पश्चिम एशिया में तनावपूर्ण हालात अब सीधे युद्ध की ओर बढ़ते दिख रहे हैं. इजरायल के ताजा हमले में ईरान में अब तक 104 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 300 से अधिक घायल हुए हैं. इसके बाद ईरान की इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के नए प्रमुख मेजर जनरल मोहम्मद पाकपुर ने इजरायल को अब तक की सबसे कड़ी चेतावनी दी है. उन्होंने अपने तीखे बयान में कहा कि जायोनिस्ट शासन (इजरायल) ने जिस प्रकार से ईरान की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन किया है, उसका जवाब जल्द और भयावह रूप में दिया जाएगा.
उन्होंने यह बयान ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को संबोधित एक संदेश में दिया है, जिसे ईरानी सरकारी मीडिया ने प्रसारित किया.
IRGC प्रमुख मेजर जनरल पाकपुर ने कहा, 'जायोनिस्ट शासन ने आज इस्लामी गणराज्य की राष्ट्रीय सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन करके जो अपराध किया है, उसका जवाब जरूर दिया जाएगा. अपराधी और नाजायज जायोनिस्ट शासन को भयंकर और विनाशकारी परिणामों के साथ एक कड़वी और दर्दनाक नियति का सामना करना पड़ेगा. कमांडरों, वैज्ञानिकों और शहीद हुए लोगों के खून का बदला लेने के लिए, इस बाल-हत्या करने वाली सरकार के लिए जल्द ही नरक के द्वार खोल दिए जाएंगे."
इजरायल के 5 चरणों में एयरस्ट्राइक, 100 से अधिक की मौत
दरअसल, इजरायली वायुसेना ने ईरान की राजधानी तेहरान, तबरीज और अन्य रणनीतिक शहरों में हवाई हमले किए. इन हमलों में ईरान के परमाणु संयंत्र, मिसाइल निर्माण इकाइयां, रक्षा प्रतिष्ठान और सैन्य कमांड सेंटर को निशाना बनाया गया. ईरान के सरकारी मीडिया के अनुसार, अब तक 104 लोगों की मौत हो चुकी है और 300 से अधिक लोग घायल हुए हैं.
इजरायली मीडिया के मुताबिक इन हमलों में 20 से अधिक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी मारे गए हैं. इनमें IRGC के एयरोस्पेस फोर्स कमांडर अमीर अली हाजीजादेह का नाम भी शामिल है. इजरायली मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि यह हमला बेहद योजनाबद्ध था और इसे “ऑपरेशन राइजिंग लायन” नाम दिया गया है. इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने स्वयं इसकी पुष्टि की है.
ईरान ने परमाणु वार्ता से हाथ खींचा
तेहरान पर हुए इजरायली हमलों के तुरंत बाद ईरान ने संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ चल रही परमाणु वार्ता से औपचारिक रूप से पीछे हटने की घोषणा कर दी. ईरानी विदेश मंत्रालय ने कहा कि जब एक राष्ट्र पर हमला हो रहा हो, तो कूटनीति का कोई औचित्य नहीं रह जाता.
इस घटनाक्रम के बाद अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर टिप्पणी करते हुए कहा कि ईरान को अभी भी एक दूसरा मौका मिल सकता है, बशर्ते वे समझौता करना चाहें. उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका के पास दुनिया के सबसे घातक हथियार हैं और उनमें से कई इजरायल के पास हैं.
खामेनेई ने दी नियुक्तियां, अगला कदम आक्रामक
तीन शीर्ष सैन्य अधिकारियों के मारे जाने के बाद सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामेनेई ने तुरंत नई स्थायी नियुक्तियों की घोषणा कर दी है. हालांकि इन अधिकारियों के नामों का आधिकारिक ऐलान नहीं किया गया है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक ये सभी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के वरिष्ठ सदस्य हैं और पश्चिमी देशों के प्रति आक्रामक रुख के लिए जाने जाते हैं.
इस हमले को लेकर संयुक्त राष्ट्र ने गहरी चिंता जताई है और दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है. वहीं रूस और चीन ने इजरायली कार्रवाई की कड़ी निंदा की है और ईरान के साथ एकजुटता दिखाने का ऐलान किया है.