30 साल पुराने ब्रिज पर उमड़ी भीड़, नीचे रौद्र रूप में थी इंद्रायणी नदी, तभी ढह गया पुल... पुणे में ऐसे हुआ जानलेवा हादसा

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महाराष्ट्र के पुणे की मावल तहसील स्थित कुंडमाल क्षेत्र में रविवार दोपहर करीब साढ़े तीन बजे एक दर्दनाक हादसा हो गया. यहां इंद्रायणी नदी पर बना 30 साल पुराना लोहे का पुल भारी बारिश और तेज बहाव के कारण अचानक ढह गया और पुल पर मौजूद लोग नदी में बह गए. हादसे में 4 लोगों की मौत हो गई, जबकि 51 लोग घायल हैं. घायलों को पवना हॉस्पिटल, मीमर हॉस्पिटल, अथर्व हॉस्पिटल और यूनिक हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है. इनमें से 2 लोगों की इलाज के दौरान मौत हो गई, जबकि दो शव घटनास्थल पर ढहे हुए पुल के नीचे से बरामद किए गए.

बताया जा रहा है कि ये पुल पिछले कुछ समय से खस्ताहाल था और यहां वाहनों की आवाजाही बंद थी, लेकिन भारी बारिश के बीच कई लोग नदी का बहाव देखने के लिए पुल पर आए थे तभी अचानक ये हादसा हो गया. 

तलेगांव दाभाडे पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ निरीक्षक प्रदीप रायणवार ने बताया कि अब भी एक व्यक्ति के पुल के मलबे में फंसे होने की आशंका है, उसकी तलाश जारी है. ये हादसा ऐसे समय हुआ जब क्षेत्र में भारी बारिश के चलते नदी में बहाव तेज था. करीब 100 से 125 पर्यटक पुल पर और आसपास पिकनिक मनाने पहुंचे थे, हालांकि हादसे के समय बारिश नहीं हो रही थी.

सीएम फडणवीस ने जताया दुख

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इंद्रायणी नदी पर बने पुल के गिरने की घटना को लेकर गहरा शोक जताया है. उन्होंने सोशल मीडिया पर जारी अपने संदेश में कहा कि इंद्रायणी नदी पर पुल गिरने की खबर अत्यंत दुःखद है. हादसे में जान गंवाने वालों को मैं अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और उनके परिजनों के दुख में सहभागी हूं. सीएम फडणवीस ने ऐलान किया है कि राज्य सरकार पुणे जिले के तालेगांव के पास इंद्रायणी नदी पर पुल ढहने की घटना में मारे गए लोगों के परिवारों को 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देगी. इसके अलावा राज्य सरकार घायलों के इलाज का खर्च भी उठाएगी.


'जिम्मेदार लोगों को दंडित किया जाएगा'

वहीं, महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ने कहा कि जांच की जाएगी और जिम्मेदार लोगों को दंडित किया जाएगा. इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. हादसे को लेकर सूबे के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने राज्य की मुख्य सचिव सुजाता सावनिक को निर्देश दिया है कि राज्य के सभी पुराने पुलों का स्ट्रक्चरल ऑडिट करवाया जाए.

घटनास्थल पर पहुंचीं सुप्रिया सुले

उधर, हादसे के बाद NCP (एसपी) सांसद सुप्रिया सुले घटनास्थल पर पहुंचीं. उन्होंने कहा कि अस्पताल और डॉक्टरों की टीम हर परिवार को भरोसा दिलाने की पूरी कोशिश कर रही है, हम प्रार्थना कर रहे हैं. हर किसी की सेवा करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. (राज्य) सरकार आधिकारिक बयान जारी करेगी.

NDRF और बचाव दल कर रहे राहत कार्य

घटना के तुरंत बाद राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की दो टीमें, फायर ब्रिगेड, स्थानीय पुलिस और आपदा मित्र जैसे वॉलंटियर्स राहत और बचाव कार्यों में जुट गए.

पुल पर ज्यादा भीड़ बनी हादसे की वजह!

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक महाराष्ट्र के आपदा प्रबंधन मंत्री गिरीश महाजन ने घटनास्थल पर पहुंचकर बचाव कार्यों की निगरानी की. उन्होंने बताया कि यह पुल केवल पैदल चलने वालों के लिए था, और वहां एक चेतावनी बोर्ड भी लगा था, जिसमें दो पहिया वाहन और ज्यादा लोगों के एकसाथ चलने पर रोक थी, लेकिन पर्यटकों ने इन हिदायतों को नजरअंदाज किया, जिससे पुल पर बोझ बढ़ा और वह टूट गया.

पुलिस तैनाती की कमी की होगी जांच

गिरीश महाजन ने कहा कि इस पूरे मामले की जांच की जाएगी. उन्होंने कहा कि हर साल मानसून में बार-बार चेतावनी देने के बावजूद लोग ऐसे खतरनाक स्थलों पर जाते हैं और जान जोखिम में डालते हैं. हम पर्यटकों से अपील करते हैं कि वे ऐसी लापरवाही से बचें. उन्होंने बताया कि क्रेन की मदद से पुल के मलबे को हटाने का काम जारी है और उसमें फंसे लोगों को बचाने की हर संभव कोशिश की जा रही है.

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