ट्रंप की आक्रामक टैरिफ पॉलिसी के बाद भारत ने जब वैकल्पिक उपायों की तलाश शुरू की तो वाशिंगटन के रणनीतिकारों को ये सोचने पर विवश होना पड़ा कि भारत को अपनी हांका नहीं जा सकता है. भारत सोमवार सुबह चीन में नए वर्ल्ड ऑर्डर की बुनियाद रख रहा था तो उसी समय रिलीज किया गया अमेरिकी दूतावास का एक पोस्ट पावर बैलेंस की रोचक कहानी कहता है.
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PM मोदी ने SCO संबोधन में नए वर्ल्ड ऑर्डर की वकालत की है. (Photo: ITG)
चीन में SCO शिखर सम्मेलन के बैनर तले जब दुनिया की तीन महाशक्तियां मिल रही हैं तो इसका प्रभाव अमेरिका तक देखने को मिल रहा है. भारत, चीन और रूस के राष्ट्राध्यक्षों पीएम मोदी, राष्ट्रपति जिनपिंग और राष्ट्रपति पुतिन की मुलाकात के बीच भारत में अमेरिकी दूतावास की ओर से एक बेहद अहम पोस्ट किया गया है. इस ट्वीट की टाइमिंग और इसका कंटेट भारत-अमेरिका संबंधों के लिए निर्णायक है.
भारत में अमेरिकी दूतावास की ओर से किए गए इस पोस्ट में कहा गया है कि संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत के बीच साझेदारी लगातार नई ऊंचाइयों को छू रही है, जो 21वीं सदी का एक निर्णायक रिश्ता है. अमेरिकी दूतावास ने कहा है कि यह हमारे दोनों देशों के लोगों के बीच की स्थायी मित्रता ही है जो इस यात्रा को ऊर्जा प्रदान करती है.
इस पोस्ट में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो का एक बयान भी है. इसमें उन्होंने कहा है कि भारत और अमेरिका के लोगों के बीच गहरी दोस्ती हमारे संबंधों का आधार है.
The partnership between the United States and India continues to reach new heights — a defining relationship of the 21st century. This month, we’re spotlighting the people, progress, and possibilities driving us forward. From innovation and entrepreneurship to defense and… pic.twitter.com/tjd1tgxNXi
— U.S. Embassy India (@USAndIndia) September 1, 2025भारत में अमेरिकी दूतावास का ये ट्वीट तब आया है जब सोमवार सुबह ही चीन में पीएम मोदी, राष्ट्रपति जिनपिंग और राष्ट्रपति पुतिन की गर्मजोशी भरी मुलाकात हुई है. ये मुलाकात तब हो रही है जब ट्रंप ने भारत पर 50 फीसदी का हैवी टैरिफ लगाया है और ट्रंप के सलाहकार और रणनीतिकार भारत के खिलाफ सख्त बयान दे रहे हैं.
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