हेलिकॉप्टर से केदारनाथ जाने के लिए अब देने होंगे 5000 रुपये ज्यादा, 49% बढ़ा किराया

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केदारनाथ धाम की हेलिकॉप्टर यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं को इस बार बड़ा आर्थिक झटका लगा है. उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (UCADA) ने हेलिकॉप्टर किराए में 49 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी है. नई दरें 15 सितंबर से लागू होंगी, बशर्ते नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) अंतिम अनुमति प्रदान कर दे. 

अनुमति मिलते ही आईआरसीटीसी (IRCTC) की वेबसाइट पर 10 सितंबर से ऑनलाइन टिकट बुकिंग शुरू हो जाएगी. यात्रा सीजन की पहली हेली सेवा भी 15 सितंबर से शुरू होने की संभावना है. नई किराया दरों के अनुसार गुप्तकाशी से केदारनाथ के लिए आने-जाने का किराया 12,444 रुपये तय किया गया है. 

किराए में चार से पांच हजार रुपये की बढ़ोतरी

फाटा से 8,900 रुपये और सिरसी से 8,500 रुपये का किराया लगेगा. इससे पहले गुप्तकाशी से लगभग 8,500 रुपये और फाटा व सिरसी से लगभग 6,500 रुपये में टिकट उपलब्ध था. यानी यात्रियों को पहले की तुलना में लगभग चार से पांच हजार रुपये अतिरिक्त देने होंगे.

UCADA के सीईओ आशीष चौहान ने बताया कि यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए इस बार हेलिकॉप्टर सेवाओं में तकनीकी सुधार किए जा रहे हैं. चारों धामों में ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन स्थापित होंगे, जिससे मौसम की सटीक और रियल टाइम जानकारी मिल सकेगी. 

इसके अलावा पीटीजी कैमरे, एटीसी, वीएचएफ सेट और सिलोमीटर लगाए जाएंगे. दो कंट्रोल रूम भी बनाए जा रहे हैं- एक देहरादून के सहस्त्रधारा और दूसरा सिरसी में. ग्राउंड कंट्रोल के लिए 22 ऑपरेटरों की टीम तैनात की जाएगी, ताकि उड़ानों पर लगातार नजर रखी जा सके.

सिफारिशों के आधार पर लागू की जा रही नई व्यवस्था

दरअसल, हाल के वर्षों में बद्रीनाथ और गंगोत्री मार्ग पर हेलिकॉप्टर हादसे होने के बाद डीजीसीए ने राज्य सरकार को सुरक्षा इंतजाम कड़े करने के निर्देश दिए थे. इसी क्रम में गृह सचिव शैलेश बगौली की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति गठित की गई थी, जिसने हेली सेवाओं की सुरक्षा को लेकर कई सिफारिशें दीं. उन्हीं सिफारिशों के आधार पर नई व्यवस्था लागू की जा रही है.

आम श्रद्धालुओं की जेब पर बढ़ेगा बोझ

हर साल लाखों श्रद्धालु केदारनाथ यात्रा के दौरान पैदल मार्ग की कठिनाई से बचने के लिए हेलिकॉप्टर सेवा का सहारा लेते हैं. कई श्रद्धालु उम्रदराज और बीमार होते हैं, जिन्हें यह सुविधा यात्रा पूरी करने का एकमात्र विकल्प लगती है. हालांकि अचानक किराया बढ़ने से आम श्रद्धालुओं की जेब पर बोझ बढ़ेगा, लेकिन प्रशासन का दावा है कि नई तकनीक और व्यवस्थाओं से हेली सेवा न सिर्फ सुरक्षित बल्कि पहले से अधिक व्यवस्थित भी होगी.

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