भारतीय स्मार्टफोन बाजार में कभी राज करने वाला Xiaomi इन दिनों मुसीबतों से घिरा हुआ है. शाओमी की चमक भारत में तेजी से घट रही है. कंपनी इस वक्त गिरते हुए शिपमेंट, फ्रीज हुए फंड और रेगुलेटरी के बढ़ते दबावों से जूझ रही है. इन सभी की वजह से कंपनी की भारतीय बाजार में पकड़ कमजोर हो रही है.
कभी इस चीनी कंपनी के लिए भारत दूसरा सबसे बड़ा मार्केट हुआ करता था. लेकिन पिछले कुछ सालों में कंपनी की स्थिति भारतीय बाजार में खराब होती जा रही है. IDC की रिपोर्ट के मुताबिक, शाओमी का शिपमेंट भारत में पिछले साल के मुकाबले इस साल दूसरी तिमाही में 23.5% गिरा है.
टॉप-5 से बाहर हुआ ब्रांड
इसकी वजह से कंपनी टॉप 5 ब्रांड्स की लिस्ट से बाहर हो गई है. Vivo और Oppo जैसे ब्रांड्स को इसका खासा फायदा मिलता दिख रहा है. खासकर मिड से प्रीमियम रेंज मार्केट में शाओमी की सेल कम हुई है. कंपनी की समस्या सिर्फ खराब सेल नहीं है, बल्कि कई दूसरी मुश्किलों का भी सामना करना पड़ रहा है.
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इनकम टैक्स डिपार्टमेंट, ED और दूसरी एजेंसियों की जांच की वजह से कंपनी का 4700 करोड़ रुपये का फंड फंसा हुआ है. इसकी वजह से इन्वेस्टर की नजर में कंपनी की तस्वीर हाई-रिस्क वाली बन गई है. साल 2022 के बाद से कंपनी से कई प्रमुख लोग अलग हो चुके हैं. ब्रांड ने अपनी मार्केटिंग के खर्च में भी कटौती की है.
कभी 45 फीसदी था शेयर
साल 2018 में Xiaomi के ग्लोबल रेवेन्यू का 45 फीसदी हिस्सा भारत से आता था. आज के वक्त में ये आंकड़ा सिंगल डिजिट में पहुंच गया है. कंपनी ने भारत पर फोकस प्रोडक्ट्स को लॉन्च करना भी कम कर दिया है. जहां दूसरे ब्रांड्स नए-नए मॉडल्स लॉन्च कर रहे हैं, Xiaomi कुछ ही फोन्स को लॉन्च कर रहा है.
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कंपनी को अपनी स्थिति सुधारने के लिए जल्द ही कोई नया कदम उठाना होगा. हालांकि, कंपनी भारतीय बाजार में बने रहने के लिए अलग-अलग कदम उठा रही है. खासकर वियरेबल मार्केट में कंपनी के प्रोडक्ट काफी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं कंपनी स्मार्टफोन, वियरेलब, हियरेबल और टीवी मार्केट में भी उपलब्ध है.
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