शुभमन गिल की अगुवाई में भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन मैचों की वनडे सीरीज गंवा चुकी है. पर्थ में खेले गए पहले वनडे में भारतीय टीम को डीएलएस नियम के तहत सात विकेट से हार का सामना करना पड़ा था. फिर एडिलेड वनडे में टीम इंडिया को 2 विकेट से शिकस्त झेलनी पड़ी. अब सिडनी में खेले जाने वाले वनडे मैच में भारतीय टीम हर हाल में जीत हासिल करना चाहेगी, ताकि क्लीन स्वीप से बचा जा सके.
भारतीय टीम की सीरीज हार के बाद दिग्गज स्पिनर रविचंद्रन अश्विन का रिएक्शन सामने आया है. अश्विन ने भारतीय टीम की रणनीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि कुलदीप यादव को प्लेइंग-11 से बाहर रखना समझदरी भरा कदम नहीं था. उनका मानना है कि बाएं हाथ के कलाई के स्पिनर कुलदीप टीम को एक अलग विकल्प दे सकते हैं और वो बाकी गेंदबाजों से अलग हैं. कुलदीप को पहले दो मैचों में मौका नहीं मिला था.
आर. अश्विन ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा, 'अक्षर पटेल और वॉशिंगटन सुंदर ने जरूर विकेट लिए, लेकिन ज्यादा महत्वपूर्ण है लगातार विकेट लेना. एडम जाम्पा को देखिए, उन्होंने चार विकेट लिए और उनकी गेंद भी टर्न होती है. सोचिए, क्या कूपर कोनोली ने कभी कुलदीप यादव का सामना किया है? शायद मैथ्यू शॉर्ट ने थोड़ा बहुत किया हो. एलेक्स कैरी ने किया है, लेकिन उन्हें भी दिक्कत हुई थी. मिचेल ओवेन ने तो कभी उनको खेला ही नहीं है.'
क्या सिडनी वनडे में खेलेंगे कुलदीप?
आर. अश्विन ने आगे कहा, 'इस ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी लाइन अप ने कुलदीप को पहले कभी नहीं देखा है. जो भी बल्लेबाज पहली बार उनका सामना करता है, उसे परेशानी होती है. इसलिए उन्हें बाहर रखना समझदारी भरा फैसला नहीं है. मुझे उम्मीद है कि उन्हें सिडनी में मौका मिलेगा. हर्षित राणा ने भी बल्ले और गेंद से अच्छा किया है, लेकिन कुलदीप एक प्रमाणित विकेटटेकर है और टीम के लिए कुछ अतिरिक्त कर सकते हैं.'
एडिलेड में खेले गए दूसरे वनडे में भारत ने 264/9 का स्कोर बनाया था. रोहित शर्मा ने 97 गेंदों में 73 रन बनाए, जिसमें 7 चौके और दो छक्के शामिल रहे. वहीं श्रेयस अय्यर ने 61 रन जोड़े. ऑस्ट्रेलियाई लेग-स्पिनर एडम जाम्पा ने 60 रन देकर 4 विकेट झटके, जबकि जेवियर बार्टलेट ने तीन विकेट लिए. बार्टलेट ने ही विराट कोहली को डक पर आउट किया था. लक्ष्य का पीछा करते हुए ऑस्ट्रेलिया ने आसानी से जीत हासिल की. कूपर कोनोली ने 53 गेंदों में नाबाद 61 रन बनाए. वहीं मैथ्यू शॉर्ट ने सर्वाधिक 74 रनों का योगदान दिया.
सीरीज भले ही पहले ही ऑस्ट्रेलिया के नाम हो चुकी है, लेकिन भारत के पास अब आखिरी मैच में प्रतिष्ठा बचाने का मौका है. अश्विन की इस टिप्पणी ने बहस छेड़ दी है कि आखिर क्यों कुलदीप यादव जैसे गेंदबाज को पहले दो मैचों में नजरअंदाज किया गया, जबकि उनकी मौजूदगी भारतीय स्पिन अटैक को और घातक बना सकती थी.
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