हल्दी का पानी या हल्दी दूध? जानिए कौन सा शरीर को देगा ज्यादा फायदा

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आपकी रसोई में रखी हल्दी ना केवल आपके खाने के लिए नेचुरल कलर का काम करती है, बल्कि दुनिया की सबसे ताकतवर नेचुरल चीजों में से एक है. सदियों से ये भारतीय रसोई और आयुर्वेदिक दवाओं का हिस्सा रही है. इसमें मिलने वाला करक्यूमिन इसे चमकीला पीला रंग और सेहतमंद बनाता है. करक्यूमिन अपनी सूजन कम करने, एंटीऑक्सीडेंट और हीलिंग यानी उपचार करने की क्षमता के लिए जाना जाता है. ये शरीर को इंफेक्शन से बचाने, जोड़ों के दर्द में राहत देने, डाइजेशन सुधारने और पूरे शरीर की सेहत को बेहतर बनाने में मदद करता है.

हल्दी से मिलने वाले फायदों के कारण आजकल लोग इसका इस्तेमाल कई तरीकों से करते हैं. लेकिन इन तरीकों में सबसे ज्यादा मशहूर हल्दी का पानी और हल्दी वाला दूध हैं. दोनों को ही बनाना आसान है, लेकिन शरीर पर इनका असर अलग होता है. अगर आपको नहीं पता है कि इनमें फर्क क्या है और आपके लिए कौन सा ज्यादा फायदेमंद है तो ये खबर आपके लिए है. चलिए जानते हैं.

हल्दी का पानी
हल्दी का पानी, हल्की को गुनगुने पानी में मिलाकर बनाया जाता है. कई लोग इसमें चुटकीभर नींबू, शहद या काली मिर्च भी डालते हैं ताकि इसका स्वाद और सेहत को मिलने वाले फायदे बढ़ जाएं.

फायदे:
हल्दी का पानी एक बेहतरीन मॉर्निंग ड्रिंक है. ये शरीर को हाइड्रेट करता है और हल्का-सा डिटॉक्स देता है. ये लिवर की सेहत को भी सपोर्ट करता है और शरीर से टॉक्सिंस निकालने में मदद करता है. यह डाइजेशन में सुधार करता है, बाइल (पित्त जूस) प्रोडक्सन को बूस्ट करता है और पेट फूलना कम करता है. इसमें कैलोरी बहुत कम होती हैं, इसलिए यह वजन कम करने या कंट्रोल में रखने वालों के लिए अच्छा ऑप्शन है.

लिमिटेशंस:
हल्दी में मौजूद करक्यूमिन पानी में पूरी तरह घुलता नहीं है, इसलिए शरीर इसे कम मात्रा में अब्सॉर्ब कर पाता है. ये हल्की बीमारियों से निजात पाने के लिए तो अच्छा है, लेकिन गहरी सूजन या दर्द में बहुत असरदार नहीं होता.

पीने का सही समय:
सुबह खाली पेट एक गिलास हल्दी पानी पीना सबसे फायदेमंद होता है.

हल्दी वाला दूध
हल्दी वाला दूध भारतीय घरों में रात को पीया जाने वाला एक रिलैक्सिंग ड्रिंक है, जिसे लोग पीढ़ियों से पी रहे हैं. इसे दूध को हल्दी के साथ हल्का गरम करके बनाया जाता है. कई लोग इसमें काली मिर्च, अदरक या दालचीनी भी डालते हैं ताकि इसका स्वाद और असर बढ़ जाए.

फायदे:
ये इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करता है और सर्दी, खांसी या इंफेक्शन से भी बचाव करता है. दूध में मौजूद फैट की वजह से हल्दी का करक्यूमिन शरीर में बेहतर तरह से अब्सॉर्ब होता है, जिससे जोड़ों के दर्द और सूजन में राहत मिलती है. गर्म दूध शरीर को आराम देता है, जबकि हल्दी दिमाग को शांत करती है. इसलिए यह नींद बेहतर करने में भी मददगार है. इसके साथ ही ये प्रोटीन, कैल्शियम और जरूरी पोषक तत्वों से भरपूर एक पौष्टिक ड्रिंक है.

लिमिटेशंस:
हल्दी वाले दूध में कैलोरी हल्दी पानी के मुकाबले ज्यादा होती है. यह उन लोगों के लिए ठीक नहीं जो लैक्टोज इंटॉलरेंट होते हैं, हालांकि इससे बचने के लिए आप प्लांट बेस्ड मिल्क में इसे बना सकते हैं.

पीने का सही समय:
हल्दी वाला दूध रात को सोने से पहले पीना सबसे फायदेमंद होता है.

हल्दी का पानी Vs हल्दी वाला दूध 

हेल्थ गोल्स हल्दी का पानी हल्दी वाला दूध

मॉर्निंग डिटॉक्स और हाइड्रेशन

बेस्ट ऑप्शन  
डाइजेस्टिव हेल्थ पेट फूलना कम करता है आराम देता है लेकिन थोड़ा भारी
वेट कंट्रोल हल्का और कम कैलोरी वाला ज्यादा कैलोरी वाला (अच्छा नहीं)
सूजन और जोड़ों का दर्द हल्का असर ज्यादा असरदार
सर्दी, खांसी और फ्लू हल्की असर बेहतरीन घरेलू नुस्खा
नींद और आराम   अच्छी नींद में मदद करता है
लैक्टोज इंटॉलरेंस पी सकते हैं प्लांट बेस्ड मिल्क के साथ पी सकते हैं
क्विक वेलनेस बूस्ट जल्दी बनने वाला थोड़ा भारी लेकिन पौष्टिक

कौन सा ज्यादा फायदेमंद?
हल्दी का पानी और हल्दी वाला दूध एक-दूसरे के लिए पूरक हैं. इनका आपस में कोई मुकाबला नहीं है. हल्दी का पानी शरीर को रिफ्रेश करता है, डिटॉक्स करता है और मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाता है. वहीं, हल्दी वाला दूध शरीर को अंदर से हेल्दी, रिलैक्स और मजबूत बनाता है. अगर आप जान लें कि इसे कब और कैसे पीना है, तो हल्दी आपकी हेल्दी लाइफस्टाइल का एक शक्तिशाली हिस्सा बन सकती है.

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