भारत में वोटर लिस्ट में गड़बड़ी और निर्वाचन आयोग की कार्यशैली पर उठाए गए विपक्ष के सवालों के जवाब मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने स्वीडन को राजधानी स्टॉकहोम में दिए. चुनावी शुचिता और पारदर्शिता पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में ज्ञानेश कुमार ने कहा कि भारत में मतदाता सूची तैयार करना दुनिया के सबसे कठिन और पारदर्शी कार्यों में से एक है. उन्होंने कहा कि मतदाता सूची को कानून के अनुसार हर साल संशोधन के दौरान और चुनावों से पहले मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय दलों के साथ साझा किया जाता है.
सीईसी ने कहा कि 1960 से ही मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के साथ मतदाता सूची साझा की जाती रही है, जिसमें दावे, आपत्तियां और अपील का प्रावधान है. मुख्य चुनाव आयुक्त की यह टिप्पणी कांग्रेस समेत विपक्षी दलों द्वारा चुनावों में धांधली करने के लिए मतदाता डेटा में हेराफेरी का आरोप लगाने के बाद आई है. चुनाव आयोग ने इन आरोपों को बेतुका बताया है. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ज्ञानेश कुमार ने कहा कि मतदाता सूची तैयार करना विश्व के सबसे कठोर एवं पारदर्शी कार्यों में से एक है, जो निर्वाचन प्रक्रिया की सटीकता एवं अखंडता को मजबूत करता है.
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चुनाव आयोग के अनुसार, मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि इस मजबूत तंत्र ने वर्षों से देश भर में चुनावी विश्वसनीयता बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. सीईसी ने बताया कि मतदाता सूची में संशोधन की प्रक्रिया में राजनीतिक दलों की अनिवार्य मौजूदगी में मतदाता सूची तैयार करना, ईवीएम की जांच करना इत्यादि शामिल होता है. मतदान के बाद राजनीतिक दलों को मतदान की पूरी जानकारी दी जाती है. उन्होंने बताया कि इस पूरी प्रक्रिया के दौरान दो करोड़ से अधिक कर्मचारी चुनाव आयोग के साथ काम करते हैं. इस दौरान प्रत्येक काम-काज को लेकर एक तय नियम प्रक्रिया बनाई गई है.
उन्होंने दुनिया के 50 से अधिक देशों के चुनाव प्रबंधन निकायों को संबोधित करते हुए कहा कि 2024 के आम चुनावों में भारत के 743 राजनीतिक दलों ने हिस्सा लिया था. इनमें छह राष्ट्रीय दलों के साथ 67 राज्य स्तरीय दल व अन्य पंजीकृत दल शामिल थे. सीईसी ज्ञानेश कुमार ने बताया कि लोकसभा चुनाव में 62 लाख इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVMs) का इस्तेमाल किया गया. कुल 20271 प्रत्याशी मैदान में थे. ये प्रक्रिया 65 से भी ज्यादा वर्षों से लगातार जारी है. रिकॉर्ड के मुताबिक 1960 से मतदाता सूची पर दावों, आपत्तियों और अपीलों के प्रावधान के साथ नामावली मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के साथ साझा की गई है.
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मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार की इस टिप्पणी के अर्थ बहुआयामी हैं. विश्व परिदृश्य में भारत में लोकतंत्र का मजबूत आधार बनी चुनाव प्रक्रिया की खासियत बताने के साथ कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों द्वारा चुनावों में धांधली के लिए मतदाता आंकड़ों में हेरफेर के आरोपों का सीधा और सटीक जवाब भी है. पहले भी और अब अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी निर्वाचन आयोग ने इन आरोपों को बेतुका करार दिया है. बता दें कि लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद ने एक अखबार में आर्टिकल लिखकर निर्वाचन आयोग की निष्पक्षता पर सवाल खड़े किए थे और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में हेराफेरी का आरोप लगाया था. राहुल गांधी के इन आरोपों को चुनाव आयोग ने बेतुका और तथ्यहीन बताकर खारिज कर दिया था.