पूर्व फिल्म अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाए जाने और उनके अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम को लेकर दिए गए विवादित बयान के बाद किन्नर अखाड़े में बड़ा आंतरिक कलह सामने आया है. इस विवाद के चलते किन्नर अखाड़ा दो फाड़ हो गया है, और किन्नर अखाड़े की यूपी प्रदेश अध्यक्ष स्वामी कौशल्या नंद गिरी उर्फ टीना मां ने अखाड़ा छोड़ने का ऐलान कर दिया है.
'सनातनी किन्नर अखाड़ा' का गठन
टीना मां, मंगलवार 4 नवंबर को प्रयागराज में एक नए अखाड़े, "सनातनी किन्नर अखाड़ा" का विधिवत गठन करेंगी. यह गठन नया बैरहना स्थित दुर्गा पूजा पार्क में सुबह 10 बजे होगा. नए अखाड़े के गठन के साथ ही, स्वामी कौशल्या नंद गिरी उर्फ टीना मां को सनातन किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर के पद पर भी प्रतिष्ठित किया जाएगा.
आचार्य महामंडलेश्वर के पद पर टीना मां का पट्टाभिषेक भी मंगलवार, 4 नवंबर को ही किया जाएगा. इस विशेष समारोह के लिए काशी से वैदिक ब्राह्मणों और डमरू वादकों को बुलाया गया है. इस दौरान अखाड़े में कई अन्य महामंडलेश्वरों को भी पद दिया जाएगा.
विवाद की मुख्य वजह क्या है?
स्वामी कौशल्या नंद गिरी उर्फ़ टीना मां ने किन्नर अखाड़े से अलग होने का मुख्य कारण बताते हुए कहा कि पूर्व फिल्म अभिनेत्री ममता कुलकर्णी ने दाऊद इब्राहिम को लेकर जो बयानबाजी की, वह कहीं से भी सनातन धर्म को एकजुट करने वाला नहीं था. उन्होंने आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी पर भी निशाना साधा और कहा कि वह इस मामले पर लगातार मौन रहे, जिससे सनातन धर्म पर कुठाराघात हो रहा था.
टीना मां ने कहा, 'हम सनातन धर्म को मजबूत करने के लिए एकजुट हुए थे, लेकिन विचारों में मतभेद के कारण हमें यह नई राह चुननी पड़ी है.'
प्रमुख हस्तियों ने नए अखाड़े से जुड़ने का किया ऐलान
कामाख्या पीठाधीश्वर भवानी मां पहले ही 2024 में महाकुंभ से पहले किन्नर अखाड़ा छोड़ चुकी थीं. उन्होंने भी सनातन किन्नर अखाड़े से जुड़ने का ऐलान किया है.
श्रीगौरी सांमत (सोशल वर्कर व अभिनेत्री, मुंबई): उन्होंने कहा कि वह किन्नर अखाड़े की संस्थापक सदस्यों में रही हैं, लेकिन अखाड़ा अपने सही उद्देश्यों से भटक गया था. उन्होंने बताया कि नया अखाड़ा सनातन धर्म के साथ-साथ सांस्कृतिक मूल्यों के संरक्षण और संस्कृत शिक्षा को आगे बढ़ाने का काम करेगा.
जूना अखाड़े से संबंध और उपस्थिति
टीना मां ने स्पष्ट किया है कि जूना अखाड़े से सम्बद्धता के संबंध में, वह जूना अखाड़े के संरक्षक महंत हरि गिरी महाराज के सानिध्य में ही रहेंगी. नए अखाड़े के गठन के मौके पर अयोध्या, कानपुर, प्रतापगढ़, कौशांबी, मिर्जापुर और वाराणसी के किन्नर उपस्थित रहेंगे और अपने गुरुओं से आशीर्वाद ग्रहण करेंगे.
---- समाप्त ----

                        10 hours ago
                                1
                    




















                        English (US)  ·