उत्तर प्रदेश पुलिस ने देश की सबसे बड़ी सिपाही भर्ती के तहत रविवार को लखनऊ के डिफेंस एक्सपो ग्राउंड में 60,244 चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र बांटे. इस भव्य समारोह में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौजूद रहे. यह आयोजन न केवल उत्तर प्रदेश, बल्कि बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखंड और राजस्थान के चयनित अभ्यर्थियों के लिए भी यादगार रहा. इस 5 घंटे के कार्यक्रम के पीछे उत्तर प्रदेश पुलिस की एक महीने की कड़ी मेहनत और सटीक योजना थी. आइए, जानते हैं कि इस विशाल आयोजन को कैसे अंजाम दिया गया.
एक महीने की मेहनत और सटीक योजना
इस ऐतिहासिक समारोह की तैयारी के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक महीने पहले से काम शुरू कर दिया था. पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव कृष्ण की अगुवाई में हर दिन उच्च स्तरीय अधिकारियों के साथ ब्रीफिंग की गई. कार्यक्रम को सुचारु और सुरक्षित बनाने के लिए हर छोटी-बड़ी व्यवस्था पर बारीकी से ध्यान दिया गया. अभ्यर्थियों को उनके घरों से लखनऊ तक लाने, उनके ठहरने, खाने-पीने और सुरक्षा की व्यवस्था सुनिश्चित करना. एडीजी स्तर के अधिकारियों को अलग-अलग जिम्मेदारियां सौंपी गईं. एडीजी ट्रैफिक को यातायात व्यवस्था और एडीजी साइबर क्राइम को मुख्य मंच की व्यवस्था का दायित्व दिया गया.
परिवहन व्यवस्था: 1239 बसों का विशाल काफिला
60,244 अभ्यर्थियों को उनके जिलों से लखनऊ लाने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस ने राज्य परिवहन निगम की 1239 बसों का इंतजाम किया. हर बस में एक सब-इंस्पेक्टर और दो महिला कॉन्स्टेबल तैनात किए गए. इतना ही नहीं इस पूरे इंतजाम के लिए एडीजी स्तर के अधिकारियों को लगाया गया. ट्रैफिक की जिम्मेदारी एडीजी ट्रैफिक को दी गई. कार्यक्रम स्थल के मुख्य मंच की जिम्मेदारी एडीजी साइबर क्राइम को दी गई. इन सभी इंतजामों की रोजाना डीजीपी राजीव कृष्ण खुद ब्रीफिंग ले रहे थे.
अलग-अलग बसें
महिला और पुरुष अभ्यर्थियों के लिए अलग-अलग बसें थीं, और महिला अभ्यर्थियों की बसों में केवल महिला पुलिसकर्मी थीं. प्रत्येक बस को पुलिस एस्कॉर्ट प्रदान किया गया, जो अपने जिले की सीमा तक सुरक्षा सुनिश्चित करता था और फिर अगले जिले की पुलिस को जिम्मेदारी सौंपता था.
ड्राइवरों का सत्यापन
बस ड्राइवरों का सत्यापन किया गया ताकि कोई नशे की हालत में न हो. ड्राइवरों को नियंत्रित गति में बस चलाने के निर्देश दिए गए. हर बस में प्राथमिक चिकित्सा किट और पानी की बोतलें उपलब्ध थीं.
अन्य राज्यों से अभ्यर्थियों को लाने की व्यवस्था
उत्तर प्रदेश के साथ-साथ बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखंड और राजस्थान के 1,145 चयनित अभ्यर्थियों को भी लखनऊ लाया गया. बिहार और झारखंड के अभ्यर्थियों को वाराणसी में इकट्ठा किया गया. मध्य प्रदेश के अभ्यर्थियों को झांसी और प्रयागराज में एकत्रित किया गया. दिल्ली और हरियाणा के अभ्यर्थियों को मेरठ, उत्तराखंड के अभ्यर्थियों को सहारनपुर, और राजस्थान के अभ्यर्थियों को आगरा में इकट्ठा कर बसों से लखनऊ लाया गया. इन अभ्यर्थियों के लिए भी वही सुरक्षा और सुविधाएं थीं, जो उत्तर प्रदेश के अभ्यर्थियों को दी गईं.
ट्रैफिक और सुरक्षा प्रबंधन
लखनऊ में एक साथ 60,000 से अधिक अभ्यर्थियों के पहुंचने से अव्यवस्था न हो, इसके लिए व्यापक इंतजाम किए गए. लखनऊ और आसपास के 10 जिलों (कानपुर नगर, रायबरेली, सुलतानपुर, फतेहपुर, सीतापुर, महोबा, उन्नाव, अमेठी, बस्ती, और जालौन) में शनिवार शाम से रविवार शाम तक भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाई गई. मेट्रो स्टेशनों पर अतिरिक्त कर्मचारी, गाइडेंस साइनेज, और टिकट काउंटर बढ़ाए गए. ट्रैफिक कंट्रोल के लिए हेल्पलाइन नंबर 9454405155 और परिवहन कंट्रोल रूम नंबर 8726005808 जारी किए गए. कार्यक्रम स्थल पर सीसीटीवी कैमरे, मेटल डिटेक्टर, डॉग स्क्वायड, और क्विक रिस्पॉन्स टीमें तैनात की गईं. सादे कपड़ों में खुफिया विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहे.
रात को ठहरने और भोजन की व्यवस्था
दूरदराज के जिलों से आने वाले अभ्यर्थियों को लखनऊ के आसपास के 17 जिलों में शनिवार रात ठहराया गया. इन जिलों में अभ्यर्थियों के लिए रात को रुकने की व्यवस्था की गई. 40 जिलों के अभ्यर्थियों को शनिवार रात 11 बजे तक इन मध्यवर्ती जिलों में पहुंचा दिया गया. स्थलों पर खाने-पीने की व्यवस्था की गई. रविवार दोपहर 1 बजे सभी बसें लखनऊ के लिए रवाना हुईं, ताकि अभ्यर्थी समय पर डिफेंस एक्सपो ग्राउंड पहुंच सकें.
अभ्यर्थियों की सुविधा और अनुशासन
उत्तर प्रदेश पुलिस ने अभ्यर्थियों की सुविधा और अनुशासन पर विशेष ध्यान दिया. अभ्यर्थियों को खाकी पैंट, सफेद शर्ट, और जूते पहनने के निर्देश दिए गए. बारिश की संभावना को देखते हुए रेनकोट लाने की सलाह दी गई. प्रत्येक जिले से एक राजपत्रित अधिकारी अभ्यर्थियों के साथ लखनऊ आया. कार्यक्रम स्थल पर हेल्प डेस्क और प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था थी. ऐसे उत्तर प्रदेश पुलिस ने सबसे बड़ी भर्ती के सबसे बड़े नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम को सकुशल संपन्न कराया.
भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता
यह भर्ती उत्तर प्रदेश पुलिस की अब तक की सबसे बड़ी और पारदर्शी भर्ती थी. 48.17 लाख आवेदनों में से 15.49 लाख महिलाएं थीं. पेपर लीक के कारण 24 फरवरी 2024 को रद्द हुई परीक्षा को अगस्त 2024 में दोबारा आयोजित किया गया. परीक्षा 5 दिनों में 10 शिफ्टों में हुई, जिसमें ओएमआर शीट्स की स्कैनिंग सीसीटीवी निगरानी में की गई. लिखित परीक्षा, शारीरिक दक्षता परीक्षा, और दस्तावेज सत्यापन के बाद 60,244 अभ्यर्थियों का चयन हुआ, जिसमें 12,048 महिलाएं शामिल थीं.