महाभारत के 'कर्ण' पंकज धीर की याद में बिखरे बेटे निकितिन, लिखा भावुक पोस्ट

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महाभारत शो में कर्ण की भूमिका निभाकर फेमस हुए दिग्गज एक्टर पंकज धीर ने 15 अक्टूबर को इस दुनिया को अलविदा कह दिया. उनके जाने से इंडस्ट्री समेत फैंस और परिवार को गहरा सदमा लगा है. अब बेटे निकितिन धीर ने पिता की मौत पर संवेदना जाहिर की और अपनी चुप्पी तोड़ी है. निकितिन ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि वो मेरे गुरू, मेरे दोस्त सब कुछ थे. 

बेटे का छलका दर्द

पंकज लंबे समय से कैंसर की बीमारी से जूझ रहे थे. आखिरकार उन्होंने इस दर्द से मुक्ति पाई और दुनिया को अलविदा कह गए. लेकिन अपने पीछे रोता-बिलखता परिवार छोड़ गए. निकितिन ने पिता पंकज की कुछ अहम यादों को समेटा और एक वीडियो के जरिए शेयर किया. 

निकितिन ने साथ ही लिखा कि- मैं अपनी भावनाएं ठीक से व्यक्त नहीं कर पाता लेकिन कोशिश करूंगा. कहा जाता है कि जन्म लेने के साथ जो एक चीज तय होती है, वो है मृत्यु. हम सब इसे जानते हैं, मानते हैं, स्वीकारते हैं, लेकिन जब कोई ऐसा इंसान चला जाता है जो हमारी जिंदगी का सबसे अहम हिस्सा हो, तो बहुत से सवाल उठते हैं.

''15 अक्टूबर 2025 को मैंने अपने पापा, अपने गुरु, अपने सबसे अच्छे दोस्त- श्री पंकज धीर को खो दिया. वो कुछ समय से अस्वस्थ थे. उनके जाने ने हमारे परिवार को पूरी तरह तोड़ दिया. उनके जाने के बाद हमें हजारों संदेश मिले. छोटे लोगों ने दुआएं दीं, बड़ों ने आशीर्वाद भेजे, और उनके दोस्तों, साथियों और भाइयों ने बहुत सारा प्यार भेजा. पापा के लिए हमें जो सम्मान और स्नेह मिला, उसे शब्दों में बयां करना मुश्किल है. उस समय मैं किसी संदेश का जवाब देने की स्थिति में नहीं था.''

पिता ने दी बड़ी सीख, दिखाई जीवन की राह

निकितिन आगे लिखते हैं- कुछ दिन बाद जब मैंने देखा कि लोगों का प्यार और सम्मान यूं ही लगातार बह रहा है, तो मुझे एहसास हुआ- यही तो जीवन है. जीवन भौतिक चीजों के बारे में नहीं है, बल्कि उस प्यार, आशीर्वाद और आदर के बारे में है जो अमूर्त है और वही मेरे पापा अपने अगले जीवन में साथ लेकर जाएंगे.

''आज मैं पहले से कहीं ज्यादा गर्व महसूस करता हूं कि मैं उनका बेटा हूं. वो सबसे अच्छे पिता थे, जिन्होंने मुझे सिखाया कि हिम्मत क्या होती है, चरित्र क्या होता है, निष्ठा क्या होती है, और सपनों के पीछे डटे रहना क्या होता है, चाहे दुनिया कुछ भी कहे. उन्होंने मुझे जिंदगी के जो पाठ सिखाए, वे मेरी राह को हमेशा रोशन करते रहेंगे. संगीत की विविधता, सिनेमा के प्रति प्रेम या जैसा वो कहते थे “सिने मां''- ये सब उन्हीं से मिला.''

बेटे का वादा- संभालकर रखेंगे विरासत

निकितिन भावुक होकर बोले- उनसे मिली सबसे बड़ी विरासत है, हमारे फिल्म उद्योग के प्रति गहरा सम्मान और प्रेम, यह जानना कि यह दुनिया कितनी सुंदर और सबको अपनाने वाली है. मैं वादा करता हूं कि एक अभिनेता और एक इंसान के रूप में मैं ऐसा काम करूंगा जिससे मेरे पापा को मुझ पर गर्व हो. मैं बस आप सबका धन्यवाद करना चाहता हूं, पापा के लिए जो प्यार और सम्मान आपने दिया, उसके लिए.

''यह वीडियो आप सभी के लिए एक 'धन्यवाद' है, जिन्होंने उन्हें प्यार किया, सराहा और याद किया. हम पूरे परिवार की ओर से परमार्थ आश्रम में स्वामी चिदानंद शास्त्री जी का भी हृदय से आभार व्यक्त करते हैं, जिन्होंने पापा के अस्थि विसर्जन और पूजा में हमारा मार्गदर्शन किया. आप सभी को हमारे पूरे परिवार की ओर से हाथ जोड़कर धन्यवाद. जय मां गंगे, हर हर महादेव.''

पंकज धीर का जाना पूरी फिल्म इंडस्ट्री के लिए गहरी क्षति है. उन्होंने 68 साल की उम्र में अंतिम सांस ली.

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