'रूस को मिल रहे फंड की वजह से भारत से नाराज हैं ट्रंप..', बोले US प्रेसिडेंट के सहयोगी केविन हैसेट

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व्हाइट हाउस के आर्थिक सलाहकार केविन हैसेट ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप और उनका एडमिनिस्ट्रेशन भारत द्वारा रूसी तेल के निरंतर आयात से निराश हैं, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि द्विपक्षीय संबंध बेहतर हो सकते हैं. उनका यह बयान ट्रंप द्वारा तियानजिन मीटिंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पुतिन और शी जिनपिंग की एक तस्वीर साझा करने के कुछ ही घंटों बाद आई है, जिसमें उन्होंने ऐलान किया था कि अमेरिका ने भारत और रूस को सबसे अंधकारमय चीन के हाथों खो दिया है.

मीडिया से बातचीत में, हैसेट ने कहा, "मुझे लगता है कि व्यापार दल और राष्ट्रपति इस बात से निराश हैं कि भारत रूस के यूक्रेन युद्ध को लगातार फंड कर रहा है. उम्मीद है कि यह एक लोकतांत्रिक मुद्दा है और हम सकारात्मक प्रगति करेंगे."

अमेरिका ने भारत पर रूसी कच्चे तेल की कम कीमत पर बिक्री से फायदा कमाने का आरोप लगाया है, जिसे भारतीय अधिकारियों ने खारिज कर दिया है. नई दिल्ली का तर्क है कि भारत को अनुचित रूप से निशाना बनाया जा रहा है, खासकर जब यूरोपीय देश बड़ी मात्रा में रूसी गैस खरीदना जारी रखे हुए हैं.

दिन में पहले ट्रंप के सोशल मीडिया पोस्ट के बारे में पूछे जाने पर हैसेट ने कहा, "ठीक है, हम निश्चित रूप से उम्मीद कर रहे हैं कि इसमें सुधार होगा." ट्रंप ने अपनी पोस्ट में लिखा था, "लगता है कि हमने भारत और रूस को सबसे गहरे, सबसे अंधकारमय चीन के हाथों खो दिया है. उनका एक साथ लंबा और समृद्ध भविष्य हो!" 

टैरिफ से व्यापारिक तनाव गहराया

अमेरिका ने पिछले महीने सबसे पहले भारतीय वस्तुओं पर 25 फीसदी टैरिफ लगाया, उसके बाद रूस से नई दिल्ली की तेल खरीद पर भी 25 फीसदी का अतिरिक्त जुर्माना लगाया, जिससे भारतीय निर्यात पर कुल टैरिफ 50 फीसदी हो गया.

विदेश मंत्रालय (MEA) ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए इस कदम को 'अनुचित' बताया. विदेश मंत्रालय के बयान में इस बात पर ज़ोर दिया गया कि किसी भी बड़ी अर्थव्यवस्था की तरह, भारत अपने राष्ट्रीय हितों और आर्थिक सुरक्षा की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा.

वॉशिंगटन की आलोचना का जवाब देने के लिए भारत ने पश्चिमी देशों के व्यापार पैटर्न की ओर भी इशारा किया. विदेश मंत्रालय के मुताबिक, यूरोपीय संघ ने 2024 में रूस के साथ 67.5 अरब डॉलर का माल व्यापार और 2023 में 17.2 अरब डॉलर का सेवा व्यापार दर्ज किया. इसने यह भी बताया कि रूसी एलएनजी का यूरोपीय आयात 2024 में रिकॉर्ड 16.5 मिलियन टन तक पहुंच गया, जो 2022 के 15.21 मिलियन टन के पिछले रिकॉर्ड से ज़्यादा है.

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अमेरिकी सेमीकंडक्टर टैरिफ प्रस्ताव

व्यापारिक तनावों के अलावा, हैसेट ने अमेरिकी आर्थिक स्थिति पर भी चर्चा की. उन्होंने बताया कि सेमीकंडक्टर के लिए टैरिफ़ प्रस्ताव जल्द ही राष्ट्रपति ट्रंप के समक्ष पेश किए जाएंगे, जिसमें अमेरिका में निवेश करने वाली कंपनियों को छूट भी शामिल हो सकती है.

हैसेट ने हाल ही में आई अमेरिकी रोज़गार रिपोर्ट को निराशाजनक बताया. उन्होंने कहा, "मुझे उम्मीद है कि इसमें सुधार होगा. राष्ट्रपति ट्रंप जानते हैं कि हम रोज़गार के आंकड़ों के भविष्य को लेकर बेहद आशावादी हैं क्योंकि हम पूंजीगत खर्च, नए कारखाने और निर्माण में भारी उछाल देख रहे हैं, जो हमारे द्वारा किए गए कर सुधारों की वजह से मुमकिन हो सकता है."

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