उत्तर प्रदेश रेरा (UP RERA) के मुताबिक, रियल एस्टेट से जुड़ी शिकायतों में गौतमबुद्ध नगर, लखनऊ, गाजियाबाद, वाराणसी और मेरठ शीर्ष पर हैं. यूपी रेरा को अब तक 58,545 शिकायतें मिली हैं, जिनमें से 50,812 का निपटारा हो चुका है.
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उत्तर प्रदेश रेरा ने जारी की रिपोर्ट (Photo: Representational)
उत्तर प्रदेश रेरा (UP RERA) ने एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें रियल एस्टेट से जुड़ी शिकायतों के बारे में जानकारी दी गई है. यूपी रेरा को अब तक 58,545 शिकायतें मिली हैं. इनमें से 50,812 मामलों का निपटारा किया जा चुका है. निपटारे की दर 85.20% है. पूरे भारत में दर्ज हुई शिकायतों में 39% शिकायतें सिर्फ यूपी से हैं. वहीं, निपटारे के मामले में यूपी का योगदान 40% है. इस साल, यानी 2025 में, 2,394 शिकायतें दर्ज हुईं, जिनमें से 1,810 का समाधान हो चुका है.
शिकायतों का कारण और टॉप जिले
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, ज्यादातर शिकायतें पजेशन में देरी, पैसे वापस करने और प्रमोटरों द्वारा ब्याज भुगतान से जुड़ी हैं. ये शिकायतें यूपी के शहरी केंद्रों में रियल एस्टेट के बढ़ते विकास को दर्शाती हैं. सबसे ज्यादा शिकायतें गौतमबुद्ध नगर, लखनऊ, गाजियाबाद, वाराणसी और मेरठ से आई हैं. ये जिले रियल एस्टेट विकास के मुख्य केंद्र हैं, इसलिए यहां हाउसिंग प्रोजेक्ट्स और पजेशन में देरी से जुड़ी समस्याएं सबसे ज्यादा हैं.
इस पूरे मामले में यूपी रेरा (Uttar Pradesh Real Estate Regulatory Authority) के चेयरमैन संजय भूश्रेड्डी ने कहा कि अथॉरिटी का मकसद घर खरीदारों के अधिकारों की सुरक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में पारदर्शिता लाना है. उन्होंने बताया कि शिकायतों के निपटारे की उच्च दर अथॉरिटी की कार्यकुशलता को दर्शाती है.
यूपी रेरा के चेयरमैन ने आगे कहा कि वे प्रमोटरों की जवाबदेही सुनिश्चित करने और उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए अपने प्रयासों को और मजबूत करेंगे. उन्होंने बताया कि अकेले 2025 में, यूपी रेरा में 2,394 शिकायतें दर्ज की गई हैं, जिनमें से अब तक 1,810 का निपटारा किया जा चुका है.
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