आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले में शुक्रवार को हैदराबाद से बेंगलुरु जा रही एक प्राइवेट बस में आग लग गई, जिसमें 20 लोगों की मौत हो गई. वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार, मृतकों में एक बाइक सवार भी शामिल है और मरने वालों का आंकड़ा बढ़ने की संभावना है. शुरुआती रिपोर्ट्स के मुताबिक, चिन्नाटेकुर के पास बस और एक मोटरसाइकिल की टक्कर हो गई. मोटरसाइकिल बस के नीचे फंस गई और उसके खुले फ्यूल कैप से आग लग गई.
कुरनूल रेंज के DIG कोया प्रवीण ने बताया, 'पुलिस बस के भीतर जाकर हालात का जायजा ले रही है.' उन्होंने कहा कि पूरी जांच और सभी लोगों की पहचान के बाद ही मृतकों और जीवित बचे लोगों की सटीक जानकारी सामने आएगी. घटना के समय बस का दरवाजा शॉर्ट सर्किट होने के कारण जाम हो गया और बस कुछ ही मिनटों में पूरी तरह जल गई. जिला कलेक्टर ए. सीरी ने कहा कि बस में कुल 41 लोग सवार थे, जिसमें ड्राइवर भी शामिल था. बचे हुए लोगों की हालत स्थिर है और खतरे से बाहर है.

जाम हो गया था मेन गेट
जिला कलेक्टर ने बताया कि हादसे के वक्त अधिकांश यात्री सो रहे थे, इसलिए कई लोग समय रहते बस से बाहर नहीं निकल पाए. कुछ तार कट जाने के कारण बस का दरवाजा तुरंत नहीं खुल सका, जिससे इस हादसे की गंभीरता बढ़ गई. जांच के दौरान पुलिस ने एहतियातन बस का डीजल टैंक खाली किया. वहीं, मेडिकल एक्सपर्ट्स की टीम मौके पर पहुंची और जलने वाले शवों के DNA सैंपल इकट्ठा किए. DIG ने बताया कि बस में कोई फायर कंट्रोल उपकरण मौजूद नहीं था, जिससे सुरक्षा मानकों और आपातकालीन तैयारियों में कमी का पता चला है.
यात्री ने बताया बस में क्या हुआ?
एक यात्री ने बताया, 'रात को हम कुकटपल्ली से बेंगलुरु जाने के लिए बस में सवार हुए. मैं ड्राइवर के पीछे वाली सीट पर बैठा हुआ था. लंबी यात्रा के बाद सुबह 2:30 से 3:30 बजे के बीच मैंने बस की खिड़की के पास आग देखी और तुरंत ड्राइवर को बताया. हमने बस को रोक दिया और खिड़कियां तोड़ने की कोशिश की. लगभग 20 लोग ही बाहर निकल पाए जबकि बाकी अंदर ही फंस गए.'
यात्री ने बताया, 'बस में हर कोई सो रहा था. हमने सभी को जगाया. मेन गेट बंद होने के कारण हमने इमरजेंसी विंडो तोड़ी. हम खिड़की से बाहर कूद गए. कई लोग खिड़कियां तोड़कर बस से बाहर निकल गए, बाकी भीतर ही फंसे रह गए.'

दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने अधिकारियों को दिए निर्देश
मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है. उन्होंने जिला कलेक्टर और SP से बात की और घायलों के इलाज की जानकारी ली. एक सोशल मीडिया पोस्ट में उन्होंने लिखा, 'कुरनूल जिले के चिन्नाटेकुर गांव के पास बस आग दुर्घटना के बारे में जानकर मैं सदमे में हूं. मेरी संवेदनाएं उन परिवारों के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है. सरकार घायल और प्रभावित परिवारों को हर संभव मदद प्रदान करेगी.'
वहीं तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने भी दुर्घटना पर दुःख व्यक्त किया और मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना जताई. उन्होंने गडवाल जिला कलेक्टर और SP को तुरंत राहत उपायों के लिए घटनास्थल पर भेजा और परिजनों के लिए हेल्पलाइन स्थापित करने के निर्देश दिए.
पीएम मोदी ने किया मुआवजे का ऐलान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर दुख व्यक्त किया और प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से प्रत्येक मृतक के परिजनों को 2 लाख रुपये और घायल को 50,000 रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की. वहीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी घटना पर शोक व्यक्त किया और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की.

स्वास्थ्य मंत्री सत्यकुमार यादव ने बताया कि मृतकों की पहचान के लिए DNA सैंपल जुटाए जा रहे हैं. उन्होंने कुरनूल GGH सुप्रिटेंडेंट को निर्देश दिया है कि घायल मरीजों को सर्वोत्तम इलाज मुहैया कराया जाए. मृतकों के शवों के पोस्टमॉर्टम की तैयारी की जा रही है और फॉरेंसिक डॉक्टर मौके पर हैं. 12 लोग मामूली चोटों के साथ अस्पताल में भर्ती हैं, जिनमें से 6 को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई है. एक व्यक्ति बस से कूदते समय गंभीर रूप से घायल हो गया था लेकिन उसकी हालत स्थिर है.
बस पर 23 हजार के चालान लंबित
हादसे को लेकर ट्रांसपोर्ट विभाग ने बड़ा स्पष्टीकरण दिया है. विभाग ने बताया कि इस भीषण हादसे में शामिल लग्जरी बस तेलंगाना की नहीं, बल्कि ओडिशा के रायगढ़ जिले में रजिस्टर्ड थी. जांच में यह भी सामने आया है कि बस पर तेलंगाना में ओवरस्पीडिंग के कई ई-चालान लंबित थे, जिनकी कुल राशि लगभग 23 हजार रुपये है. अधिकारियों ने बताया कि बस की फिटनेस और परमिट से जुड़ी जिम्मेदारी ओडिशा सरकार के अधिकार क्षेत्र में आती है.
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