'हम प्रतिबंधों की मंशा समझाने में विफल रहे', सोशल मीडिया बैन पर पीएम ओली ने मानी गलती

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नेपाल में सोशल मीडिया बैन के खिलाफ हुए हिंसक प्रदर्शनों के बाद सरकार ने प्रतिबंध वापस ले लिया है और घटनाओं की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं. प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने स्वीकार किया कि सरकार लोगों को इस बैन की मंशा समझाने में विफल रही और साफ किया कि सोशल मीडिया को पूरी तरह बंद करने का इरादा कभी नहीं था.

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पीएम ओली ने मारे गए प्रदर्शनकारियों पर दुख जताया और परिवारों को मुआवजा देने का ऐलान किया है. (File Photo: ITG)

नेपाल में पूरे दिन के बवाल के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लगा बैन अब वापस ले लिया गया है. सरकार ने प्रदर्शनकारियों से वापस लौटने की अपील की है और तोड़फोड़ व आगजनी की घटनाओं की जांच के आदेश दिए हैं. हिंसक प्रदर्शनों पर प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने कहा कि सरकार लोगों को इस बैन का असल उद्देश्य समझाने में विफल रही.

प्रधानमंत्री ओली ने मध्यरात में जारी बयान में कहा कि प्रदर्शनकारियों के बीच घुसपैठ के कारण भयावह स्थिति पैदा हुई. उन्होंने काठमांडू समेत देशभर में प्रदर्शनकारियों की मौत पर दुख जताते हुए स्वीकार किया कि सोशल मीडिया बैन के असली उद्देश्य को सरकार जनता तक समझाने में विफल रही. 

प्रतिबंध को लेकर पीएम ओली के तर्क

सोशल मीडिया पर सरकार की ओर से लगाए गए प्रतिबंध पर अपना तर्क देते हुए पीएम ओली ने कहा कि सोशल मीडिया के कारण समाज में बढ़ते अवांछित कार्यों को रोकने के उद्देश्य से सभी कंपनियों को नेपाल में रजिस्टर्ड कराने की बात पिछले एक साल से की जा रही थी. इसी बीच सुप्रीम कोर्ट की ओर से सोशल मीडिया के नियमन को लेकर दिए गए आदेश के कारण सरकार ने यह प्रतिबंध लगाया था.

मंशा स्पष्ट नहीं कर सकी सरकार

ओली ने कहा कि सरकार इसकी मंशा स्पष्ट नहीं कर सकी जिसके कारण दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हुईं. उन्होंने यह भी साफ किया कि सरकार का इरादा कभी भी सोशल मीडिया को पूरी तरह बंद करने का नहीं था. पीएम ओली ने प्रदर्शनकारियों से अपील की कि सोशल मीडिया को दोबारा खोलने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, इसलिए सड़कों पर उतरने की जरूरत नहीं है. 

मारे गए लोगों के परिवारों को मिलेगा मुआवजा

साथ ही उन्होंने आज की घटनाओं की न्यायिक जांच कराने और घुसपैठ कर हिंसा फैलाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी. उधर, कैबिनेट बैठक के बाद सरकार के प्रवक्ता पृथ्वी सुब्बा गुरूंग ने कहा कि प्रदर्शन के दौरान मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी जाती है और उनके परिवारों को उचित मुआवजा दिया जाएगा. 

न्यायिक जांच के आदेश

घायलों के इलाज की पूरी जिम्मेदारी स्वास्थ्य मंत्रालय को सौंपी गई है. गुरूंग ने बताया कि घटना की न्यायिक जांच के लिए 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट पेश करने वाली कमेटी बनाई जाएगी और हिंसा फैलाने वाले अराजक तत्वों की पहचान कर उन पर कानूनी कार्रवाई होगी. सरकार ने यह भी घोषणा की है कि प्रतिबंधित सोशल मीडिया साइट्स को फिर से खोलने की प्रक्रिया तुरंत शुरू कर दी गई है.

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