उत्तर प्रदेश के देवबंद में फिल्म 'उदयपुर फाइल' को लेकर देवबंदी उलेमा मुफ्ती असद कासमी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि इस फिल्म में इस्लामी संस्था दारुल उलूम देवबंद, जमीयत उलेमा ए हिंद और खासतौर से मुसलमानों को गलत तरीके से टारगेट किया गया है, जो बेहद निंदनीय है.
मुफ्ती असद कासमी ने कहा कि फिल्म बनाने वालों को मुसलमानों और उनके इतिहास के बारे में कोई जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा कि दारुल उलूम देवबंद और जमीयत उलेमा ए हिंद के लोग आज भी देश में अमन और शांति के लिए काम कर रहे हैं.
मुसलमानों को गलत तरीके से टारगेट किया गया
उन्होंने मुसलमानों से अपील की कि इस फिल्म का बहिष्कार करें और इसका शांतिपूर्ण विरोध करें. साथ ही उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि इस फिल्म पर तुरंत बैन लगाया जाए क्योंकि इससे देश का माहौल खराब होने की आशंका है.
लोकतांत्रिक तरीके से फिल्म के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए
मुफ्ती कासमी ने कहा कि मुसलमानों को सरकार के नियमों का पालन करते हुए लोकतांत्रिक तरीके से इस फिल्म के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए. फिल्म को लेकर सोशल मीडिया पर भी प्रतिक्रियाएं तेज हो गई हैं और कई मुस्लिम संगठनों ने भी इस फिल्म को समाज को बांटने वाली करार दिया है. फिलहाल, इस मामले को लेकर मुस्लिम समाज में रोष का माहौल है और वे फिल्म के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.
(रिपोर्ट- पिंटू शर्मा)
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