सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को पति-पत्नी के बीच वैवाहिक विवाद में गुजारा भत्ते को लेकर एक हाई प्रोफाइल केस पर सुनवाई हुई. मुख्य न्यायाधीश (CJI) जस्टिस भूषण आर गवई की बेंच ने इस केस पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस की बेंच के सामने इस मामले में दिलचस्प बहस हुई. दोनों तरफ की दलीलें पूरी होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. इस दौरान चीफ जस्टिस गवई ने महिला को नसीहत दी कि वह पढ़ी लिखी है तो उसे पति के गुजारा भत्ते के भरोसे नहीं रहना चाहिए.
खास बात यह है कि महिला अपने केस की खुद पैरवी कर रही थी. सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने महिला से पूछा कि आखिर आपकी क्या मांग है? महिला ने कहा कि बस मुंबई वाला घर और 12 करोड़ का गुजारा भत्ता. चीफ जस्टिस गवई ने कहा लेकिन वह घर कल्पतरु में है. अच्छे बिल्डरों में से एक. आप आईटी एक्सपर्ट हैं. आपने एमबीए किया है. बेंगलुरु, हैदराबाद में कभी भी, आप नौकरी भी क्यों नहीं करतीं? आपकी शादी सिर्फ़ 18 महीने चली और अब आप एक BMW भी चाहती हैं?
चीफ जस्टिस ने कहा कि 18 महीने की शादी और आप हर महीने एक करोड़ चाहती हैं. महिला ने जवाब में कहा, लेकिन वो बहुत अमीर है. उसने मुझे सिज़ोफ्रेनिया का शिकार बताकर शादी रद्द करने की मांग की है. इस दौरान पति की ओर से वरिष्ठ वकील माधवी दीवान ने कहा कि उसे भी काम करना पड़ता है. हर चीज की मांग ऐसे नहीं की जा सकती. इसके बाद महिला ने कहा कि क्या मैं सिजोफ्रेनिया से पीड़ित दिखती हूं? सीजेआई गवई ने कहा कि आप आयकर रिटर्न के दस्तावेज कोर्ट को दिखाएं.
सीजेआई ने यह भी कहा कि आप उसके पिता की संपत्ति पर दावा नहीं कर सकती हैं. सीजेआई की बेंच ने पति की आयकर रिटर्न के कागजात देखे. पति की वकील माधवी दीवान ने सीजेआई से यह कहने का आग्रह किया कि पूरी कॉपी दें. पति की वकील ने कहा कि 2015-16 में आय ज्यादा है, क्योंकि उस समय वो नौकरी करते थे. 2 करोड़ 50 लाख और 1 करोड़ का बोनस. इन पर प्रॉक्सी बिज़नेस के भी आरोप हैं. जिस फ्लैट में वह रह रही हैं, उसके अलावा. दो कार पार्किंग भी हैं. वह उससे कमाई कर सकती हैं.
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इस पर मुख्य न्यायाधीश गवई ने हामी भरते हुए कहा कि मुंबई में सभी जगहों से पैसा कमाया जा सकता है. पति की वकील माधवी दीवान ने आगे कहा कि जिस BMW का वह सपना देख रही हैं, वह 10 साल पुरानी है. वह बहुत पहले ही बंद हो चुकी है. सीजेआई गवई ने महिला से कहा कि या तो आपको बिना किसी बोझ के फ्लैट मिलेगा या कुछ भी नहीं. जब आप उच्च शिक्षित हो और अपनी इच्छा से काम न करने का फैसला करें. या तो आप वो चार करोड़ रुपये ले लें और पुणे,हैदराबाद,बेंगलुरु में कोई अच्छी नौकरी ढूंढ लें. आईटी केंद्रों में मांग है.
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इस पर याचिकाकर्ता महिला ने शिकायत करते हुए कहा कि मेरी नौकरी भी इन्होंने ही छुड़वा दी. मुझपर FIR भी दर्ज करा दी. सीजेआई गवई ने कहा कि आप FIR दे दीजिए, हम वो भी रद्द कर देंगे. हम निर्देश देंगे कि कोई भी पक्ष एक-दूसरे के खिलाफ कोई आपराधिक कार्यवाही शुरू नहीं करेगा. इस पर पति की वकील ने कहा कि ये तो समझौते में ही है. फैसला सुरक्षित रखते हुए सीजेआई गवई ने महिला से कहा कि आपको मांगना नहीं चाहिए, आपको खुद कमाकर खाना चाहिए.
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