अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 'रक्षा विभाग' का नाम बदलकर उसके असली नाम 'युद्ध विभाग' करने के एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर दिया है. यह फैसला 1789 और 1947 के बीच इस्तेमाल की गई शब्दावली को पुनर्जीवित करता है.
एक सीनियर अधिकारी के मुताबिक, इस आदेश में 'युद्ध विभाग' को एक सेकेंडरी टाइटल के रूप में नामित किया गया है. यह कदम प्रशासन को किसी संघीय एजेंसी का औपचारिक रूप से नाम बदलने के लिए कांग्रेस की मंज़ूरी को दरकिनार करने की अनुमति देता है.
🚨 President Donald J. Trump signs an Executive Order officially restoring the name "Department of War" to the Department of Defense.
This is the 200th Executive Order the President has signed since taking office. pic.twitter.com/OuLfuSoRLR
साइन करने के दौरान हुए इवेंट बोलते हुए, ट्रंप ने इस फैसले का बचाव करते हुए इसे परंपरा और शक्ति की वापसी बताया. ट्रंप ने कहा, "हमने पहला विश्व युद्ध जीता, हमने दूसरा विश्व युद्ध जीता, हमने उससे पहले और उसके बीच सब कुछ जीता. और फिर हमने जागरूक होने का फैसला किया और नाम बदलकर रक्षा विभाग कर दिया."
इससे पहले कब बदला गया था नाम?
व्हाइट हाउस ने पहले ही प्रतीकात्मक बदलाव शुरू कर दिए हैं. पेंटागन की आधिकारिक वेबसाइट defense.gov पर आने वाले लोगों को अब war.gov पर रीडायरेक्ट किया जा रहा है, जिससे नई ब्रांडिंग को शामिल किया जा सके.
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद के सुधारों की एक सीरीज के तहत, 1947 में 'युद्ध विभाग' का नाम बदलकर 'रक्षा विभाग' कर दिया गया था. इन सुधारों का मकसद यूएस मिलिट्री पॉलिसी को आक्रामक अभियानों के बजाय रक्षा पर केंद्रित करना था.
हालांकि, ट्रंप ने तर्क दिया कि यह बदलाव सेना से जुड़ी जीतों से दूर जाने का संकेत देता है. उन्होंने कहा, "मूल नाम विभाग के कार्यों के बारे में अधिक ईमानदार है."
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रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने इस फैसले की खुलकर तारीफ की. उन्होंने कहा, "हम सिर्फ़ बचाव ही नहीं, बल्कि आक्रामक रुख़ अपनाएंगे. हम सिर्फ़ रक्षक ही नहीं, बल्कि योद्धा भी तैयार करेंगे. तो राष्ट्रपति महोदय, यह युद्ध विभाग, अमेरिका की तरह ही, वापस आ गया है."
यह नया नाम अमेरिकी नौसेना के एक विवादास्पद हवाई हमले के कुछ ही दिनों बाद आया है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में एक छोटी नाव पर सवार 11 लोग मारे गए थे. पेंटागन ने कहा कि निशाना एक ड्रग तस्कर जहाज था, जो वेनेज़ुएला के आपराधिक समूह ट्रेन डे अरागुआ से जुड़ा था.
एडमिनिस्ट्रेशन ने इस हमले का बचाव एक जरूरी सुरक्षा उपाय बताते हुए किया.
आक्रामक सैन्य कार्रवाई और प्रतीकात्मक नाम बदलाव का यह कॉम्बिनेशन ट्रंप द्वारा खुद को बार-बार 'युद्ध-विरोधी राष्ट्रपति' बताए जाने के बिल्कुल उलट है. ओवल ऑफिस में साइन करते वक्त उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि सैन्य शक्ति और आर्थिक फायदे पर उनके ध्यान ने अमेरिका की ग्लोबल स्टैंडिंग को बेहतर बनाया है.
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