'स्विगी पॉलिटिक्स देश के लिए खतरा...', CM रेवंत रेड्डी ने राजनीति में हावी होते पैसों के ट्रेंड पर जताई चिंता

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सीएम रेवंत रेड्डी ने कहा कि भविष्य के मजबूत नेताओं को तैयार करने के लिए विश्वविद्यालयों में छात्र राजनीति को बढ़ावा देना बेहद जरूरी है. उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं की भूमिका को नजरअंदाज किया जा रहा है, जिससे विचारधारा आधारित राजनीति के टिके रहने पर खतरा मंडरा रहा है.

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सीएम रेवंत रेड्डी ने कहा कि उनकी सरकार विपक्षी दलों के सकारात्मक सुझावों का स्वागत करती है. (File Photo: ITG)

तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने देश की राजनीतिक व्यवस्था में बढ़ते पैसे के प्रभाव को लेकर गंभीर चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि विचारधारा आधारित राजनीति की जगह अब मैनेजमेंट आधारित राजनीति हावी होती जा रही है, जो समाज के लिए एक छिपा हुआ खतरा बनती जा रही है.

मुख्यमंत्री शनिवार को ICFAI – कैपिटल फाउंडेशन सोसाइटी – एस. जयपाल रेड्डी मेमोरियल अवॉर्ड समारोह में बोल रहे थे. उन्होंने तंज करते हुए कहा कि आज देश में राजनीति एक 'स्विगी पॉलिटिक्स' बन गई है, जहां सब कुछ ऑर्डर पर आधारित हो गया है.

'छात्र राजनीति को बढ़ावा देना बेहद जरूरी'

सीएम रेवंत रेड्डी ने कहा कि भविष्य के मजबूत नेताओं को तैयार करने के लिए विश्वविद्यालयों में छात्र राजनीति को बढ़ावा देना बेहद जरूरी है. उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं की भूमिका को नजरअंदाज किया जा रहा है, जिससे विचारधारा आधारित राजनीति के टिके रहने पर खतरा मंडरा रहा है.

'विपक्षी दलों के सुझावों का स्वागत है'

मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष की रचनात्मक भूमिका जरूरी है और उनकी सरकार विपक्षी दलों के सकारात्मक सुझावों का स्वागत करती है. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि उनके मुख्यमंत्री बनने के बाद से अब तक विधानसभा में किसी भी विपक्षी सदस्य को निलंबित नहीं किया गया है. यह विपक्ष को प्रोत्साहित करने की उनकी पहल का हिस्सा है.

जयपाल रेड्डी को दी श्रद्धांजलि

सीएम रेवंत रेड्डी ने इस अवसर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री जयपाल रेड्डी के योगदान को याद करते हुए कहा कि वे भारतीय राजनीति में उत्कृष्ट सांसद के रूप में हमेशा याद किए जाएंगे. उन्होंने बताया कि जयपाल रेड्डी ने संसद में तेलंगाना बिल को बिना बहस पास कराने में अहम भूमिका निभाई थी.

रेवंत रेड्डी ने कहा कि सोनिया गांधी ने भी जयपाल रेड्डी की भूमिका को स्वीकार किया था. उन्होंने कहा कि अगर जयपाल रेड्डी संसद में नहीं होते, तो शायद तेलंगाना का गठन नहीं हो पाता.

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