स्टॉकिंग और अपहरण की कोशिश के आरोप... विकास बराला को हरियाणा सरकार ने बनाया असिस्टेंट एडवोकेट जनरल

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हरियाणा बीजेपी के पूर्व चीफ सुभाष बराला के बेटे विकास बराला को राज्य सरकार ने असिस्टेंट एडवोकेट जनरल (AAG) नियुक्त किया है, जिसकी अधिसूचना 18 जुलाई को जारी की गई. यह नियुक्ति विवादों में घिर गई है क्योंकि विकास बराला 2017 में एक हाई-प्रोफाइल स्टॉकिंग और अपहरण की कोशिश के मामले में आरोपी रह चुके हैं.

स्टॉकिंग और अपहरण की कोशिश का मामला एक आईएएस अधिकारी की बेटी वर्णिका कुंडू से जुड़ा था. इस मामले में वह और उनके साथी गिरफ्तर भी किए गए थे. अगस्त 2017 की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने पुलिस के सामने अपना गुनाह कबूल किया था.

विकास बराला बीजेपी के राज्यसभा सांसद और पूर्व हरियाणा बीजेपी प्रमुख सुभाष बराला के बेटे हैं. उन्हें दिल्ली में हरियाणा की लीगल सेल का प्रतिनिधित्व करने के लिए 7 कानूनी अधिकारियों में शामिल किया गया है.

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हरियाणा सरकार की तरफ से 96 लॉ ऑफिसर नियुक्त किए गए हैं, जिनमें एडिशनल एडवोकेट जनरल, सीनियर डिप्टी एडवोकेट जनरल, डिप्टी एडवोकेट जनरल और असिस्टेंट एडवोकेट जनरल शामिल हैं. ये सभी अधिकारी पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट (चंडीगढ़) और दिल्ली में राज्य की ओर से पेश होंगे.

विकास बराला की नियुक्ति पर क्या बोलीं वर्णिका कुंडू?

इस मामले पर पीड़िता वर्णिका कुंडू ने आज तक से फोन पर बातचीत में कहा, "जहां तक विकास बराला की नियुक्ति का सवाल है, मैं समझती हूं कि उन्हें नियुक्त करने वाली सक्षम अथॉरिटी ही इस पर जवाब दे सकती है. वे सभी शिक्षित लोग हैं और उन्हें इस नियुक्ति पर जवाब देना चाहिए."

वर्णिका ने आगे कहा, "जहां तक मेरे केस की बात है, मैं कहूंगी कि मुझे न्यायपालिका पर बहुत विश्वास है, लेकिन अब 8 साल हो चुके हैं. केस से लोगों का ध्यान भी हट चुका है. फिर भी मैं कहती हूं कि मुझे न्यायपालिका पर विश्वास है, लेकिन 8 साल बीत जाने के बाद यह थोड़ा डगमगाने लगा है."

आईएनएलडी ने विकास बराला की नियुक्ति की आलोचना की

INLD के विधायक आदित्य देवीलाल ने विकास बराला की गिरफ्तारी पर कहा, "इस पूरे मामले की जांच होनी चाहिए. पूरी नियुक्ति सूची को देखें - इसमें बीजेपी नेताओं के रिश्तेदार, भाई-भतीजे शामिल हैं. यह पूरी तरह से परिवारवाद और सिफारिश का उदाहरण है."

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INLD विधायक ने कहा, "विकास बराला को तुरंत हटाया जाना चाहिए और मुख्यमंत्री को इस पर जवाब देना चाहिए - हालांकि मुझे नहीं लगता कि उनके पास कोई जवाब होगा. बीजेपी सरकार को उन तीन हजार योग्य अभ्यर्थियों से माफी मांगनी चाहिए, जिनकी नियुक्ति नहीं हुई और विकास बराला जैसे लोगों को मौका मिला."

INLD के विधायक आदित्य देवीलाल ने आगे कहा,  "जिस व्यक्ति पर आपराधिक मामला चल रहा हो, जो ट्रायल फेस कर रहा हो - क्या वो हरियाणा की तरफ से कानूनी बात रखेगा? यह न केवल गैर-ज़िम्मेदाराना है, बल्कि न्याय प्रणाली का भी अपमान है." उन्होंने आगे कहा, "अगर लॉ ऑफिस में इस तरह से सिफारिशों से नियुक्तियां होनी हैं, तो फिर आवेदन मंगवाने का क्या मतलब रह जाता है?"

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