न्यूजीलैंड की टीम आईसीसी महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप 2025 से बाहर हो गई है. 23 अक्टूबर (गुरुवार) को नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्पोर्ट्स एकेडमी में हुए मुकाबले में न्यूजीलैड को भारत के हाथों डीएलएस नियम के तहत 53 रनों से हार झलेनी पड़ी. भारतीय टीम इस जीत के साथ ही सेमीफाइनल में पहुंच गई. ऑस्ट्रेलिया, साउथ अफ्रीका और इंग्लैंड की टीम्स पहले ही सेमीफाइनल में पहुंच चुकी थी.
भारत से हार के बाद न्यूजीलैंड की कप्तान सोफी डिवाइन बेहद भावुक नजर आईं. न्यूजीलैंड की टीम रविवार (26 अक्टूबर) को इंग्लैंड के खिलाफ इस वर्ल्ड कप में अपना आखिरी मुकाबला खेलेगी. इस मुकाबले के बाद डिवाइन वनडे क्रिकेट को अलविदा कह देंगीं. भारत से हार के बाद डिवाइन ने अपनी टीम और क्रिकेट करियर पर खुलकर बात की. उन्होंने माना कि वर्ल्ड कप से बाहर होना बहुत निराशाजनक है, लेकिन उन्हें अपनी टीम और युवा खिलाड़ियों पर बेहद गर्व है.
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सोफी डिवाइन ने कहा, 'हार के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस करना बेहद मुश्किल है, लेकिन फिर भी मुझे इस टीम पर गर्व है. मैं ज्यादा नहीं सोचती क्योंकि मैं बहुत भावुक हो जाती हूं. लेकिन लड़कियों ने जिस तरह खेल दिखाया, उससे मैं बहुत गर्व महसूस कर रही हूं. इसाबेला गेज, ब्रूक हैलीडे, एमेलिया केर, ईडन कार्सन जैसी खिलाड़ी अब खुद को टीम में साबित कर रही हैं. यही चीज मुझे सुकून देगी, जब मैं अगला मैच खेलकर टीम से विदा लूंगी. यह कुछ ऐसा है जैसे एक मां अपने बच्चों को बढ़ते हुए देखती है.'
हारना हमेशा कठिन होता है: डिवाइन
सोफी डिवाइन ने कहा कि उन्होंने इतने साल न्यूजीलैंड क्रिकेट के साथ बिताए हैं. डिवाइन कहती हैं, 'हमने पावरप्ले में बेहतरीन गेंदबाजी की, लेकिन जब कोई टीम 200 से ज्यादा की पार्टनरशिप कर लेती है, तो दबाव बढ़ जाता है. भारतीय बल्लेबाज खुलकर खेलीं और शायद 20–30 रन ज्यादा बना दिए. हारना हमेशा कठिन होता है, खासकर जब सेमीफाइनल की उम्मीद बची हो. लोग भूल जाते हैं कि हम भी इंसान हैं, हमारे भी जज्बात हैं. हम आलोचना और उम्मीदों का बोझ महसूस करते हैं.'
सोफी डिवाइन ने कहा कि इस टूर्नामेंट में मौसम ने उनकी टीम का साथ नहीं दिया. कोलंबो में दो मैच बारिश में धुल गए, साथ ही शुरुआती दो मैच हारने से टीम पर बहुत दबाव आ गया. डिवाइन ने कहा, 'हमने जितनी मेहनत की, उतनी शायद किसी ने नहीं की होगी. लेकिन खेल में मेहनत का मतलब हमेशा जीत नहीं होता. यह सबसे कठिन हिस्सा है, जब सब कुछ देने के बाद भी नतीजा आपके पक्ष में नहीं आता. हम हार से उबरेंगे और इंग्लैंड के खिलाफ पूरी ताकत झोंक देंगे. जीतें या हारें, लेकिन हम मैदान से सर ऊंचा रखकर निकलेंगे. कभी-कभी जीवन में अच्छे लोगों को भी नतीजे नहीं मिलते, लेकिन हम अपनी पूरी कोशिश करेंगे.'
भारत के खिलाफ मुकाबला न्यूजीलैंड के लिए 'करो या मरो' जैसा था. न्यूजीलैंड ने टॉस जीतकर गेंदबाज़ी चुनी, लेकिन भारत की ओपनिंग जोड़ी ने शानदार साझेदारी कर डाली. प्रतीका रावल और स्मृति मंधाना ने पहले विकेट के लिए 212 रन जोड़े. प्रतीका ने 122 और मंधाना ने 109 रन बनाए. डीएलएस नियम के तहत न्यूजीलैंड को 44 ओवर में 325 रनों का लक्ष्य मिला थ. ब्रुक हैलीडे (81 रन) और इसाबेला गेज (नाबाद 65) की फिफ्टी के बावजूद न्यूजीलैंड की टीम जीत से काफी दूर रह गई.
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