सस्ते के चक्कर में अवैध प्रॉपर्टी में न लगाएं पैसा, डूब सकती है पूरी कमाई

10 hours ago 1

हमारे देश में अधिकांश लोग प्रॉपर्टी में निवेश को सबसे सुरक्षित और मुनाफे का सौदा मानते हैं, लेकिन अक्सर निवेश का फैसला सिर्फ कीमत देखकर लिया जाता है. बहुत से लोग कम ईएमआई या सस्ते दाम के झांसे में आकर सोचते हैं कि 'अभी सस्ते में खरीद लें, बाद में बेचकर मुनाफा कमा लेंगे'. मगर कड़वी सच्चाई यह है कि अवैध कॉलोनी में खरीदी गई संपत्ति न केवल बैंक लोन के योग्य होती है, न उसकी कोई रीसेल वैल्यू (पुनर्विक्रय मूल्य) होती है, और न ही वह किसी भी तरह की वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है.

प्रॉपर्टी विशेषज्ञ प्रदीप मिश्रा कहते हैं, "हर व्यक्ति अपनी मेहनत की कमाई बचाकर भविष्य के लिए सुरक्षित करना चाहता है. लेकिन जब यह जमापूंजी बिना पूरी पड़ताल के किसी गैरकानूनी प्रॉपर्टी में लगाई जाती है, तो यह सपनों को साकार करने के बजाय केवल तनाव और पछतावा देती है. अक्सर यह देखा गया है कि लोग अपनी शादी के लिए बचाए गए पैसे, बच्चों की शिक्षा या वृद्धावस्था के लिए जमा की गई राशि को भी इस तरह के अवैध प्लॉट्स में लगा देते हैं, और उनकी पूरी पूंजी बर्बाद हो जाती है."

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सस्ते सौदे की आड़ में सोशल मीडिया का धोखा

प्रदीप मिश्रा आगे कहते हैं, "सोशल मीडिया पर निवेश से जुड़े वीडियोज, रील्स और विज्ञापन - जैसे 'आधी कीमत में प्लॉट' या 'आज लो, कल बेचकर मुनाफा कमाओ!'  विशेष रूप से मध्यम वर्ग को टारगेट करते हैं. यह वर्ग सीमित संसाधनों में भारी रिटर्न की उम्मीद करता है. फाइनेंशियल प्लानिंग पर काम करने वाले करोड़ों लोग बिना कानूनी कागजात देखे, केवल किसी 'ट्रेंडी इन्फ्लुएंसर' की लुभावनी बातों में आकर अपनी गाढ़ी कमाई लगा देते हैं, जिससे उनकी पूरी पूंजी डूब जाती है. ये लुभावने विज्ञापन सस्ते का भ्रम पैदा करके लोगों को अवैध निवेश की ओर धकेलते हैं."

स्मार्ट और सुरक्षित निवेश का रास्ता

प्रदीप मिश्रा सलाह देते हैं, "कोई भी निवेश बिना गहन जांच-पड़ताल के नहीं करना चाहिए, खासकर जब बात अचल संपत्ति की हो. खरीदारों को प्लॉट या अपार्टमेंट की रेरा (RERA) पंजीकरण, नगर परिषद की मंज़ूरी, नक्शों की स्वीकृति और स्वामित्व की कानूनी स्थिति हर पहलू से जांचनी चाहिए."

वह चेतावनी देते हैं कि अवैध कॉलोनियों की कम दरें भले ही सुनने में आकर्षक लगें, लेकिन उनकी "असल कीमत" भविष्य में बहुत भारी पड़ सकती है. इस निवेश की अंतिम कीमत कोर्ट-कचहरी के चक्कर, भारी जुर्माना भरना या यहां तक कि संपत्ति के विध्वंस तक भी पहुंच सकती है.

किसी भी निवेश से पहले 'कानूनी वैधता', 'बाजार मांग' और 'सरकारी सुरक्षा' जैसे बुनियादी बिंदुओं की जांच आवश्यक है. अगर आपकी वर्तमान आय प्रॉपर्टी खरीदने की अनुमति नहीं देती है, तो जबरदस्ती अवैध या घुसपैठ वाली जमीन लेना एक बेकार कदम है. प्रदीप मिश्रा सुरक्षित निवेश के विकल्प सुझाते हैं, "उस पूंजी को बैंक की एफडी सरकारी बॉन्ड, एसआईपी (SIP) या गोल्ड  जैसी अधिक सुरक्षित और विनियमित स्कीमों में निवेश किया जा सकता है.
 

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