कता बरतनी चाहिए.
छोटी और तकनीकी गलतियों की वजह से रद्द नहीं होता नॉमिनेशन
चुनाव के दौरान नामांकन पत्र दाखिल करने और उनकी जांच की प्रक्रिया बेहद अहम होती है. इस दौरान उम्मीदवारों या उनके प्रतिनिधियों द्वारा कुछ आपत्तियां भी उठाई जा सकती हैं. लेकिन कानून यह साफ कहता है कि छोटी या तकनीकी कारणों से किसी का नामांकन खारिज नहीं किया जाना चाहिए.
इन वजहों से नॉमिनेशन रद्द नहीं हो सकता
प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 36(4) के अनुसार, रिटर्निंग ऑफिसर (Returning Officer) किसी नामांकन पत्र को केवल ऐसे दोष के कारण अस्वीकार नहीं कर सकते जो बहुत छोटी गलती हो या अनजाने में कोई गलती हो गई हो.
- अगर नाम या पते में मामूली वर्तनी की गलती है.
- किसी का नाम थोड़ा गलत लिखा गया है लेकिन पहचान में आ रहा है.
- या चुनाव चिह्न (symbol) से जुड़ी जानकारी पूरी नहीं भरी गई हो.
- तो ये सब तकनीकी या छोटी त्रुटियां मानी जाएंगी और इनके आधार पर नामांकन रद्द नहीं किया जाना चाहिए.
किसी के खिलाफ आपत्ति दर्ज कराने के क्या हैं नियम
अगर किसी उम्मीदवार के खिलाफ आपत्ति उठती है, तो उसे रिटर्निंग ऑफिसर को यह समझाने की कोशिश करनी चाहिए कि नामांकन में कोई गंभीर कमी नहीं है और केवल तकनीकी कारणों से उसे अस्वीकार न किया जाए.आपत्ति कोई भी उम्मीदवार, उसका प्रतिनिधि या खुद रिटर्निंग ऑफिसर भी उठा सकता है.
नामांकन रद्द होने के वैध कारण
- रिटर्निंग ऑफिसर किसी उम्मीदवार का नामांकन केवल नीचे बताए गए पक्के कानूनी वजहों में से किसी एक के आधार पर ही रद्द कर सकता है.
- उम्मीदवार कानूनी रूप से चुनाव लड़ने के योग्य नहीं है.
- उम्मीदवार किसी कारण से अयोग्य घोषित है.
- उम्मीदवार ने संविधान के अनुसार आवश्यक शपथ या प्रतिज्ञा नहीं ली है.
- नामांकन पत्र या जरूरी दस्तावेज समय पर जमा नहीं किए गए.
- नामांकन पत्र उम्मीदवार या प्रस्तावक की जगह किसी और ने जमा किया.
- नामांकन तय किए गए स्थान के अलावा कहीं और जमा हुआ.
- नामांकन रिटर्निंग ऑफिसर या उसके अधिकृत सहायक के अलावा किसी अन्य व्यक्ति को सौंपा गया.
- नामांकन पत्र निर्धारित प्रारूप में नहीं है.
- प्रस्तावकों की संख्या पूरी नहीं है या हस्ताक्षर गायब/नकली हैं.
- आवश्यक सुरक्षा राशि (security deposit) जमा नहीं की गई.
- उम्मीदवार का या उसके प्रस्तावकों का हस्ताक्षर असली नहीं है.
- उम्मीदवार उस वर्ग से नहीं है जिसके लिए सीट आरक्षित है (जैसे अनुसूचित जाति की सीट पर सामान्य वर्ग का व्यक्ति नामांकन करे).
- प्रस्तावक उस विधानसभा क्षेत्र का मतदाता नहीं है.
- उम्मीदवार ने नामांकन के साथ निर्धारित प्रारूप में हलफनामा (affidavit) नहीं दिया.
- उम्मीदवार ने अपनी उम्र का उल्लेख नहीं किया.
- उम्मीदवार उस क्षेत्र का मतदाता नहीं है और उसने अपने नाम वाली मतदाता सूची की प्रमाणित प्रति या अंश नहीं लगाया.
- हलफनामे में कॉलम खाली छोड़े गए और नोटिस के बाद भी नया हलफनामा नहीं दिया.
नामांकन रद्द होने पर उम्मीदवार का अधिकार
अगर किसी उम्मीदवार का नामांकन अस्वीकार किया जाता है, तो उसे रिटर्निंग ऑफिसर से तुरंत उस आदेश की प्रमाणित प्रति (certified copy) मिलनी चाहिए. इसके लिए किसी भी तरह की फीस या शुल्क नहीं लिया जा सकता.
आपत्ति पर जवाब देने के लिए समय
अगर नामांकन पर कोई आपत्ति उठाई जाती है और उम्मीदवार को जवाब देने के लिए कुछ समय चाहिए, तो वह रिटर्निंग ऑफिसर से अवकाश (adjournment) की मांग कर सकता है. कानून के अनुसार, अधिकारी उम्मीदवार को अधिकतम अगले दिन तक का समय दे सकता है ताकि वह अपनी बात रख सके.
ठोस कानूनी आधार पर ही रद्द होता है नामांकन
नामांकन पत्र रद्द करना कोई छोटी बात नहीं है. इसे केवल ठोस कानूनी आधार पर ही किया जा सकता है, न कि किसी छोटी गलती या तकनीकी कमी पर. चुनाव प्रक्रिया का उद्देश्य है कि हर योग्य उम्मीदवार को न्याय मिले और किसी की उम्मीदवारी फालतू वजहों से नहीं रोकी जा सकती है.
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