आज के समय में घर खरीदना या अच्छे स्कूल-कॉलेज में बच्चों को पढ़ाना हो, किसी न किसी काम के लिए लोगों को बैंक लोन (Bank Loan) की जरूरत पड़ ही जाती है. लेकिन कभी-कभी ऐसा भी होता है कि अच्छी-खासी सैलरी होने के बाद भी बैंक कर्ज देने से इनकार कर देते हैं और लोन का आवेदन रिजेक्ट कर देते हैं. इसके पीछे सबसे बड़ा कारण सिबिल स्कोर (Cibil Score) या क्रेडिट स्कोर (Credit Score) होता है. इसके खराब होने पर लोन मिलना मुश्किल हो जाता है और अगर ये दुरुस्त होता है तो फिर बैंक फटाफट आवेदन पर अपना अप्रूवल दे देता है. अगर आपका सिबिल स्कोर खराब है और Loan मिलने में दिक्कत आ रही है, तो टेंशन न लें, कुछ टिप्स अपनाकर आप इसे सुधार सकते हैं...
700 से ऊपर सिबिल स्कोर अच्छा
आपको Loan की जरूरत है और तमाम बैंक आपको कर्ज देने में आनाकानी कर रहे हैं, तो फिर सबसे पहले आप अपना Cibil Score चेक कर लें, ये खराब हो सकता है. ये एक ऐसा आंकड़ा होता है जिससे आपकी कर्ज चुकाने की क्षमता और कर्ज लौटाने में लेट-लतीफी जैसे फैक्टर्स का पता बैंक को चलता है. CIBIL Score की लोन में अहमियत को ऐसे समझा जा सकता है कि ये जितना अधिक और अच्छा होगा, उतनी ही आसानी से बैंक लोन दे देगा. इसके मानक भी तय किए गए हैं, जिसके तहत किसी भी व्यक्ति का क्रेडिट स्कोर 300 से 900 पॉइंट्स के बीच होता है. बैंक 700 से ऊपर के सिबिल स्कोर को अच्छा (Best Cibil Score) मानते हैं, वहीं इससे कम सिबिल स्कोर होने पर आपको लोन मिलने के रास्ते में रोड़ा अटक जाता है.
थोड़ी सी समझदारी बनाएगी काम
अब बात करते हैं कि अगर आपका सिबिल स्कोर खराब हो गया है और 700 से बहुत नीचे पहुंच गया है, तो क्या करें? तो पहले तो घबराने की जरूरत नहीं है, कुछ आसान टिप्स और सावधानियां अपनाकर आप इसे दुरुस्त कर सकते हैं और फिर कोई भी बैंक आपको लोन देने से इनकार नहीं कर पाएगा. अगर किसी का जाने-अनजाने में वित्तीय गलतियों की वजह से सिबिल स्कोर खराब हो गया है, और अब वो उसे सुधारना चाहते हैं तो ऐसे लोगों को किसी भी तरह के लोन और क्रेडिट कार्ड लेने में दिक्कतें आती हैं, बैंक सिबिल स्कोर चेक करते ही ग्राहक को लोन देने मना कर देता है.
क्या हैं ऐसे लोगों के सामने विकल्प?
सिबिल सुधारने के लिए सबसे पहले जो लोन या EMI चल रही है, उसका समय पर भुगतान करें. अगर कोई लोन और EMI नहीं चल रही है तो फिर क्या करें? इसका जवाब है कि सबसे पहले जब आप ऑनलाइन शॉपिंग करें तो EMI विकल्प को चुनें, और समय पर EMI भरें. इसके अलावा Buy Now, Pay later के विकल्प को देख सकते हैं, इससे भी धीरे-धीरे करके सिबिल सुधर जाता है. पेट्रोल भरवाते हैं तो पेट्रो कार्ड ले लीजिए, और सही समय पर उसका भुगतान कीजिए.
