राजस्थान के जालोर में हड्डियों के कैंसर जैसी घातक बीमारी से जूझते हुए भी 27 साल की पीहू में जीवन के आखिरी लम्हों में भी हौंसला बनाए रखा और ICU में अंतिम जन्मदिन मनाकर इस दुनिया से विदा हो गई.
जिंदगी से जूझते हुए भी चेहरे पर मुस्कान बनाए रखने वाली प्रियंका उर्फ पीहू को याद कर अब उनके पिता बार-बार भावुक हो जाते हैं और उन्हें ऐसा लगता है कि उनकी लाडली बेटी यहीं कहीं हैं और बताया कि कैसे बेटी ने जाते-जाते उन्हें जिंदगी की सबसे बड़ी सीख दे दी.
हड्डियों के कैंसर से जूझ रही 27 साल की प्रियंका ने 2 सितंबर को अंतिम सांस ली. जाने से ठीक सात दिन पहले उसने ICU में अपना जन्मदिन मनाया. मशीनों में बंधी हुई हालत में भी प्रियंका ने पिता से कहा था, 'पापा, एक केक ले आइए...मैं अपने आखिरी पल हंसते हुए मनाना चाहती हूं.'
लगता है पीहू आसपास ही है: पिता
पश्चिम बंगाल के हुबली में ज्वेलरी व्यवसायी नरपत सिंह अपनी बेटी प्रियंका उर्फ पीहू को याद कर कहते हैं, 'जब भी उसे याद करता हूं, उसके नन्हें हाथ और मासूम चेहरा आंखों के सामने आ जाता है, वो हर जिद मनवा लेती थी. अब लगता है जैसे वो आसपास ही है, लेकिन दिखाई नहीं देती.
उन्होंने भावुक होकर कहा, 'चार भाई-बहनों में तीसरे नंबर पर रही प्रियंका परिवार की सबसे प्यारी संतान थीं, पढ़ाई में तेज, उन्होंने BBA किया और CA इंटर पास किया था, हालांकि फाइनल परीक्षा नहीं दे पाईं. जनवरी 2023 में उनकी शादी रानीवाड़ा के भाटवास गांव निवासी बिल्डर लक्ष्यराज सिंह से हुई थी.
Ewing Sarcoma नामक दुर्लभ कैंसर से पीड़ित थी पीहू
उन्होंने बताया कि शादी के कुछ समय बाद प्रियंका को पैरों में दर्द शुरू हुआ, पहले इसे सामान्य मानकर अनदेखा किया गया, लेकिन धीरे-धीरे दर्द हड्डियों तक पहुंच गया. फरवरी 2023 में मुंबई में MRI करवाया गया तो पता चला कि उन्हें Ewing Sarcoma नामक दुर्लभ प्रकार का कैंसर है. मार्च 2023 में पहली सर्जरी हुई, जून 2024 में दूसरी और अगस्त 2024 में उदयपुर में तीसरी सर्जरी हुई. तमाम कोशिशों के बावजूद बीमारी फैलती गई. डॉक्टरों ने परिवार को बता दिया कि अब ज्यादा समय नहीं बचा है.
मौत से 7 दिन पहले मनाया आखिरी जन्मदिन
पिता बताते हैं कि प्रियंका जानती थीं कि उसके पास कम समय है. 25 अगस्त को जब सभी रिश्तेदार और ससुराल वाले अस्पताल आए, तो उन्होंने अचानक कहा, 'एक केक लाओ, मैं अपने आखिरी पलों को यादगार बनाना चाहती हूं.' ICU में हंसी और आंसुओं के बीच छोटा-सा जश्न हुआ. प्रियंका सबको अपने हाथों से केक खिलाती रहीं और बोलीं 'जल्द ही ठीक होकर घर जाऊंगी.'
जाते-जाते पिता को बड़ी सीख दे गई पीहू
2 सितंबर की दोपहर उनकी तबीयत बिगड़ने लगी जिसके बाद भाई जयपाल से कहा, 'तूने खाना नहीं खाया है, जाकर खा ले…मैं कहीं नहीं जा रही. कुछ ही देर बाद प्रियंका ने परिवार को अंतिम विदाई दी. मुस्कान के साथ उन्होंने दुनिया छोड़ दी, डॉक्टर भी मानते हैं कि कई कैंसर मरीजों को देखा है, लेकिन प्रियंका अलग थीं. पिता ने कहा उसने दर्द को छुपाकर जीने की सीख दी. उन्होंने कहा, 'लाड़ली ने हमें सिखाया कि चाहे हालात कितने भी मुश्किल क्यों न हों, जीना मुस्कुराकर ही चाहिए.
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