300 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकता है तेल? इजरायल-ईरान तनाव पर इराकी मंत्री का बड़ा बयान

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बीते हफ्ते से ही इजरायल और ईरान के बीच संघर्ष जारी है जिससे मध्य-पूर्व में तनाव चरम पर है. ईरान-इजरायल की लड़ाई ने कच्चे तेल की कीमतों को बढ़ा दिया है और इसी बीच इराक के विदेश मंत्री ने एक ऐसा बयान दिया है जिससे बढ़ती तेल कीमतों को लेकर चिंताएं और बढ़ गई हैं. इराक के विदेश मंत्री फुआद हुसैन ने जर्मन विदेश मंत्री जोहान वेडफुल के साथ फोन पर बातचीत के दौरान चेतावनी दी है कि मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव से तेल की कीमतें 300 डॉलर प्रति बैरल तक बढ़ सकती हैं. उन्होंने कहा कि ईरान अगर होर्मूज की खाड़ी को बंद कर देता है तो स्थिति बेहद गंभीर हो सकती है.

इजरायल और ईरान के बीच संघर्ष की शुरुआत गुरुवार रात ईरान पर इजरायली हमले से शुरू हुई जिसमें ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकानों पर बमबारी की गई. हुसैन का कहना है कि अगर सैन्य अभियान शुरू होता है तो कच्चे तेल की कीमतें 200 से 300 डॉलर प्रति बैरल तक बढ़ सकती हैं. उन्होंने कहा कि इससे यूरोपीय देशों में मुद्रास्फीति की दर में भारी बढ़ोतरी होगी और इराक जैसे तेल निर्यातक देशों के लिए सप्लाई करना मुश्किल हो जाएगा.

इराकी विदेश मंत्री ने कहा कि होर्मूज की खाड़ी के बंद होने से वैश्विक बाजार में खाड़ी देशों और इराकी तेल आपूर्ति में प्रतिदिन लगभग 50 लाख बैरल की कमी हो सकती है.

कच्चे तेल की सप्लाई के लिए बेहद अहम है होर्मूज की खाड़ी

होर्मूज की खाड़ी एक अहम समुद्री मार्ग है जिसके जरिए दुनिया की लगभग 20% तेल आपूर्ति प्रवाहित होती है. शनिवार को, ईरानी सांसद और इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स के कमांडर इस्माइल कौसरी ने कहा कि उनका देश होर्मूज की खाड़ी को शिपिंग के लिए बंद करने पर गंभीरता से विचार कर रहा है.

होर्मूज की खाड़ी आठ द्वीपों से मिलकर बना समुद्री रास्ता है जिसके सात द्वीपों पर ईरान का नियंत्रण है. खाड़ी के एक तरफ अमेरिका समर्थक अरब देश हैं तो दूसरी तरफ ईरान है. इस खाड़ी में दो समुद्री रास्ते हैं जिससे जहाजों की आवाजाही में आसानी होती है. यह खाड़ी तेल व्यापार के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है क्योंकि यहां से दुनिया के सबसे बड़े तेल टैंकर और जहाज गुजरते हैं. 

इसी रास्ते से होकर एशिया, अमेरिका, यूरोप और दुनिया के अन्य बाजारों में मध्य-पूर्व का तेल पहुंचता है. 2023 में हर दिन इस खाड़ी से 2.09 करोड़ बैरल तेल गुजरा जो कि दुनिया के पेट्रोलियम खपत का 20% हिस्सा है. इसके अलावा, 2023 में ही इस रास्ते से 8 करोड़ प्राकृतिक गैस (LNG) का परिवहन हुआ.

होर्मूज की खाड़ी बंद होने की संभावना पर चिंता जता रहे विश्लेषक

विश्लेषकों का कहना है कि अगर ईरान होर्मूज की खाड़ी को बंद करता है तो तेल बाजार में हाहाकार की स्थिति हो सकती है.

जेपी मॉर्गन के विश्लेषकों का अनुमान है कि अगर ऐसा होता है तो तेल की कीमत 130 डॉलर प्रति बैरल तक बढ़ सकती है. वहीं, कुछ अन्य विश्लेषकों का कहना है कि स्थिति इससे कहीं अधिक गंभीर हो सकती है और तेल की कीमतें 300 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकती है.

गुरुवार रात को इजरायल ने जब ईरान पर हमला किया था तब शुक्रवार सुबह तेल की कीमतें अचानक से बहुत बढ़ गई थीं. वैश्विक बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड की कीमतें 7% बढ़कर 74.23 डॉलर प्रति बैरल हो गई थीं. हालांकि, हमलों में इजरायल ने ईरान की मुख्य तेल निर्यात फैसिलिटीज को निशाना नहीं बनाया है, लेकिन विश्लेषकों ने चेतावनी दी है कि इजरायल के हमले तेल आपूर्ति क गंभीर रूप से प्रभावित कर सकते हैं. 

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