यूपी में TGT-PGT भर्ती के नियम बदले, बायोलॉजी फिर से शामिल, नई योग्यता लागू

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उत्तर प्रदेश के 4512 सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में टीजीटी भर्ती में अब जीव विज्ञान (बायोलॉजी) को फिर से शामिल किया गया है. इससे बायोलॉजी से ग्रेजुएशन और बीएड करने वाले उम्मीदवार अब भर्ती में शामिल हो सकेंगे. स्नातक (Graduation) जन्तु विज्ञान (Zoology) या वनस्पति विज्ञान (Botany) में होनी चाहिए. पहले किसी भी संबंधित विषय से स्नातकोत्तर (Post Graduation) करने वाले योग्य माने जाते थे. अब केवल भूगोल (Geography) में परास्नातक (M.A./M.Sc.) होना जरूरी है.

पीजीटी नागरिक शास्त्र की योग्यता
अब केवल राजनीति विज्ञान (Political Science/राजनीति शास्त्र) से स्नातकोत्तर करने वाले ही योग्य होंगे. हाई स्कूल स्तर पर अब साइंस टीचर और बायोलॉजी टीचर अलग-अलग होंगे. दोनों की योग्यता भी अलग-अलग तय की गई है. यह आदेश विशेष सचिव कृष्ण कुमार गुप्ता ने राज्यपाल की मंजूरी के बाद जारी किया है. पुराना आदेश (22 अप्रैल) रद्द कर दिया गया है. नया आदेश 9 सितंबर से लागू हो चुका है.

स्नातक डिग्री और बीएड होगा अनिवार्य 
विशेष सचिव कृष्ण कुमार गुप्त ने आदेश जारी करते हुए शिक्षा निदेशक माध्यमिक एवं सभापति माध्यमिक शिक्षा परिषद को पत्र भेज दिया है. संशोधित अर्हताओं (Eligibility Criteria) के अनुसार टीजीटी बायो भर्ती में जन्तु विज्ञान और वनस्पति विज्ञान विषय से स्नातक डिग्री और बीएड अनिवार्य होगा. पीजीटी भूगोल विषय में पहले संबंधित विषय से स्नातकोत्तर करने वाले अभ्यर्थियों को अर्ह माना गया था, परंतु अब भूगोल में ही परास्नातक होना जरूरी है. वहीं, नागरिक शास्त्र प्रवक्ता पद के लिए अब केवल राजनीति विज्ञान.राजनीति शास्त्र से परास्नातक ही मान्य होगा.

पोस्ट ग्रेजुएट टीचर की भर्ती प्रक्रिया में बदलाव
प्रवक्ता या पोस्ट ग्रेजुएट टीचर (पीजीटी) भूगोल में संशोधन करते हुए परास्नातक में भूगोल विषय को अनिवार्य कर दिया गया है. इसी प्रकार पीजीटी नागरिक शास्त्र विषय के लिए अब परास्नातक राजनीति विज्ञान अथवा राजनीति शास्त्र विषय में आवश्यक होगा.  आपको बता दें यूपी में सरकार ने टीजीटी ट्रेनिंग ग्रेजुएट टीचर गत पोस्ट ग्रेजुएट टीचर की भर्ती प्रक्रिया में कुछ बदलाव किया है.

बायोलॉजिकल विषय को फिर से टीजीटी भर्ती प्रक्रिया में शामिल किया गया है. इसी तरह हाई स्कूल स्तर पर विज्ञान पढ़ने के लिए साइंस टीचर और बायोलॉजी टीचर की अलग-अलग श्रेणी होगी जिसकी योग्यता अलग-अलग होगी. योग्यता में बदलाव का आदेश विशेष सचिव कृष्ण कुमार गुप्ता के द्वारा राज्यपाल की मंजूरी के बाद जारी किया गया है. पुराने आदेश 22 अप्रैल वाले को रद्द कर योग्यता मानदंड 9 सितंबर के आदेश के अनुसार लागू हो चुका है. 

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