यूपी के मुजफ्फरनगर में कांवड़ियों के एक ग्रुप का तांडव देखने को मिला. उन्होंने यहां एक ढाबे पर जमकर तोड़फोड़ की. कांवड़ियों का आरोप था कि ढाबे का मालिक, जो मुस्लिम था, उसने अपनी पहचान उजागर नहीं की थी. ढाबे पर नेम प्लेट नहीं लगाई थी. पूछने पर बहस करने लगा. जिसके बाद विवाद हुआ.
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, घटना रविवार को मीरापुर में हाईवे पर सैनी भट्टा चौक के पास लकी शुद्ध ढाबा भोजनालय में हुई, जब कांवड़ियों ने वहां दोपहर का भोजन किया. लेकिन पेमेंट के टाइम नेम प्लेट नजर नहीं आने पर बवाल काट दिया. उनपर ढाबे के फर्नीचर, रसोई और छत के पंखों को नुकसान पहुंचाने का आरोप है.
इससे पहले भी इसी तरह की एक घटना हुई थी, जब कांवड़ियों के एक ग्रुप ने कथित तौर पर खाने में प्याज परोसे जाने के बाद एक ढाबे में तोड़फोड़ की थी. पुलिस ने उस मामले में भी एक्शन लेने की बात कही थी.
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बीते दिन हुई घटना पर मीरापुर के एसएचओ बबलू सिंह ने कहा कि कुछ कांवड़ियों ने पास के एक ढाबे के मालिक के साथ उसकी पहचान उजागर न करने के लिए पूछताछ की. वाद विवाद हुआ, फिर बवाल. हंगामे के बाद कांवड़ियों ने अपनी यात्रा फिर से शुरू कर दी.
पुलिस ने बताया कि ढाबे के एक कर्मचारी पवन ने अज्ञात कांवड़ियों के खिलाफ उसकी पिटाई करने की शिकायत दर्ज कराई है. आगे की जांच जारी है. सीसीटीवी के आधार पर बवाल करने वालों की पहचान की जा रही है.
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दरअसल, पिछले साल तब विवाद खड़ा हो गया था जब उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की भाजपा सरकारों ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित खाद्य दुकानों को अपने मालिकों और कर्मचारियों के नाम प्रदर्शित करने का निर्देश दिया था. विपक्षी दलों ने कहा कि यह कदम धार्मिक बहिष्कार के उद्देश्य से उठाया गया है और सर्वोच्च न्यायालय ने इन निर्देशों पर रोक लगा दी थी. हालांकि, ये मामला अभी तक शांत नहीं हुआ है.
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