दिल्ली में दो सब इंस्पेक्टरों पर लाखों रुपए की ठगी का सनसनीखेज आरोप लगा है. इस घटना न केवल खाकी वर्दी को दागदार किया है, बल्कि पुलिस व्यवस्था के प्रति लोगों का भरोसा भी कम किया है. इस मामले की शिकायत मिलने के बाद इंस्पेक्टर रैंक के एक अफसर के नेतृत्व में जांच टीम का गठन किया गया था. उसकी रिपोर्ट के आधार पर आरोपी पुलिस अफसरों के खिलाफ केस दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया.
इस मामले में जांच के दौरान जो खुलासे हुए हैं, वे हैरान कर देने वाले हैं. फर्जी न्यायिक आदेश तैयार किए गए, केस प्रॉपर्टी से पैसों की निकासी हुई और सरकारी व्यवस्था का अंदर से दुरुपयोग किया गया. उत्तर-पूर्वी जिले के साइबर पुलिस स्टेशन में दर्ज मामलों के निपटारे में अनियमितताओं की शिकायत के बाद आंतरिक जांच शुरू की गई. एसएचओ राहुल कुमार की अगुवाई में एक विशेष टीम बनाई गई थी.
इस टीम में सब-इंस्पेक्टर नंदन सिंह, हेड कांस्टेबल अमित, रोहन और कांस्टेबल दीपक शामिल थे. लेकिन टीम का ही एक सदस्य एसआई अंकुर मलिक पूरे फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड निकला. जब केस की प्रॉपर्टी और खातों का नियमित ऑडिट किया गया, तो बैंक डिटेल और न्यायिक आदेशों में संदेहास्पद विसंगतियां सामने आईं. गहराई से जांच में पता चला कि शिकायतकर्ताओं के नाम से जाली कोर्ट ऑर्डर तैयार किए गए थे.
इन्हीं आदेशों के आधार पर 75 लाख रुपए की साइबर ठगी से रिकवर की गई रकम को निकाल लिया गया था. इस मामले में सब-इंस्पेक्टर अंकुर मलिक 19 मार्च से फरार था. उसके खिलाफ तीन एफआईआर दर्ज की गई थी. ग्राउंड इंटेलिजेंस के आधार पर पुलिस ने पता लगाया कि वो इंदौर में छिपा हुआ है. 18 जुलाई को स्थानीय पुलिस के सहयोग से एक किराए के फ्लैट पर छापा मारा गया, जहां वो एक महिला के साथ था.
दिल्ली पुलिस की जांच टीम ने आरोपी सब-इंस्पेक्टर अंकुर मलिक और महिला को गिरफ्तार कर लिया. उनके पास से 12 लाख रुपए नकद, 820 ग्राम सोने के सिक्के, 200 ग्राम सोने के गहने, 11 मोबाइल फोन, 1 लैपटॉप, 3 एटीएम कार्ड और कई आपत्तिजनक दस्तावेज मिले हैं. जांच में सामने आया कि आरोपी फर्जी खातों का इस्तेमाल कर रहा था. ऐसे खातों को 'खच्चर अकाउंट' कहा जाता है.
इन खातों का इस्तेमाल अवैध रूप से पैसा ट्रांसफर और क्लीन करने के लिए किया गया था. लैपटॉप और मोबाइल डेटा के एनालिसिस से इस नेटवर्क के और भी चेहरे सामने आए हैं. अंकुर मलिक की निशानदेही पर दिल्ली में छापेमारी हुई. यहां से मोहम्मद इलियास (40), आरिफ (35) और शादाब (23) को गिरफ्तार किया गया है. ये तीनों उत्तर-पूर्वी दिल्ली के रहने वाले हैं. कमीशन के बदले अपने बैंक खाते उपलब्ध कराए थे.
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