'पूजा जाटव से डर लगता है, उसका चाल-चलन गड़बड़ था', भाई और भाभी ने बताई ये कहानी

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झांसी के टहरौली थाना क्षेत्र के कुम्हरिया गांव की 'कातिल' बहू पूजा जाटव का सच काफी डरावना है. पूजा के कारनामों को देखकर उसके भाई और भाभी भी खौफ में हैं. उन्होंने कहा कि हमें अब पूजा से डर लगने लगा है. उसे कड़ी से कड़ी सजा मिले. पूजा जबसे बीमार पिता को छोड़कर गई थी तभी से हमने उससे सारे संबंध खत्म कर लिए थे. उसका चाल-चलन गड़बड़ था. 

आपको बता दें कि पूजा जाटव का झांसी के कुम्हरिया में मायका है. उसके पिता रेलवे विभाग के ड्राइवर थे. पूजा तीन बहन और दो भाइयों में सबसे छोटी है. बड़ी भाभी लीला देवी ने बताया- "पूजा हमारी ननद है. उसकी पहली शादी झांसी में हुई थी. पति सीपरी बाजार थाना क्षेत्र में रहता था. दोनों काफी अच्छे तरीके से रहते थे. पति की कानपुर में जॉब थी और वो वहीं रहता था, बीच-बीच में घर आता जाता था. एक दिन जब दोनों घूमने जा रहे थे तभी उसके पति पर फायरिंग हो गई. इस फायरिंग का शक पूजा पर गया. 

बकौल लीला देवी- जब कभी पूजा से बात होती थी तो वह बताती थी कि पति उसे परेशान करता है. पीता भी है और कर्जे में है. लेकिन पूजा ने  असलियत कभी नहीं बताई. शक के आधार पर पूजा के ऊपर केस कराया गया था, जिसमें वह जेल चली गई थी. हालांकि, कुछ दिन बाद पिता ने उसे छुड़ा लिया था. इसके बाद पिता बीमार हो गए. वह पिता के साथ ही रहती थी. हम लोग अलग रहते थे. खुद पेशी पर जाती थी. हमने कभी पैरवी नहीं की, क्योंकि हम इतने बड़े आदमी नहीं हैं कि पैसा खर्च कर सकें. 

पूजा की भाभी लीला के मुताबिक, पेशी पर जाने के दौरान पूजा की मुलाकात कल्याण राजपूत नाम के शख्स से हो गई. बाद में अपनी मर्जी से उसी के साथ रहने लगी. हम लोगों ने बहुत मना किया लेकिन वह नहीं मानी. कल्याण के साथ लिव इन में रहना जारी रखा. इसी के बाद से हमने पूजा के साथ अपने सारे रिश्ते तोड़ लिए.  

भैया-भाभी को है पूजा से खतरा 

लीला देवी कहती हैं कि जिसने पूजा के साथ अच्छा किया, उसे शरण दी, जब वह उनके साथ ऐसा कर सकती है तो हमारे साथ क्या कुछ नहीं करेगी. हमें उससे डर लगता है. मैं तो किसी तरह अपने बच्चे पाल रहीं हूं. अब हम उसे कभी स्वीकार नहीं करेंगे. न मैं उसकी बहन कामिनी से मतलब रखती हूं और न ही उससे. शुरू में कभी ऐसा नहीं लगा दोने बहनें इतनी शातिर होंगी. 

वहीं, लीला के पति और पूजा जाटव के भाई निृपत कहते हैं कि 'हम दो भाई, तीन बहन थे. पूजा सबसे छोटी थी. उसकी पहली शादी कब हुई थी इतना तो ध्यान नहीं है, हां शादी के दो-तीन साल बाद इसका पति से झगड़ा हो गया था. इसके बाद हमें कुछ पता नहीं है. पहले पति से अलग होने के बाद वह यहीं पर रहने लगी थी. पिता को जब पैरालाइसेस हो गया तभी यह अपने मन की हो गई. इसने कब गलत रास्ता पकड़ लिया, पता भी नहीं चला. उसके साथ जो कानून करे, वह करे, हमें उससे कोई मतलब नहीं है. भले ही वो हमारी बहन है. जब उसने गलत किया है तो सजा मिलनी ही चाहिए. हमें उससे पहले से ही नफरत है, क्योंकि उसका चाल चलन बिगड़ गया था. 
 
जानिए पूजा पर क्या आरोप है 

गौरतलब है कि पूजा पर आरोप है कि उसने पहले पति से विवाद के बाद उस पर जानलेवा हमला करवाया. फिर इस केस में वह जेल गई. जेल से छूटने के बाद कोर्ट में पेशी के दौरान उसकी मुलाकात कल्याण राजपूत से हुई. कल्याण आपराधिक प्रवृत्ति का था. पूजा उसके साथ लिव-इन में रहने लगी. लेकिन कुछ महीने एक सड़क हादसे में कल्याण की मौत हो गई.   

घटना के बाद पूजा ने रोना-धोना कर कल्याण के घरवालों के दिल में जगह बना ली और वहीं पर विधवा बहू बनकर रहने लगी. लेकिन इस दौरान पूजा के संबंध कल्याण के बड़े भाई संतोष से हो गए. संतोष पहले से शादीशुदा था. इस रिश्ते से दोनों के एक बेटी भी हुई. मामला खुला तो संतोष  का पत्नी से विवाद हो गया. 

संतोष की पत्नी रागिनी के मुताबिक, संतोष पूजा से ज्यादा और मुझसे कम बातचीत करता था. इसलिए वह मायके चली गई. मगर पूजा की चालाकी का अंदाजा कभी नहीं हुआ. सोचा नहीं था कि जो महिला उनके साथ 6 साल से रह रही थी वह कभी इतना बड़ा षड्यंत्र रच सकती है. 

दरअसल, पूजा ने अपनी बहन कामिनी और उसके प्रेमी अनिल वर्मा के साथ मिलकर पहले संतोष की मां सुशीला को नशीला इंजेक्शन देकर मार डाला, फिर घर में रखे करीब 8 लाख रुपये के गहने व नकदी लूटकर फरार हो गई. इस वारदात के बाद पहले तो शक बड़ी बहू रागिनी पर गया, लेकिन सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल कॉल डिटेल्स से धीरे-धीरे परतें खुलती गईं और पता चला कि कांड की असली मास्टरमाइंड पूजा है. 

परिजनों की शिकायत पर जब मामले की गहनता से जांच-पड़ताल की गई तो पुलिस ने कामिनी को गिरफ्तार कर लिया. उसकी गिरफ्तारी के बाद जब पुलिस ने उससे पूछताछ की, तो सारा राज खुल गया. इसके बाद पुलिस ने अनिल वर्मा और पूजा जाटव को भी गिरफ्तार कर लिया.

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