रांची के एक स्कूल की स्थिति देखकर कोई भी हैरान रह जाएगा. दरअसल, रांची के हरमू नदी के किनारे बने इस स्कूल की हालत देखकर यह तय करना मुश्किल हो जाता है कि यह स्कूल है या तबेला. बदहाल स्थिति, गंदगी, मवेशियों की मौजूदगी और सीलन भरी दीवारें... ऐसा उस जगह का हाल है, जहां देश का भविष्य तैयार हो रहा है. स्कूल के मेन गेट पर मवेशी बंधे रहते हैं और हर तरफ गोबर फैला रहता है. गोबर और गंदगी से भरे इस रास्ते को पार करके ही बच्चे स्कूल तक पहुंचते हैं और उसके बाद पूरे दिन तबेले की बदबू के बीच पढ़ाई करते हैं.
स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे और वहां पढ़ाने वाले टीचर्स के लिए यह रोज की जद्दोजहद है. बच्चों को स्कूल में प्रवेश करते और निकलते समय नाक पर रुमाल रखना पड़ता है. बारिश के वक्त हालात और भी खराब हो जाते हैं. स्कूल में सीलन और बदबू इतनी अधिक होती है कि खिड़कियां खोलना भी मुश्किल हो जाता है. जब आजतक ने स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों से बात की तो उन्होंने बताया कि काफी मुश्किल से स्कूल आते हैं और पूरे दिन बाहर से बदबू आती रहती है. इतना ही नहीं, नदी के किनारे स्कूल होने की वजह से और स्कूल का लेवल नहीं होने से बारिश के वक्त स्कूल के क्लासरुम तक पानी भर जाता है.
शिकायतों का कोई असर नहीं
स्कूल में काम कर रहीं टीचर संगीता कुमारी बताती हैं कि उन्होंने कई बार इस स्थिति की शिकायत की है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती. जब कोई मंत्री या वीआईपी स्कूल में आता है, तब कुछ दिनों के लिए मवेशियों को हटा दिया जाता है, लेकिन फिर हालात पहले जैसे हो जाते हैं. स्थानीय मवेशी मालिक स्कूल के बाहर ही जानवरों को बांध देते हैं.
स्थानीय विधायक भी कर चुके हैं शिकायत
रांची के विधायक और पूर्व नगर विकास मंत्री सी.पी. सिंह ने भी इस मुद्दे को गंभीर बताया और कहा कि वे कई बार इस बारे में शिकायत कर चुके हैं. उन्होंने स्कूल की दुर्दशा को शर्मनाक बताया और प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की है.
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