अपना मोबाइल बिल Postpaid करवा लीजिए और बिल का भुगतान आखिरी तारीख से पहले कर दीजिए, ये आजमाया हुआ विकल्प है. जब आप लगातार कुछ महीनों ट्रांजेक्शन का सही से भुगतान करते रहेंगे, तो धीरे-धीरे करके सिबिल स्कोर में भी सुधार दिखने लगेंगे, इसके लिए न तो आपको किसी दफ्तर के चक्कर लगाने होंगे, न ही कहीं बड़ी रकम खर्च करनी होगी, एक साल में बेहतर परिणाम मिलने लगते हैं और फिर कुछ साल में ही आप बड़े बैंकों से भी लोन ले सकते हैं, क्योंकि सिबिल पर छोटे-छोटे ट्रांजेक्शन का भी असर होता है. इसके अलावा FD के आधार पर लोन लेकर उसे सही टाइम पर चुका दें.
ताकि न हो कभी सिबिल खराब
EMI का समय पर भुगतान: समय पर अपने बकाये का पेमेंट सिबिल स्कोर को सुधारने के लिए उठाए जाने वाले कदमों में सबसे ऊपर आता है. ऐसे में अगर आपने पहले से कोई लोन (Home Loan, Personal Loan, Auto Loan) लिया है या फिर आपके ऊपर कोई क्रेडिट कार्ड लोन (Credit Card Loan) चल रहा है, तो फिर इसकी ईएमआई का भुगतान (EMI Payment) समय पर करें, को इसे लेट न होने दें.
Credit Card के यूज में सावधानी: आज के समय में क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल और इसके यूजर्स की संख्या काफी बढ़ गई है और तमाम बैंक नए-नए ऑफर्स का वादा करते हुए ग्राहकों को आकर्षित कर रहे हैं. ये क्रेडिट कार्ड (Credit Card) जहां लोगों के लिए अपनी आर्थिक जरूरतें पूरी करने का साधन बन गया है, तो वहीं इसके कुछ साइड इफेक्ट भी तमाम हैं. इनमें एक Cibil Score से भी जुड़ा हुआ है. ऐसे में आपको अपनी क्रेडिट लिमिट का यूज सावधानी के साथ करना होगा और कोशिश करें कि पूरी लिमिट का उपयोग न हो. जब तक बहुत अधिक या इमरजेंसी जरूरत न हो, तय की गई लिमिट के 30-40 फीसदी का ही इस्तेमाल करें, जिससे कि इसका पेमेंट करने में आपको दिक्कत पेश न आए.
पहले चुकता करें पुराना Loan: अगर आपके ऊपर पहले से कोई लोन है, तो फिर नए Loan के लिए आवेदन से पहले पुराने लोन को भरने को तरजीह दें. अक्सर ऐसा देखने को मिलता है कि लोग एक साथ कई Loan ले लेते हैं और फिर उनकी पेमेंट करने में दिक्कतें आती हैं. या हो सकता है कि कभी कोई आकस्मिक खर्च आ जाने पर वो बाउंस हो जाती हैं. ये आपकी फाइनेंशियल हेल्थ के साथ ही आपके सिबिल स्कोर के लिए भी बेहद खराब है. इसलिए पुरान कर्ज चुकाने से आपकी इनकम में कर्ज का हिस्सा भी कम होगा और नया लोन मिलने का रास्ता भी साफ होगा.
कर्ज इतना लें, जितना चुकाने की क्षमता: ऊपर बताए गए तमाम उपायों के साथ एक और सबसे जरूरी बात गांठ बांध लेना जरूरी है. वो ये है कि सिबिल स्कोर को दुरुस्त रखने के लिए किसी Bank या अन्य फाइनेंशियल इस्टीट्यूशन से उतना ही कर्ज लें, जितना आसानी से चुका पाएं और ऐसी नौबत न आए कि पेमेंट बाउंस हो जाए. दरअसल, इसका फंडा साफ है कि आप क्षमता से ज्यादा कर्ज लेते हैं और किन्हीं कारणों से उसकी भारी-भरकम ईएमआई (EMI) के पेमेंट में कोताही बरतते हैं, तो फिर इससे सीधा आपका सिबिल स्कोर खराब के बिगड़ने के तौर पर दिख सकता है.
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